मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने शुक्रवार देर सायं अन्तरराष्ट्रीय कुल्लू दशहरा उत्सव-2024 की अन्तिम सांस्कृतिक संध्या की बतौर मुख्यातिथि अध्यक्षता करते हुए सभी लोगों को उत्सव की शुभकामनाएं दीं। उन्होंने कहा कि कुल्लू दशहरा उत्सव हर वर्ष अन्तरराष्ट्रीय स्तर पर नए आयाम स्थापित कर रहा है। उन्होंने कहा कि इस वर्ष उत्सव के दौरान एम्बेसडर्ज मीट का आयोजन किया गया। उन्होंने इसके सफल आयोजन के लिए मुख्य संसदीय सचिव सुन्दर सिंह ठाकुर और विधायक भुवनेश्वर गौड़ के प्रयासों की सराहना की।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हिमाचल प्रदेश देवी-देवताओं की भूमि है और प्रदेश के लोगों और प्रदेश सरकार की यह सामूहिक जिम्मेदारी है कि राज्य की समृद्ध देव संस्कृति का संरक्षण किया जाए। उन्होंने कहा कि लालड़ी नृत्य प्रदेश की जीवंत संस्कृति का प्रतीक है और यह हमें एकता की भावना का एहसास दिलाता है।
इससे पहले, मुख्यमंत्री ने विधिवत रूप से कुल्लू के लोक परंपरा के अनुसार नृत्य लालड़ी का शुभारंभ किया और इससे भाग भी लिया। उन्होंने ढालपुर मैदान पर विकासात्मक प्रदर्शनियों का निरीक्षण भी किया।
सांस्कृतिक संध्या के अन्तिम दिन पार्श्व गायक नीरज श्रीधर की प्रस्तुति ने सभी का मन मोह लिया। उज्जबेकिस्तान के कलाकारों की मनमोहक प्रस्तुतियों को सभी ने सराहा। इसके साथ सांस्कृतिक फ्यूजन पर आधारित कार्यक्रम ने भी लोगों का भरपूर मनोरंजन किया।
मुख्य संसदीय सचिव सुन्दर सिंह ठाकुर, विधायक भुवनेश्वर गौड़, जिला कांग्रेस अध्यक्ष सेस राम आजाद, कांग्रेस नेता बुद्धि सिंह ठाकुर, विजय पाल सिंह, एचपीएसआईडीसी के उपाध्यक्ष विशाल चम्बयाल, एपीएमसी मंडी के अध्यक्ष संजीव गुलेरिया, हिमाचल प्रदेश कौशल विकास निगम के समन्वयक अतुल कडोहता, उपायुक्त तोरूल एस. रवीश और अन्य गणमान्य भी इस अवसर पर उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री ने अन्तरराष्ट्रीय कुल्लू दशहरा उत्सव-2024 की अन्तिम सांस्कृतिक संध्या की अध्यक्षता की
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