50,000 रुपये की कीमत पर लाॅन्च हुई 120 किमी. चलने वाली ई-बाइक, जानें कैसे करें बुकिंग।मोटोवोल्ट मोबिलिटी ने हाल ही में अर्बन ई-बाइक (Motovolt Urbn e-Bike) को लॉन्च किया है। कंपनी ने इस इलेक्ट्रिक बाइक को 50,000 रुपये (एक्स-शोरूम) की कीमत पर उतारा है। बाइक को लॉन्च करने के साथ ही कंपनी ने बुकिंग भी शुरू कर दी है।मोटोवोल्ट अर्बन ई-बाइक को कंपनी की वेबसाइट या देश भर में फैले 100 डीलरशिप पर बुक किया जा सकता है।
कितनी है रेंज?
कंपनी का दावा है कि मोटोवोल्ट अर्बन ई-बाइक को फुल चार्ज करने पर इसे 120 किलोमीटर तक चलाया जा सकता है। इसमें कंपनी ने बीआईएस प्रमाणित लिथियम आयन बैटरी और वाटरप्रूफ मोटर का इस्तेमाल किया है। बैटरी रिमूवेबल है इसलिए इसे बाइक से निकाल कर भी चार्ज किया जा सकता है।
इस ई-बाइक में कंपनी ने कई राइडिंग मोड दिए हैं, साथ ही इग्निशन की, हैंडल लॉक, डिजिटल डिस्प्ले और कई फीचर्स दिए हैं। कंपनी ने ई-बाइक के साथ इंटीग्रेटेड स्मार्टफोन ऐप भी लॉन्च किया है जो बाइक की सभी गतिविधियों के बारे में आपके स्मार्टफोन पर अलर्ट भेजता है।
पैडल सिस्टम से है लैस
कंपनी ने अर्बन ई-बाइक में पैडल असिस्ट सिस्टम दिया है। यह सिस्टम बाइक की बैटरी को बचाने और बैटरी के डिस्चार्ज होने पर काम करता है। जब बाइक की बैटरी डिस्चार्ज हो रही हो तब पैडल घुमाकर बाइक की रेंज को बढ़ाया जा सकता है। इसमें इलेक्ट्रिक मोटर और पैडल दोनों एक साथ काम करते हैं जिससे बैटरी की बचत होती है।
वहीं बैटरी के पूरी तरह डिस्चार्ज होने पर इसे केवल पैडल लगाकर भी चलाया जा सकता है। शहर के ट्रैफिक में चलाने में आसानी हो इसलिए कंपनी ने इसे आरामदायक और हल्का बनाया है। मोटोवोल्ट अर्बन ई-बाइक कॉलेज और स्कूल जाने वाले स्टूडेंट्स के लिए एक बेहतर ई-बाइक साबित हो सकती है।
नहीं पड़ेगी लाइसेंस की जरूरत
अर्बन ई-बाइक एक कम स्पीड वाली इलेक्ट्रिक बाइक है जिसकी अधिकतम रफ्तार 25 किमी/घंटा तक सीमित है। इस वजह से इसे चलाने के लिए राइडर को किसी भी तरह का लाइसेंस और रजिस्ट्रेशन की जरूरत नहीं होगी। कंपनी इस ई-बाइक की बुकिंग के लिए 999 रुपये की राशि ले रही है।
भारत सरकार और विभिन्न राज्य सरकारें देश में इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देने के लिए कई कदम उठा रही हैं। केंद्र सरकार ने हाल ही में ईवी निर्माताओं के लिए प्रोडक्शन-लिंक्ड-इंसेंटिव (पीएलआई) योजना शुरू की है। इसके अलावा इलेक्ट्रिक वाहनों की खरीद बिक्री को प्रोत्साहित करने के लिए कई राज्यों में सब्सिडी और छूट दी जा रही है।
इसके अलावा सार्वजनिक ईवी चार्जिंग स्टेशनों और बैटरी स्वैपिंग स्टेशनों को भी समर्थन दिया जा रहा है। कुछ राज्यों में ई-वाहन चार्जिंग स्टेशनों को लगाने के लिए भी योजनाएं शुरू की गई हैं। इलेक्ट्रिक वाहनों को अपनाने से न केवल तेजी से बढ़ रहे वायु प्रदूषण में कमी आएगी बल्कि ऊर्जा के लिए ईंधन के आयात पर देश की निर्भरता भी कम होगी।
http://dhunt.in/CnXuZ?s=a&uu=0x5f088b84e733753e&ss=pd Source : “DriveSpark”