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यौन उत्पीड़न अधिनियम और कानूनों बारे महिला अधिकारियों व कर्मचारियों को किया जागरूक

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ऊना, 24 दिसम्बर। राष्ट्रीय कानूनी सेवा प्राधिकरण (नालसा) के निर्देशानुसार मंगलवार को डीआरडीए हॉल ऊना में जिला विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा महिलाओं के यौन उत्पीड़न (निवारण निषेध एवं निवारण अधिनियम 2013) पर ऊना ब्लॉक की महिला अधिकारियों और कर्मचारियों के लिए कानूनी जागरूकता पर कार्यशाला आयोजित की गई। इस दौरान जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, ऊना की सचिव एवं अतिरिक्त मुख्य दंण्डाधिकारी अनिता शर्मा, वीपी हिमोत्कर्ष एवं अध्यक्ष स्थानीय शिकायत समिति दीपशिखा और जिला कार्यक्रम अधिकारी ऊना एवं सदस्य, स्थानीय शिकायत समिति नरेंद्र कुमार ने कार्यशाला में रिसोर्स पर्सन के रूप में शामिल हुए।
कार्यशाला में जिला विधिक सेवा प्राधिकरण की सचिव अनिता शर्मा ने कार्यशाला में उपस्थित महिला अधिकारियों एवं कर्मचारियों को सामान्य उत्पीड़न के प्रकारों में क्विड प्रो क्वो उत्पीड़न, शत्रुतापूर्ण कार्य वातावरण, मौखिक उत्पीड़न जैसे अनुचित टिप्पणियाँ और शारीरिक उत्पीड़न जैसे अवांछित शारीरिक संपर्क या इशारे और अंत में गैर-मौखिक उत्पीड़न की जानकारी सांझा की। उन्होंने पीड़ित पर भावनात्मक, मनोवैज्ञानिक और शारीरिक जैसे विभिन्न प्रभावों और संगठन पर इसके प्रभाव के बारे में भी मार्गदर्शन किया। उन्होंने कहा कि सुरक्षित कार्यस्थल को प्रोत्साहित करने के लिए कदम उठाए जाने चाहिए जैसे व्यक्तियों को बोलने और सहकर्मियों का समर्थन करने के लिए प्रोत्साहित करना, सम्मान और समानता की संस्कृति को बढ़ावा देना और उल्लंघन करने वालों के खिलाफ शून्य-सहिष्णुता नीति को बढ़ावा देने के बारे में जागरूक किया।
उन्होंने कहा कि कर्मचारियों के लिए नियमित प्रशिक्षण सत्र आयोजित करने चाहिए जिसमें उन्हें यौन उत्पीड़न को पहचानने, रोकने और संबोधित करने के तरीके सिखाए जाएं। साथ ही प्रबंधकों और आंतरिक शिकायत समिति (आईसीसी) के सदस्यों के लिए विशेष प्रशिक्षण सत्र आयोजित किए जाने चाहिए जिसमें उन्हें अपनी भूमिकाओं और जिम्मेदारियों के बारे में भी जानकारी दी जा सके ।
अनीता शर्मा ने कानूनी सलाह और सेवाओं तक तत्काल पहुंच सुनिश्चित बनाने के लिए हेल्पलाइन नंबर (15100) को व्यापक रूप से प्रचारित करने के महत्व पर जोर दिया।
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