Photos: लामबंदी के ऐलान के एक हफ्ते बाद भी रूस छोड़ने वालों की लंबी कतारें, करीब 2 लाख लोगों ने छोड़ दिया देश।हफ्ते भर से जारी इस पलायन प्रक्रिया में अब तक करीब दो लाख लोगों ने अपना देश छोड़ दिया है. एयरलाइन की सभी टिकट बिकने के बाद लोग पैदल, साइकिल या अपनी गाड़ियों से रूस के बॉर्डर पर पहुंच रहे हैं.
ऑनलाइन सेवा यांडेक्स मैप्स के अनुसार, रूस के उत्तरी ओसेशिया क्षेत्र से जॉर्जियाई सीमा पार करने वाले वर्खनी लार्स की ओर जाने वाला ट्रैफिक मंगलवार को लगभग 15 किमी (नौ मील) तक जाम था. रूसी सीमा प्रहरियों द्वारा नियमों में ढील देने और लोगों को पैदल पार करने की अनुमति देने के बाद सोशल मीडिया पोस्ट में सैकड़ों पैदल यात्री चौकी पर खड़े दिखायी दिए.
जॉर्जिया ने कहा कि पिछले सप्ताह से 53,000 से अधिक रूसी देश में प्रवेश कर चुके हैं, जबकि कजाकिस्तान के अधिकारियों ने कहा कि 98,000 लोगों ने उनके क्षेत्र में प्रवेश किया है. फिनिश बॉर्डर गार्ड एजेंसी ने कहा कि इसी अवधि में 43,000 से अधिक रूसी शरण के लिए पहुंचे. मीडिया रिपोर्टों में कहा गया है कि 3,000 रूसियों ने मंगोलिया में प्रवेश किया, जो देश के साथ एक सीमा भी साझा करता है.
रूस के रक्षा मंत्री सर्गेई शोइगु ने कहा कि केवल पहले युद्ध या अन्य सैन्य सेवा में काम कर चुके लगभग 300,000 पुरुषों को ही सेना के लिए इकट्ठा किया जाएगा. हालांकि कई मीडिया रिपोर्ट में यह दावा किया गया है कि कई ऐसे लोगों को भी सेना ज्वाइन करने का पर्चा थमा दिया गया है जिन्हें सेना का कोई अनुभव नहीं है.
जॉर्जिया और कजाकिस्तान, दोनों पूर्व सोवियत संघ के हिस्से हैं और दोनों रूसी नागरिकों को वीजा-मुक्त प्रवेश की पेशकश करते हैं, इसलिए ये देश कॉल-अप से भागने के लिए भूमि से यात्रा करने वालों के लिए सबसे लोकप्रिय गंतव्य हैं. फिनलैंड और नॉर्वे में प्रवेश के लिए वीजा की जरूरत होती है जिसके बावजूद उम्मीद से कहीं अधिक लोग दोनों देशों में वीजा की एप्लीकेशन दे रहे हैं.
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