रामपुर में चार दिवसीय अंतरराष्ट्रीय लवी मेले में जाइका वानिकी परियोजना से जुड़े स्वयं सहायता समूहों के प्राकृतिक उत्पादों की खुशबू खूब महक रही है। सोमवार को प्रदेश के राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल ने जाइका वानिकी परियोजना के स्टॉल का लोकार्पण किया। उनके साथ जिलाधीश शिमला अनुपम कश्यप भी मौजूद रहे। उन्होंने परियोजना के अंतर्गत विभिन्न स्वयं सहायता समूहों के प्राकृतिक उत्पादों की सराहना करते हुए कहा कि कहा कि आज हम लोग मिलेट्स के उपयोग को बढ़ावा दे रहे हैं ताकि हमारा स्वास्थ्य ठीक रहे। रसायन प्रयोग से बेशक उत्पादन बढ़ता है, परन्तु उनके नुकसान भी बहुत हैं। इसलिए प्राकृतिक उत्पादों का अधिक से अधिक उत्पादन करने की आवश्यकता है। इसके साथ-साथ लोगों की आजीविका में सुधार होगा और उनकी आर्थिकी भी मजबूत होगी। गौरतलब है कि लवी मेले में लगाए गए इस स्टॉल में राजमाह, तुलसी का आटा, घी, शहद, किन्नौरी टोपी, स्टाल, किन्नौरी शॉल, चुल्ली का तेल, सोयाबीन, अखरोट, सत्तू, किर्ती, सीरा, माश समेत कई अन्य प्राकृतिक उत्पादों की बिक्री हो रही है। बता दें कि इस बार के लवी मेले में वन मंडल किन्नौर, रामपुर और आनी के 17 स्वयं सहायता समूह तरह-तरह के प्राकृतिक उत्पाद उत्पादों की बिक्री के लिए यहां पहुंचे। इस अवसर पर वन मंडलाधिकारी गुरहर्ष सिंह, अतिरिक्त अरण्यपाल तेज सिंह, हिमाचल प्रदेश वन सेवा से सेवानिवृत अधिकारी सीएम शर्मा, वन परिक्षेत्र अधिकारी सराहन कुंदन लाल नेगी समेत जाइका वानिकी परियोजना के अधिकारी एवं कर्मचारी उपस्थित रहे।
लवी मेले में महक रही जाइका के प्राकृतिक उत्पादों की खुशबू
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