मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने गत सायं जिला किन्नौर में चार दिवसीय राज्य स्तरीय किन्नौर महोत्सव के समापन समारोह की अध्यक्षता की। उन्होंने कहा कि यह महोत्सव किन्नौर के पारम्परिक संगीत, नृत्य और कला शैलियों का प्रतिबिंब है।
मुख्यमंत्री ने किन्नौर की अनूठी परम्पराओं को संरक्षित और प्रोत्साहित करने के लिए वहां के लोगों की सराहना की। उन्होंने कहा कि इस तरह के उत्सव न केवल समुदाय को एकजुट करते हैं बल्कि लोगों को प्रदेश की समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर से रू-ब-रू भी करवाते हैं।
प्रदेश सरकार राज्य की समृद्ध संस्कृति को संजोकर रखने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है। उन्होंने कहा कि सरकार ने जनजातीय क्षेत्रों के विकास और यहां के लोगों के सामाजिक और आर्थिक उत्थान के लिए विभिन्न योजनाएं शुरू की गई हैं और जल्द ही किन्नौर में एक हैलीपोर्ट का निर्माण किया जाएगा। इसके अलावा, यहां के युवाओं को नशे के दुष्प्रभावों से बचाने के लिए 28 करोड़ रुपये की लागत से खेल परिसर का निर्माण किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार किन्नौर जिला के टापरी में जियोथर्मल तकनीक से विश्व का पहला नियंत्रित वातावरण भंडारण (सीए स्टोर) का निर्माण कर रही है। इसके लिए आईसलैंड व हिमाचल सरकार के मध्य समझौता ज्ञापन हस्ताक्षरित किया गया है। इससे क्षेत्र बागवान लाभान्वित होंगे और उनकी आर्थिकी सुदृढ़ होगी। उन्होंने कहा कि बागवानी क्षेत्र को सुदृढ़ करने के लिए प्रदेश सरकार ने यूनिवर्सल कार्टन शुरू किया है, जिसके अन्तर्गत बागवानों से प्रति किलो के हिसाब से सेब की खरीद की जा रही है, जो सरकार की सुशासन प्रणाली से ही संभव हो पाया है।
उन्होंने कहा कि किन्नौर के निगुलसरी में बारिश के कारण अधिकतम समय सड़क मार्ग अवरूद्ध रहता है। प्रदेश सरकार ने रिकांगपिओं के लिए वैकल्पिक सड़क मार्ग निर्माण के लिए 5 करोड़ रुपये का प्रावधान किया है ताकि क्षेत्रवासियों को असुविधा का सामना न करना पड़े।
ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने कहा कि प्रदेश की बागड़ोर संभालने के उपरान्त राज्य सरकार ने जनहितैशी निर्णय लिए और मंत्रिमण्डल की पहली ही बैठक में कर्मचारियों को उनका हक दिलाने के लिए पुरानी पैंशन बहाल की। इस योजना से प्रदेश के 1.36 लाख सरकारी कर्मचारी लाभान्वित हुए हैं। आपदा के दौरान प्रदेश सरकार सभी प्रभावित लोगों के साथ मजबूती के साथ खड़ी रही और प्रभावितों के लिए 4500 करोड़ रुपये का विशेष राहत पैकेज जारी किया। उन्होंने कहा कि जनजातीय क्षेत्र के विकास के लिए 30.70 करोड़ रुपये की विकासात्मक परियोजनाएं समर्पित की गई हैं। इन योजनाओं से क्षेत्र का विकास होगा और यहां के लोग लाभान्वित होंगे।
उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार ने बच्चों को गुणात्मक शिक्षा प्रदान करने के लिए इस शैक्षणिक सत्र से पहली कक्षा से अंग्रेजी माध्यम शुरू किया है। इसके अलावा, सरकार प्रदेश में स्वास्थ्य सेवाओं को और अधिक सुदृढ़ करने के लिए विभिन्न योजनाएं क्रियान्वित कर रही है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्तमान सरकार जनता की सरकार है, जहां महिलाओं को सम्मान, युवाओं को रोजगार और किसानों को उनके उत्पाद का उचित मूल्य मिल रहा है।
उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार हिमाचल प्रदेश को वर्ष 2027 तक आत्मनिर्भर राज्य तथा वर्ष 2032 तक देश का सबसे समृद्ध राज्य बनाने के लक्ष्य को हासिल करने के लिए निरन्तर कार्य कर रही है। सरकार ने अपनी 10 गारंटियों में से पांच गारंटियों को पूरा कर लिया है और पात्र लोगों तक इन योजनाओं का लाभ सुनिश्चित किया जा रहा है।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने वन अधिकार अधिनियम, 2006 के अन्तर्गत जिले के निर्धन एवं भूमिहीन लोगों को भू-पट्टे प्रदान कर उनकी जमीन का मालिकाना हक प्रदान किया।
इसके उपरान्त, मुख्यमंत्री ने राज्य स्तरीय किन्नौर उत्सव के अवसर पर आयोजित विभिन्न प्रतियोगितों के विजेताओं को सम्मानित किया।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने विभिन्न विभागों द्वारा लगाई गई प्रदर्शिनियों का अवलोकन भी किया और सांस्कृतिक संध्याओं में भाग लेने वाले प्रतिभागियों को सम्मानित किया।
जनजातीय विकास मंत्री जगत सिंह नेगी, जिला कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष उमेश नेगी, जिला महिला कांग्रेस अध्यक्षा सरोज नेगी, महासचिव जिला महिला कांग्रेस ललिता, जिला परिषद उपाध्यक्ष प्रिया नेगी, सहकारी बैंक के निदेशक विक्रम नेगी सहित अन्य गणमान्य व्यक्ति भी इस अवसर पर उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री ने राज्य स्तरीय किन्नौर महोत्सव के समापन्न समारोह की अध्यक्षता की
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