हमीरपुर 24 नवंबर। हिमाचल प्रदेश की सुंदर वादियों और यहां की आबोहवा को प्रदूषण से मुक्त रखने के लिए प्रदेश सरकार विशेष प्रयास कर रही है। इसी के तहत प्रदेश में इलेक्ट्रिकल वाहनों को बड़े पैमाने पर प्रोत्साहित किया जा रहा है।
मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने प्रदेश की कमान संभालते ही इलेक्ट्रिकल वाहनों के प्रयोग की दिशा में बहुत बड़ी पहल की थी और अब उनकी इस विशेष पहल के बहुत ही सराहनीय परिणाम सामने आ रहे हैं।
हिमाचल प्रदेश परिवहन विभाग देश का पहला ऐसा विभाग बन चुका है, जो पूरी तरह से इलेक्ट्रिक वाहनों का ही इस्तेमाल कर रहा है और अब कई ट्रांसपोर्टर, टैक्सी ऑपरेटर तथा आम लोग बड़े पैमाने पर इलेक्ट्रिक वाहन खरीद रहे हैं।
प्रदेश सरकार ने 680 करोड़ रुपये की राजीव गांधी स्वरोजगार स्टार्ट-अप योजना भी आरंभ की है, जिसमें ई-टैक्सी खरीदने के लिए युवाओं को 50 प्रतिशत सब्सिडी और ऋण लेने की शर्तों मेें ढील प्रदान की जा रही है। परिवहन विभाग ई-रिक्शा एवं ऑटो तथा ई-बसों के लिए परमिट दे रहा है। जिला हमीरपुर में भी कई युवाओं को ई-टैक्सी और ऑटो के परमिट दिए गए हैं। अभी जिला हमीरपुर में 22 युवाओं को ई-ऑटो चलाने के लिए परमिट एवं सब्सिडी प्रदान की जा चुकी है।
हमीरपुर शहर में ई-ऑटो चला रहे वार्ड नंबर-7 के अनमोल कुमार ने बताया कि प्रदेश सरकार से सब्सिडी प्राप्त करके उन्होंने ई-ऑटो खरीदा था और इससे उन्हें काफी अच्छी आय हो रही है। इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए सब्सिडी प्रदान करने के लिए प्रदेश सरकार की योजना की सराहना करते हुए अनमोल कुमार कहते हैं कि बेरोजगार युवाओं के लिए यह योजना बहुत ही फायदेमंद है। इन वाहनों का परिचालन किफायती होने के साथ-साथ पर्यावरण संरक्षण की दृष्टि से भी बहुत ही महत्वपूर्ण है।
उधर, नादौन उपमंडल के कांगू क्षेत्र के गांव झरेड़ी के कश्मीर सिंह ने बताया कि उन्होंने लगभग 4 लाख रुपये में ई-ऑटो खरीदा और प्रदेश सरकार की योजना के तहत उन्हें इस पर लगभग 70 हजार रुपये सब्सिडी मिली। कश्मीर सिंह ने बताया कि इस ई-ऑटो से ही उनके परिवार का गुजारा चल रहा है। उन्होंने कहा कि यह वाहन काफी किफायती और पूरी तरह प्रदूषण मुक्त है। कश्मीर सिंह का कहना है कि बेरोजगार युवाओं के लिए यह योजना वरदान साबित हो सकती है।
कश्मीर सिंह और अनमोल की कमाई का जरिया बने ई-ऑटो
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