बैठक को संबोधित करते हुए अंजना पंवार ने कहा कि सफाई कर्मियों का साल में दो बार स्वास्थ्य चेकअप करवाया जाए। इस चैकअप में शरीर के सभी अवश्य टेस्ट करवाएं जाएं। उन्होंने कहा कि स्थानीय निकायों में सोसाइटी बना कर सफाई कर्मियों की तैनाती के लिए कार्य करें। हर महीने में सफाई कर्मियों के साथ संबंधित अधिकारी बैठक करते हुए विभिन्न मुद्दों के समाधान पर कार्य करें। सफाई कर्मियों के सरकारी आवासों में मरम्मत कार्यों पर प्रशासन कार्य करें। उन्होंने कहा कि सफाई कर्मियों से मूल पद पर ही कार्य लिया जाए। वहीं पुलिस में सफाई कर्मियों से जुड़े मामले की जांच में तीव्रता लाने के निर्देश पुलिस विभाग को दिए। नगर निगम शिमला में आउटसोर्सिंग के माध्यम से कार्य कर रहे सफाई कर्मियों को आउटसोर्सिंग एजेंसी द्वारा फ्री मेडिकल चेकअप, ग्रुप इंश्योरेंस, पीएफ डिडक्शन की जानकारी पे स्लिप पर अनिवार्य रूप से लागू करने के निर्देश दिए गए।
उन्होंने कहा कि सफाई कर्मियों के पदों में इजाफा किया जाए ताकि सफाई कार्यों को और प्रभावी ढंग से किया जाए। सफाई कर्मियों के रिहायशी क्षेत्रों में सामुदायिक भवन बनाए जाए। जहां पर सामुदायिक भवन है वहां पर एक कमरे में पुस्तकालय स्थापित किया जाएगा। सफाई कर्मी के सेवानिवृत्ति से छह महीने पहले पेंशन केस के सारे दस्तावेज तैयार किए जाए। उन्होंने कहा कोई भी सफाई कर्मी जब सेवानिवृत होगा तो विभाग के कार्यालय से उसे पूरे सम्मान के साथ विदाई दी जाएगी। इसके लिए एक छोटा कार्यक्रम कार्यालय में आयोजित होगा। सफाई कर्मियों की ग्रुप इंश्योरेंस होना सुनिश्चित किया जाए। उन्होंने बैंक प्रबंधन को निर्देश दिए गए कि सीएसआर के फंड का इस्तेमाल सफाई कर्मियों की बस्तियों में खर्च करें। सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग विभिन्न योजनाओं की जानकारी देने के लिए सफाई कर्मियों हेतु जागरूकता शिविरों का आयोजन करें।
उन्होंने कहा कि “मैनुअल स्कैवेंजर्स के नियोजन का प्रतिषेध और उनका पुनर्वास अधिनियम, 2013” के तहत मैनुअल स्कैवेंजिंग को पूरी तरह प्रतिबंधित किया गया है। इसके साथ ही इस अधिनियम के तहत नालियों, सीवर टैंकों, सेप्टिक टैंकों को बिना किसी सुरक्षा उपकरण के मैन्युअल रूप से साफ करने के लिये लोगों को रोजगार देना या उन्हें इससे जोड़ना एक दंडनीय अपराध है। इस अधिनियम में राज्य सरकारों और नगरपालिका निकायों को हाथ से मैला ढोने वाले लोगों की पहचान कर परिवार सहित उनके पुनर्वास का प्रबंध करने की बात कही गई है। इस अधिनियम के तहत मैनुअल स्कैवेंजर्स को प्रशिक्षण प्रदान करने, ऋण देने और आवास प्रदान करने की भी व्यवस्था की गई है।
उन्होंने कहा कि बैठक में जो भी निर्देश दिए गए है कि इसके बारे में संबंधित विभाग कारवाई रिपोर्ट तुरंत भेजे।
इस दौरान उपायुक्त शिमला अनुपम कश्यप ने कहा कि जिला में सफाई व्यवस्था को लेकर बेहतरीन तरीके से कार्य किया जा रहा है। सफाई कर्मियों के लिए हर संभव सहायता मुहैया करवाई जा रही है। सफाई कर्मियों को मुख्य धारा से जोड़ने वाली योजनाओं का क्रियान्वन हो रहा है। उन्होंने कहा कि बैठक में जो भी निर्देश दिए गए है, उनका सख्ती से पालन किया जाएगा।
इस बैठक में उपायुक्त शिमला अनुपम कश्यप, उपायुक्त सोलन मनमोहन शर्मा, पुलिस अधीक्षक शिमला संजीव कुमार गांधी, एडीएम (प्रोटोकॉल) ज्योति राणा, निदेशक (एससी, ओबीसी, अल्पसंख्यक और विशेष रूप से सक्षम सशक्तिकरण विभाग) जितेंद्र सांजटा, आयुक्त नगर निगम शिमला भूपेंद्र अत्री तथा जिला शिमला, सोलन, किन्नौर और सिरमौर के अन्य अधिकारी मौजूद रहे।
सफाई कर्मियों को वर्दी देना अनिवार्य करें
बैठक में उपाध्यक्ष ने कहा कि सफाई कर्मियों को वर्दी देना सुनिश्चित करें। स्थानीय निकायों में इन आदेशों को सख्ती से लागू करें। अगर सफाई कर्मी आउटसोर्सिंग के माध्यम से लगे है तो एजेंसी की जिम्मेदारी से वर्दी,जूते मुहैया करवाए जाए। इसके साथ ही कर्मियों को कार्य करने के लिए सुरक्षा के उपकरण भी मुहैया करवाने पर ध्यान दिया जाए।
हर महीने 1 से 7 तारीख तक देना होगा वेतन
बैठक में फैसला लिया गया है कि सफाई कर्मियों को हर महीने की 01 से 07 तारीख के बीच में मासिक वेतन देना सुनिश्चित करना होगा। अगर कर्मी आउटसोर्स है तो एजेंसी के माध्यम से भी उन्हें उक्त निर्धारित तिथियों के बीच में वेतन की अदायगी की जिम्मेदारी संबंधित विभागाध्यक्ष की रहेगी।
बैठक में निर्देश दिए है कि सभी सफाई कर्मियों को पहचान पत्र जारी हो। इस पहचान पत्र में नाम, ब्लड ग्रुप, पीएफ नंबर और ईएसआई नंबर का जिक्र करना अनिवार्य किया गया है। सभी स्थानीय निकाय इसी के मुताबिक सफाई कर्मियों को उक्त मानकों के आधार पर पहचान पत्र जारी करें।
बैठक में अनुपस्थित रहने वाले अधिकारियों, एजेंसी संचालकों को कारण बताओ नोटिस जारी करने के निर्देश उपाध्यक्ष ने दिए। उन्होंने कहा कि जब सभी को बैठक में उपस्थित रहने के निर्देश दिए गए है तो बैठक से अनुपस्थित रहना किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जा सकता है।