धर्मशाला, 8 जनवरी। हमारे देश में तेज गति से शहरीकरण हो रहा है, जिससे हमारा प्रदेश और जिला कांगड़ा भी अछूता नहीं है। ऐसे में एक अनुमान है कि आने वाले 20 वर्षों में शहरी और ग्रामीण आबादी व क्षेत्रफल लगभग बराबर हो जाएंगे। ऐसे समय में हम बेहतर शहरी प्रबंधन के लिए आज से ही तैयारी करनी होगी। हमारा प्रदेश और जिला एक पहाड़ी क्षेत्र होने के नाते अन्य शहरी इलाकों से बिलकुल अलग है, इसके लिए शहरी निकाय से जुड़े प्रतिनिधियों, अधिकारियों और विभागों को लीक से हटकर सोचने की जरूरत है। हम किसी अन्य क्षेत्र के मॉडल का शत प्रतिशत अनुसरण कर अपने यहां लागू नहीं कर सकते। अपने जिले में शहरी प्रबंधन के लिए हमें नए आइडिआज सृजित कर उनपर काम करने की जरूरत है।
भारतीय लोक प्रशासन संस्थान (आईआईपीए), दिल्ली द्वारा धर्मशाला नगर निगम के सहयोग से शहरी शासन पर आयोजित विशेष प्रशिक्षण कार्यशाला के शुभारंभ के अवसर पर उपायुक्त कांगड़ा हेमराज बैरवा ने आज बुधवार को यह उद्गार प्रकट किए। लघु सचिवालय धर्मशाला के कैबिनेट हॉल में आयोजित इस दो दिवसीय कार्यशाला का उद्घाटन करते हुए डीसी हेमराज बैरवा ने शहरी क्षेत्रों में सतत विकास सुनिश्चित करते हुए शहरी विकास को क्षेत्र अनुकूल प्रथाओं के साथ जोड़ने के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि यह कार्यशाला यह सुनिश्चित करने की दिशा में एक कदम है कि धर्मशाला और उसके बाहर के शहरी केंद्र प्रभावी शासन के लिए अभिनव दृष्टिकोण अपनाए जो जन-केंद्रित और विकास-उन्मुख दोनों हो।
शहरी प्रशासन से जुड़ी बारीकियों से अवगत होंगे प्रतिनिधि: जफर इकबाल
आयुक्त धर्मशाला नगर निगम जफर इकबाल ने कार्यशाला के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि शहरी क्षेत्रों में सुशासन प्रथाओं की समझ और कार्यान्वयन को बढ़ाने के उद्देश्य से इस विशेष प्रशिक्षण शिविर का आयोजन किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि यह कार्यशाला 8 व 9 जनवरी के लिए निर्धारित है। इस कार्यशाला में आईआईपीए से आए विशेषज्ञ प्रतिभागियों को शहरी प्रशासन से जुड़ी बारीकियों से अवगत करवाने के साथ शहरी शासन के विभिन्न पहलुओं पर विचार-विमर्श करेंगे।
इन विषयों पर हुई चर्चा
कार्यशाला में आईआईपीए के विशेषज्ञों ने देश भर से सर्वोत्तम प्रथाओं और केस स्टडीज को साझा किया। उन्होंने शहरीकरण की बढ़ती चुनौतियों का सामना करने के लिए शहरी शासन को कैसे मजबूत किया जा सकता है संबंधित जानकारी दी। कार्यशाला में कुशल शहरी प्रबंधन, पारदर्शिता, जवाबदेही और नगर प्रशासन में नागरिक भागीदारी जैसे विषयों पर फोकस किया गया। मुख्य चर्चाएं स्मार्ट शहरों को बढ़ावा देने, बुनियादी ढाँचे को बढ़ाने, सेवा वितरण में सुधार और सतत शहरी विकास को बढ़ावा देने पर केंद्रित रहीं।
यह रहे उपस्थित
इस कार्यशाला में धर्मशाला नगर निगम की महापौर नीनू शर्मा, महापौर पालमपुर नगर निगम गोपाल चंद नाग, आईआईपीए से प्रो. के.के पाण्डे, डॉ. अमित सिंह, डॉ. कुसुम लता सहित जिले के 10 शहरी स्थानीय निकायों के उप महापौर, अध्यक्ष, उपाध्यक्ष, अतिरिक्त आयुक्त, कार्यकारी अधिकारी, सचिव और स्वच्छता पर्यवेक्षक उपस्थित रहे।
शहरी निकाय के प्रतिनिधियों के लिए दो दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन
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