अनिल की एंट्री से बदले समीकरण।डी डी ठाकुर को शामिल कर झटका देने की तैयारी में कांग्रेस,द्रंग से कौल सिंह ठाकुर का टिकट होल्ड होने की चर्चाएं।सदर से पंडित सुखराम परिवार व भाजपा विधायक अनिल शर्मा के भाजपा में ही बने रहने और फिर से सक्रिय होने के बाद अब मंडी जिला के दो हलकों के समीकरण भी बदलना शुरू हो गए हैं। दो बड़े विस क्षेत्रों सदर मंडी और द्रंग में कांग्रेस के अंदर कुछ दिनों के भीतर बड़े बदलाव देखने को मिल सकते हैं। सूत्रों के मुताबिक इसमें से सदर हलके के लिए तो कांग्रेस ने लगभग तैयारी कर ली है। सूत्रों के मुताबिक भाजपा के पूर्व जिला अध्यक्ष, पूर्व विधायक एवं भाजपा नेता डीडी ठाकुर को कांग्रेस पार्टी में शामिल कर भाजपा को झटका देने की तेयारी में हैं। गुरुवार को इस बात की चर्चा सदर सहित पूरे जिला में रही। वहीं, डीडी ठाकुर से जुड़े उनके खासमखास भी इस राजनीतिक घटनाक्रम पर मुहर लगा रहे हैं। अगर ऐसा हुआ तो सदर हलके में भाजपा के अनिल शर्मा को भाजपा के ही बड़े चेहरे डीडी ठाकुर के माध्यम से कांग्रेस कड़ी चुनौती दे सकती है।
हालांकि यहां से कांगे्रस टिकट पर पिछले चुनाव में मैदान में उतरी पूर्व मंत्री कौल सिंह ठाकुर की बेटी चंपा ठाकुर का दावा सबसे बड़ा माना जा रहा है, लेकिन अब इस दावे पर भी नए समीकरण भारी पड़ते नजर आ रहे हैं। बता दें कि डीडी ठाकुर राजनीति की शुरुआत में पंडित सुखराम परिवार के ही सिपाही थे और उन्हें पंडित सुखराम ने एक बार कांग्रेस टिकट पर विधायक बनवाया था, लेकिन अगले चुनावों में टिकट कटने के बाद डीडी ठाकुर भाजपा में शामिल हो गए थे। उन्होंने भाजपा टिकट पर दो बार चुनाव भी लड़ा, लेकिन अनिल शर्मा को हरा नहीं सके। दूसरी तरफ गुरुवार को द्रंग हल्के को लेकर भी राजनीति गरमाई रही। दं्रग विस को लेकर कांग्रेस के अंदर ही पूरा दिन खबर उड़ती रही कि यहां से पूर्व मंत्री व कांग्रेस के कदावर नेता कौल सिंह का टिकट दं्रग विस से होल्ड कर दिया गया है।
हालांकि किसी ने इसकी पुष्टि नहीं की, लेकिन इसकी चर्चाएं गांधी भवन से लेकर कांग्रेस के अन्य नेताओं तक खूब होती रही। दं्रग हलके से ब्लॉक अध्यक्ष वामन देव ठाकुर का नाम आगे आया है। प्रदेश कांग्रेस के दो बड़े नेताओं ने वामन देव के नाम को आगे खिसकाया है, जबकि कांग्रेस एक अन्य बड़ा गुट कौल सिंह ठाकुर को ही टिकट दिलाना चाहता है। प्रदेश कांग्रेस प्रभारी राजीव शुक्ला के साथ दूरियां व कांग्रेस के अंदर की खेमेबाजी कहीं पूर्व मंत्री कौल सिंह ठाकुर पर ही भारी न पड़ जाए। हालांकि कांग्रेस से जुड़े सूत्रों का कहना है कि कौल सिंह ठाकुर कांग्रेस के बहुत वरिष्ठ नेता, पूर्व मंत्री होने के साथ ही दो बार के प्रदेश अध्यक्ष भी रहे हैं। ऐसे में उनका टिकट काटना कांग्रेस के लिए संभव नहीं होगा। पर जानकारों का कहना है कि इस कारण मंडी सदर से उनकी पुत्री चंपा ठाकुर के टिकट पर संकट आ सकता है। हालांकि चंपा ठाकुर पिछले पांच वर्षो से फील्ड में कार्यरत्त हैं और लोगों के संपर्क में भी हैं। (एचडीएम)
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