0 0 lang="en-US"> कुपोषण से लड़ाई में आंगनबाड़ी केंद्र बने बदलाव की धुरी - ग्रेटवे न्यूज नेटवर्क
Site icon ग्रेटवे न्यूज नेटवर्क

कुपोषण से लड़ाई में आंगनबाड़ी केंद्र बने बदलाव की धुरी

Spread the Message
Read Time:3 Minute, 54 Second

ऊना, 3 दिसंबर. ऊना जिले में महिला एवं बाल विकास विभाग के तहत संचालित आंगनबाड़ी केंद्र कुपोषण से लड़ाई और मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य सुधारने में अग्रणी भूमिका निभा रहे हैं। जिले के 1364 आंगनबाड़ी केंद्रों के माध्यम से हर महीने की पहली तारीख को लाभार्थियों को पोषाहार वितरित किया जाता है, यह महत्वपूर्ण पहल न केवल पोषण के स्तर को सुधारने बल्कि समुदाय को स्वास्थ्य के प्रति जागरूक बनाने की दिशा में एक मील का पत्थर साबित हो रही है।
पोषाहार वितरण में पारदर्शिता सुनिश्चित करने और समुदाय की भागीदारी को प्राथमिकता देने के लिए हर केंद्र पर 10 सदस्यीय आंगनबाड़ी स्तरीय मॉनिटरिंग और सपोर्ट कमेटी की देखरेख में यह कार्य किया जाता है। कमेटी की अध्यक्षता वार्ड पंच करते हैं, जबकि इसमें स्वंय सहायता समूह, महिला मंडल, सेवानिवृत्त व्यक्ति, प्राथमिक पाठशाला के अध्यापक, आशा वर्कर और आंगनबाड़ी कार्यकर्ता जैसे स्थानीय प्रतिनिधियों को शामिल किया गया है।
पारदर्शी व्यवस्था- आंगनबाड़ी केंद्रों में लगाई जाती है पोषाहार की विस्तृत सूची
महिला एवं बाल विकास विभाग ऊना के के जिला कार्यक्रम अधिकारी नरेंद्र कुमार बताते हैं कि जिले में हर आंगनबाड़ी केंद्र में पोषाहार, खाद्यान्न, और उनकी मात्रा की विस्तृत सूची सार्वजनिक रूप से प्रदर्शित की जाती है। यह कदम लाभार्थियों को दी जाने वाली सेवाओं के बारे में जागरूकता, व्यवस्था में पारदर्शिता और विश्वास बढ़ाने को समर्पित है।
दिसंबर में 24471 को दिया लाभ
जिला कार्यक्रम अधिकारी ने बताया कि इस पहल के तहत 6 माह से 3 वर्ष तक के बच्चों, गर्भवती महिलाओं और धात्री माताओं को पोषाहार वितरित किया जाता है। कुपोषित और अति-कुपोषित बच्चों को विशेष रूप से दुगना पोषाहार प्रदान किया जाता है। दिसंबर माह के आंकड़ों के अनुसार, 3147 गर्भवती महिलाएं, 3010 धात्री माताएं और 18314 बच्चे पोषाहार से लाभान्वित हुए हैं।
वहीं अतिरिक्त उपायुक्त महेंद्र पाल गुर्जर का कहना है कि ऊना जिले में आंगनबाड़ी केंद्र स्थानीय समुदाय को न केवल पोषण सेवाएं दे रहे हैं, बल्कि उन्हें स्वच्छता, स्वास्थ्य, और बाल अधिकारों के प्रति भी जागरूक कर रहे हैं।
इस पहल को सामुदायिक भागीदारी के माध्यम से और भी प्रभावी बनाया गया है। उपायुक्त जतिन लाल का कहना है कि कुपोषण से लड़ने और मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य को सुधारने की यह पहल एक बड़ी उपलब्धि है। नियमित वितरण प्रणाली और सामुदायिक भागीदारी के साथ जिला ऊना स्वस्थ और सशक्त समाज की ओर तेजी से अग्रसर है।

Happy
0 0 %
Sad
0 0 %
Excited
0 0 %
Sleepy
0 0 %
Angry
0 0 %
Surprise
0 0 %
Exit mobile version