केंद्रीय उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण और नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री श्री प्रल्हाद जोशी ने आगामी आरएमएस 2025-26 में गेहूं खरीद की तैयारियों की समीक्षा करने के लिए आज पांच राज्यों उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, बिहार, गुजरात और राजस्थान के खाद्य मंत्रियों एवं सहकारिता मंत्रियों के साथ एक वर्चुअल बैठक की।
बैठक के दौरान, केंद्रीय मंत्री ने बल देकर कहा कि उपरोक्त पांच राज्यों में गेहूं खरीद की अच्छी क्षमता है और वे केंद्रीय पूल में अपना पर्याप्त योगदान दे सकते हैं जो राष्ट्र की खाद्य सुरक्षा के लिए महत्वपूर्ण है और आवश्यकता पड़ने पर कीमतों को नियंत्रित करने के लिए आपूर्ति-आधारित मध्यवर्तनों के लिए भी महत्वपूर्ण है।
बैठक में समयबद्ध कार्रवाई करने की आवश्यकता पर प्रकाश डाला गया जिसमें क्षमता के आधार पर जिलेवार लक्ष्य निर्धारित करना; दूरदराज के इलाकों में खरीद केंद्र खोलकर वृहद् पहुंच प्रदान करना; स्टॉक के अंतर-राज्यीय संचलन से पहले विभिन्न केंद्रीय/राज्य मानदंडों का अनुपालन करना; किसानों को समय पर एमएसपी का भुगतान करना; खरीदे गए स्टॉक की गुणवत्ता बनाए रखना; किसानों के लिए पंजीकरण प्रक्रिया को सुविधाजनक एवं सरल बनाना; मंडियों में प्रशिक्षित कार्यबल की उपलब्धता सुनिश्चित करना; बिहार जैसे राज्यों में पैक्स द्वारा सक्रिय दृष्टिकोण अपनाना; खरीद के लिए पंचायतों/एफपीओ/सोसाइटियों को शामिल करना आदि शामिल हैं।
राज्यों के खाद्य मंत्रियों से अनुरोध किया गया कि वे तैयारियों और बाद के खरीद कार्यों पर व्यक्तिगत रूप से ध्यान केंद्रीत करें। यह भी अनुरोध किया गया कि राज्य पीएमजीकेएवाई के अंतर्गत राज्य द्वारा आवश्यकतानुसार कम से कम गेहूं खरीदने की कोशिश करे जिससे केंद्रीय पूल में पर्याप्त स्टॉक हो और अन्य राज्यों से परिवहन में होने वाली लागत को भी बचाया जा सके।
राज्यों के खाद्य मंत्रियों ने आश्वासन दिया कि बैठक में विचार-विमर्श किए गए सभी सुझावों का पालन करेंगे जिससे आरएमएस 2025-26 के दौरान गेहूं की खरीद बढ़ाने के सामान्य लक्ष्य की प्राप्ति की जा सके।
बैठक में खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण विभाग के सचिव, राज्यों के खाद्य सचिव और एफसीआई के सीएमडी ने भी हिस्सा लिया।