0 0 lang="en-US"> प्राकृतिक आपदा में प्रभावितों और घायलों को घटना स्थल से सुरक्षित बाहर निकालने में स्वयंसेवियों का रहता हैं महत्वपूर्ण योगदान - ग्रेटवे न्यूज नेटवर्क
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प्राकृतिक आपदा में प्रभावितों और घायलों को घटना स्थल से सुरक्षित बाहर निकालने में स्वयंसेवियों का रहता हैं महत्वपूर्ण योगदान

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आपदा जोखिम न्यूनीकरण व जागरूकता कार्यशाला में दूसरे दिन डॉ आबरू गुप्ता ने स्वयंसेवियों को बताए आपदा से निपटने के गुर
आपदा जोखिम न्यूनीकरण व आपदा जोखिम से निपटने के लिए जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण मंडी के सौजन्य से तीन दिवसीय प्रशिक्षण कार्याशाला का आयोजन उपमंडल करसोग में 18 नवंबर से 20 नवम्बर,2024 तक किया जा रहा है। कार्यशाला के दूसरे दिन सिविल अस्पताल करसोग से मेडिकल ऑफिसर डॉ आबरू गुप्ता ने बतौर रिसोर्स पर्सन स्वयंसेवियों को आपदा प्रबंधन और प्राथमिक उपचार संबंधी प्रशिक्षण प्रदान किया। उन्होंने स्वयंसेवियों को आपदा प्रबंधन और आपदा प्रभावितों को होने वाली विभिन्न इंजरी और फ्रैक्चर आदि की स्थिति से सुरक्षित बाहर निकालने संबंधी महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान की।
डॉ आबरू गुप्ता ने कहा कि किसी भी प्रकार की प्राकृतिक आपदा में आपदा प्रभावितों और घायल व्यक्तियों को घटना स्थल से सुरक्षित बाहर निकलने में स्वयंसेवियों का महत्वपूर्ण योगदान रहता है। उन्होंने कहा कि स्वयंसेवी आपदा प्रभावितों को तभी सुरक्षित बचा सकते है जब वे स्वयं आपदा से निपटने व प्राथमिक उपचार की उचित विधि से परिचित हों। उन्होंने स्वयंसेवियों को आपदा प्रबंधन के पांच महत्वपूर्ण चरणों रिस्पॉन्स फेज, रिहैबिलिटेशन फेज, वर्नरबिलिटी असेसमेंट, डिजास्टर प्रीपेंडनेस और मिटिगेशन प्लानिंग के बारे में बताया।
उन्होंने आपदा के समय प्रभावितों को दिए जाने वाले प्राथमिक उपचार और बचाव के बारे में स्वयंसेवियों को विस्तृत जानकारी प्रदान की। उन्होंने कहा कि प्राथमिक उपचार किसी आपदा प्रभावित व्यक्ति के जीवन को बचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। उन्होंने कहा कि प्राथमिक उपचार का मुख्य उद्देश्य किसी व्यक्ति को हुई इंजरी से उसे सुरक्षित बचाना और ज्यादा इंजरी होने से रोकने के साथ उसे कम समय में ठीक करना है। उन्होंने कहा कि स्वयंसेवी हाथों में ग्लब्स पहन कर ही घायल व्यक्ति को प्राथमिक उपचार प्रदान करें ताकि किसी भी प्रकार के इंफेक्शन से उनका बचाव सुनिश्चित हो सके।
उन्होंने कार्यशाला में उपस्थित स्वयंसेवियों को सांप के काटने, सीपीआर, स्पाइनल फ्रैक्चर, नैक फ्रैक्चर, कुत्ते के काटने, और जलने पर दिए जाने वाले प्राथमिक उपचार व इलाज के तरीकों से अवगत करवाया।
गौरतलब है कि आपदा जोखिम न्यूनीकरण व जागरूकता संबंधी तीन दिवसीय कार्यशाला में ग्राम पंचायत केलोधार,शैंदल,मेहरन व कनेरी माहोग से आपदा प्रबंधन टास्क फोर्स के 60 स्वयंसेवी भाग ले रहे है।
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