कहीं फंस न जाएं आप भी गलत पॉलिसी के जाल में! कार इंश्योरेंस लेने से पहले इन बातों पर दें ध्यान।. कार इंश्योरेंस लेते समय अधिकतर समय हम ध्यान नहीं देते और पॉलिसी रिन्यू के लिए आने वाले फोन पर ही हम गाड़ी का इंश्योरेंस रिन्यू करवा लेते हैं. न हम ये पूछते हैं कि इंश्योरेंस कॉम्प्रेहेंसिव करवाना है या थर्ड पार्टी.न ही हम ये पूछते हैं कि उस पॉलिसी में हमें क्या बैनिफिट मिल रहे हैं या फिर किसी भी हादसे के दौरान या किसी और स्थिति में क्या क्लेम कर सकते हैं और क्या नहीं. यानि पॉलिसी क्या कवर कर रही है, क्या नहीं कर रही है और प्रीमियम रेट्स किस तरीके से कैलकुलेट किए गए हैं.
बाजार में इन दिनों सैकड़ाें की संख्या में इंश्योरेंस प्रोवाइडर हैं और वे कई तरह की पॉलिसी भी करते हैं. ऐसे में ये ध्यान देने की जरूरत है कि आप कौन सी पॉलिसी ले रहे हैं और उसके फायदे क्या हैं. इससे पहले जरूरी है कि आप इंश्योरेंस कंपनी की टर्म और कंडीशन को अच्छे से समझ लें. आइये आपको बताते हैं कार इंश्योरेंस से जुड़ी कुछ जरूरी बातें.
कितने तरह के कार इंश्योरेंस
फर्स्ट पार्टी या कंप्रेहेन्सिव इंश्योरेंसः फर्स्ट पार्टी इंश्योरेंस को सबसे बढ़िया माना जाता है क्योंकि इसमें दुर्घटना की स्थिति में गाड़ी की मेंटेनेंस, चोट लगने पर इलाज का कवर, हादसे में दूसरी पार्टी को जो गाड़ी से लेकर चोट तक का नुकसान हुआ है वो कवर हो जाता है. इसे जीरो डेप या कंप्रेहेन्सिव पॉलिसी भी कहा जाता है. यदि आपकी गाड़ी चोरी हो जाती है तो भी इससे आप क्लेम ले सकते हैं. साथ ही अलग अलग पॉलिसी और प्रिमियम के हिसाब से आप कितनी बार क्लेम उठा सकते हैं ये पॉलिसी लेते समय आपको बताया जाता है. इसके कई फायदे हैं लेकिन इसका केवल एक नुकसान ये है कि इसका प्रीमियम ज्यादा आता है.
थर्ड पार्टी इंश्योरेंसः थर्ड पार्टी इंश्योरेंस में किसी भी हादसे के दौरान आपको कोई क्लेम नहीं मिलेगा. लेकिन जैसा इसका नाम है थर्ड पार्टी उस हिसाब से जिस व्यक्ति से आपकी गाड़ी की दुर्घटना हुई है उसके नुकसान की भरपाई की जाती है. इस इंश्योरेंस पॉलिसी का नुकसान ये है कि इसमें आपको किसी भी तरह का कोई क्लेम नहीं मिलता है. इसका सबसे बड़ा फायदा ये है कि ये फर्स्ट पार्टी के मुकाबले काफी सस्ते प्रीमियम पर मिल जाता है. कई बार फर्स्ट पार्टी के मुकाबले इसका प्रीमियम आधे से भी कम होता है.
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इश्योरेंस लेते समय इन बातों का रखें ध्यान
जिस कंपनी से आपने पहले इंश्योरेंस पॉलिसी ले रखी है उसी से फिर लेने जा रहे हैं तो आपको प्रीमियम में छूट मिलेगी. साथ ही आपका कवर भी बढ़ेगा. इसलिए इसकी जानकारी जरूर लें.
इंश्योरेंस लेने से पहले अन्य प्रोवाइडर्स की पॉलिसी से तुलना जरूर करें. कंपीटिशन के चलते कम प्रीमियम पर ज्यादा कवर देने वाली कंपनियां भी हैं.
एजेंट के झांसे में आने से अच्छा ऑनलाइन पॉलिसी की बातों को खुद चेक करें.
इंश्योरेंस में क्या-क्या कवर हो रहा है और क्या नहीं इसकी चेकलिस्ट बनाएं, इसके बाद कंपेयर करें और आपको जो सूट करे उस पॉलिसी को खरीदें.
पॉलिसी को फाइनल करने से पहले कार का वैल्यूएशन इंश्योरेंस कंपनी के एग्जीक्यूटिव से करवाएं और कार की वैल्यू पर नैगोशिएट करें, क्योंकि यदि आप अपनी गाड़ी को कभी बेचने जाते हैं तो पॉलिसी पर दी गई आपकी गाड़ी की कैल्कुलेटेड वैल्यू अहम रोल निभाती है.
एक साल से ज्यादा की पॉलिसी लेने पर कंपनियां काफी डिस्काउंट देती हैं साथ ही कंपेयर करने पर आप नेगोशिएट भी कर सकते हैं, ऐसा जरूर करें.।
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