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उपायुक्त मुकेश रेपसवाल ने जानकारी देते हुए बताया कि मातृ शक्ति बीमा योजना के अंतर्गत राज्य सरकार द्वारा वर्ष 2000-01 से आरम्भ की गई माँग पर आधारित योजना है जिसका मूल उद्देश्य निर्धनता की रेखा से नीचे जीवन यापन कर रहे परिवारों की महिलाओं के लिए मुफ्त में बीमा कवर सुनिश्चित करना है
उन्होंने यह भी बताया कि मातृ शक्ति बीमा योजना का प्रीमियम राज्य सरकार द्वारा वहन किया जाता है। यह योजना उन बी०पी०एल० परिवारों के लिए है जिनकी महिला सदस्य जो 10-75 आयु वर्ग में होती है तथा जिनकी किसी प्रकार की दुर्घटना में, सर्जिकल आपरेशन से, सांप, बिच्छु अथवा किसी अन्य कीड़े के काटने से, बाढ़ में डूबने से, भूकम्प, प्रसव अवधि के दौरान मृत्यु हो जाती है।
योजना के अन्तर्गत विवाहित महिला को. पति की मृत्यु पर भी आर्थिक सहायता का प्रावधान है। इस योजना के अतंर्गत मुत्यु होने पर तथा पूर्ण रूप से क्षतिग्रस्त होने पर एक अंग अथवा एक आंख, दोनो आँखें व दोनो अंग के नुकसान होने पर मु० 2.00 लाख रू० प्रदान करने का प्रावधान है। तथा इसके अतिरिक्त एक आँख अथवा एक अंग के नुकसान पर मु० 1.00 लाख रू० की धनराशि प्रदान की जाती है।
उन्होंने बताया कि यदि किसी प्रभावित परिवार को हिमाचल प्रदेश आपदा एवं राहत नियमावली-2012 के अन्तर्गत लाभ मिल चुका हो, उस स्थिति में भी प्रभावित परिवार को मातृ शक्ति बीमा योजना के अन्तर्गत विचारा जा सकता है।
उपायुक्त चंबा ने जिला के बीपीएल परिवारों से संबंधित पात्र महिलाओं से अपील की है कि वे इस बीमा योजना का ज्यादा से ज्यादा लाभ उठाएं। उन्होंने कहा कि पात्र व्यक्ति इस संबंध में विस्तृत जानकारी के लिए संबंधित खंड विकास अधिकारी कार्यालय अथवा संबंधित पंचायत सचिव कार्यालय में संपर्क कर सकते हैं।