पीक सीजन में रोजाना 500-600 पैकेट मशरूम तैयार करते हैं चमनेड के राजकुमार
हमीरपुर 08 दिसंबर। किसानों-बागवानों और पशुपालकों की आय बढ़ाने की दिशा में प्रदेश सरकार कई सराहनीय कदम उठा रही है। पारंपरिक कृषि के साथ-साथ इससे संबंधित अन्य कार्यों, विशेषकर नकदी फसलों की खेती को प्रोत्साहित करके प्रदेश सरकार आम किसानों के उत्थान तथा बेरोजगार युवाओं को घर में ही स्वरोजगार के साधन सृजित करने के लिए लगातार प्रयासरत है। इसी क्रम में किसानों-बागवानों को मशरूम की खेती के लिए प्रेरित एवं प्रोत्साहित किया जा रहा है। प्रदेश सरकार ने मशरूम की खेती के लिए उद्यान विभाग के माध्यम से विशेष रूप से सब्सिडी का प्रावधान किया है।
इसी योजना के तहत सब्सिडी और प्रशिक्षण प्राप्त करने के बाद गांव चमनेड के किसान राजकुमार ने घर में ही मशरूम की यूनिट लगाई और आज वह लाखों रुपये की मशरूम तैयार कर रहे हैं।
राजकुमार ने बताया कि वह अपनी आजीविका चलाने के लिए पारंपरिक कृषि के साथ-साथ वैल्डिंग का कार्य भी करते थे, लेकिन उन्हें ज्यादा आय नहीं हो रही थी। आय के वैकल्पिक साधनों की तलाश में उन्हें मशरूम की खेती के बारे में जानकारी मिली।
उद्यान विभाग के अधिकारियों के मार्गदर्शन एवं प्रोत्साहन से उन्होंने अपने घर में ही 100 बैग की यूनिट स्थापित की। यूनिट लगाने के लिए उन्हें विभाग की ओर से 50 हजार रुपये की सब्सिडी मिली। यह यूनिट कामयाब हो गई और बाजार में उनकी मशरूम खूब बिकने लगी। इससे प्रोत्साहित होकर उन्होंने अपनी यूनिट की क्षमता 400 बैग तक बढ़ा दी। अब वह पीक सीजन में रोजाना 500 से 600 पैकेट मशरूम तैयार करके बाजार में बेच रहे हैं। उन्हें एक पैकेट का 20 से 22 रुपये तक थोक दाम मिल रहा है।
राजकुमार का कहना है कि उद्यान विभाग की इस योजना ने तो उनकी तकदीर ही बदल दी है। उनका कहना है कि यह योजना बेरोजगार युवाओं के लिए वरदान साबित हो सकती है। इसके माध्यम से युवा अपने घर में ही मशरूम यूनिट लगाकर हर साल लाखों रुपये कमा सकते हैं।