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सीएसआर के तहत विकास कार्यों के लिए जिला में इस बर्ष खर्च किए जा रहे हैं 22 करोड़- कुलदीप सिंह पठानिया
जिला चंबा वासियों की विकास संबंधी आवश्यकताओं के अनुरूप सीएसआर के तहत विकास कार्यों को धरातल पर उतारने के लिए बचत भवन चंबा के सभागार एक समीक्षा बैठक का आयोजन किया गया। बैठक में एनएचपीसी के एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर व चमेरा -1, चमेरा -2, चमेरा-3, तथा बैरसयूल जल विद्युत परियोजनाओं के महाप्रबंधक स्तर के अधिकारियों के अलावा जेएसडब्ल्यू तथा जेएमआर जल विद्युत परियोजनाओं के प्रतिनिधियों ने भी भाग लिया। विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया की अध्यक्षता में आयोजित इस बैठक में परियोजनाओं द्वारा सीएसआर के खर्च की जा रही धनराशि तथा कार्यों की समीक्षा की गई। इस अवसर पर परियोजना प्रबंधकों द्वारा गत बर्षो के किए गए कार्यों व खर्च की गई धनराशि का विस्तृत विवरण प्रस्तुत किया। बैठक में कुलदीप सिंह पठानिया ने परियोजना प्रतिनिधियों को निर्देश दिए सीएसआर के तहत होने वाले कार्यों की उच्च गुणवत्ता सुनिश्चित की जाए ताकि क्षेत्र वासियों को इन कार्यों का दीर्घकालिक लाभ हासिल हो सके। उन्होंने अधिकारियों को सीएसआर के तहत जिला के विभिन्न हिस्सों में मल्टी स्पेशलिटी चिकित्सा जांच शिविर आयोजित करने के निर्देश दिए। उन्होंने परियोजना प्रबंधकों को परियोजना प्रभावित परिवारों व उनके आश्रितों को प्राथमिकता के आधार पर रोजगार तथा स्वरोजगार के अवसर प्रदान करने के निर्देश दिए। कुलदीप सिंह पठानिया ने जानकारी दी कि जिला चंबा में चालू वित्त वर्ष के दौरान सीएसआर के तहत लगभग 22 करोड रुपए की लागत के विकास कार्य को मूर्त रूप दिया जा रहा है तथा आगामी वर्षों में इस राशि को और अधिक बढ़ाया जाएगा। उन्होंने कहा कि विकास की दृष्टि से जिला चंबा में सड़क, शिक्षा, स्वास्थ्य, खेल तथा पर्यटन के क्षेत्र में बहुत अधिक कार्य किए जाने की आवश्यकता है। उन्होंने परियोजना अधिकारियों को निर्देश दिए कि सीएसआर के तहत विकास कार्यों के लिए प्रदेश के अन्य जिलों की तुलना में जिला चंबा को विशेष प्राथमिकता दी जाए।
बैठक में विधायक चंबा नीरज नैयर, नगर परिषद चंबा की अध्यक्ष नीलम नैय्यर, उपायुक्त मुकेश रेपसवाल, एडीएम अमित मेहरा, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक शिवानी महेला, एसी टू डीसी पीपी सिंह के अलावा ,विभिन्न उपमंडलों के उपमंडलाधिकारी (ना), एनएचपीसी क्षेत्रीय कार्यालय से एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर संतोष कुमार तथा एनएचपीसी अंतर्गत चल रही चमेरा-1,चमेरा-2, चमेरा -3 व बैरासयूल जल विद्युत परियोजनाओं के महाप्रबंधक भी मौजूद थे