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संवेदनशील सरकार के प्रयासों से डहणू पंचायत के जौर्य के जीवन में गूंजी उम्मीदों की मधुर ध्वनि

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·         मुख्यमंत्री चिकित्सा सहायता कोष से श्रवण यंत्र के लिए साढ़े चार लाख रुपए की मदद से संभव हुआ उपचार  

प्रदेश सरकार जरूरतमंद लोगों के उत्थान तथा उन्हें सुलभ स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध करवाने की दिशा में ठोस कदम उठा रही है। किन्हीं कारणवश उपचार करवाने में असमर्थ जरूरतमंदों के लिए मुख्यमंत्री चिकित्सा सहायता कोष वरदान साबित हो रहा है। मंडी जिला की बल्ह तहसील के जौर्य को श्रवण यंत्र लगाने में मदद कर प्रदेश सरकार ने एक बार पुनः संवेदनशीलता का परिचय दिया है।

बल्ह की डहणू पंचायत की रहने वाली शकुंतला देवी पत्नी दिवान चंद ने बताया कि वर्ष 2018 में उनके घर बेटा जौर्य पैदा हुआ। एक वर्ष की उम्र में पता चला कि जौर्य को सुनने में कठिनाई है। ऐसे में वे उसे उपचार के लिए नागरिक अस्पताल सुंदरनगर ले गए। वहां से उसे इंदिरा गांधी राजकीय आयुर्विज्ञान महाविद्यालय एवं अस्पताल शिमला के लिए भेजा गया। डॉक्टरों के परामर्श पर उसे श्रवण मशीन लगाई गई और छह माह तक उसे निगरानी में रखा गया। इससे भी उसकी श्रवण शक्ति में कोई अंतर न आने पर उसे पीजीआई चंडीगढ़ ले जाया गया। वहां डॉक्टरों ने बताया कि एक ऑपरेशन के जरिए जौर्य के सिर के पिछले हिस्से में श्रवण यंत्र डालना होगा। इसके उपचार पर लाखों रुपए व्यय होने थे।

बकौल शकुंतला देवी परिवार की आर्थिक स्थिति बहुत अच्छी न होने कारण उपचार के लिए पैसा जुटाने में उन्हें कड़ी मशक्कत करनी पड़ी। उन्होंने वर्ष 2020 में आर्थिक सहायता के लिए आवेदन किया। इसी बीच उन्हें मुख्यमंत्री चिकित्सा सहायता कोष के बारे में जानकारी प्राप्त हुई। इसके उपरांत फरवरी2023 में पुनः आर्थिक मदद के लिए आवेदन किया। प्रदेश सरकार की ओर से उन्हें तत्काल सहायता राशि के रूप में साढ़े चार लाख रुपए स्वीकृत किए गए। शकुंतला देवी ने बताया कि जुलाई2023 में उन्हें दो लाख रुपए की पहली किस्त प्राप्त हुई और अगस्त माह में अढ़ाई लाख रुपए की दूसरी किस्त भी प्राप्त हो गई। इससे बेटे के उपचार में उन्हें काफी मदद मिली।

उन्होंने बताया कि पहले जहां बेटे के साथ इशारों में बात करनी पड़ती थी, वहीं इस ऑपरेशन के बाद अब उसे सुनाई देने लगा है। इतना ही नहीं जौर्य अब स्कूल भी जाने लगा है। वह राजकीय प्राथमिक पाठशाला डहणू में दूसरी कक्षा में पढ़ रहा है। शकुंतला देवी का कहना है कि प्रदेश सरकार से मिली आर्थिक सहायता के कारण ही बेटे का उपचार संभव हो पाया है। इसके लिए वह सरकार और विशेषतौर पर मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू का आभार व्यक्त करती हैं।

उपायुक्त अपूर्व देवगन का कहना है कि प्रदेश सरकार की कल्याणकारी नीतियों का लाभ अंतिम व्यक्ति तक पहुंचाने के लिए जिला प्रशासन सभी विभागों के साथ मिलकर प्रयास कर रहा है। मुख्यमंत्री चिकित्सा सहायता कोष के तहत जरूरतमंद पात्र व्यक्तियों को सहायता राशि प्रदान की जा रही है।

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