सुजानपुर 24 अक्तूबर। अंतर्राष्ट्रीय बालिका दिवस के उपलक्ष्य पर जिला विधिक सेवाएं प्राधिकरण ने वीरवार को बाल विकास परियोजना अधिकारी कार्यालय सुजानपुर के सहयोग से यहां मिनी सचिवालय में एक जागरुकता कार्यक्रम आयोजित किया। इसकी अध्यक्षता प्राधिकरण के सचिव एवं सीनियर सिविल जज असलम बेग ने की।
इस अवसर पर उन्होंने क्षेत्र की आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं, पर्यवेक्षकों और अन्य प्रतिभागियों को भ्रूण के लिंग परीक्षण और कन्या भू्रण हत्या को रोकने के लिए बनाए गए पीसी एंड पीएनडीटी एक्ट-1994 की विस्तृत जानकारी दी। असलम बेग ने बताया कि गर्भवती महिला के भ्रूण के लिंग का परीक्षण कानूनन अपराध है। इसे रोकने के लिए पीसी एंड पीएनडीटी एक्ट में बहुत ही कड़े प्रावधान किए गए हैं। इसमें अल्ट्रासाउंड मशीनों के लिए कड़े नियम बनाए गए हैं। इनका उल्लंघन करने पर सजा का प्रावधान है।
उन्होंने राष्ट्रीय विधिक सेवाएं प्राधिकरण (नालसा) की मुफ्त कानूनी सहायता योजना और अन्य योजनाओं की जानकारी भी दी। नालसा मोबाइल ऐप और नालसा हेल्पलाइन नंबर 15100 के बारे में भी बताया। असलम बेग ने कहा कि अदालतों में लंबित मामलों का मध्यस्थता एवं आपसी सहमति तथा राष्ट्रीय लोक अदालतों के माध्यम से त्वरित निपटारा करवाया जा सकता है। उन्होंने कहा कि संबंधित लोगों को समय-समय पर आयोजित की जाने वाली लोक अदालतों का लाभ उठाना चाहिए।
कार्यक्रम के दौरान वरिष्ठ अधिवक्ता अमित शर्मा ने भी विभिन्न अधिनियमों की जानकारी दी। जबकि बाल विकास परियोजना अधिकारी कुलदीप सिंह चौहान ने सरकार की विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं से अवगत करवाया।
आंगनवाड़ी कर्मियों को बताया पीसी एंड पीएनडीटी एक्ट
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