हिमाचल सरकार की ग़लत नीतियों के कारण आज हिमाचल सरकार के मेडिकल कॉलेज में कार्यरत चिकित्सक अपना विरोध जताने के लिए सभी सामहूक अवकाश पे हैं । जिस के कारण आज रूटीन की सेवाएँ वादित रहेंगी। आपातकालीन सेवाएँ चलती रहेंगी पर ओपीडी , रूटीन के ऑपरेशन, प्रोसीजर बगेरा नहीं होंगे।
डॉक्टर समय समय से सरकार के समक्ष अपनी डिमांड को रख रहे हैं पर कोई सुनवाई नहीं हो रही है।चिकित्सकों का कहना की समय पर प्रमोशन नहीं होती है, प्रमोशन के चैनल जायदा नहीं हैं, प्रमोशन फाइनेंसियल बेनेफ़िट्स के साथ नहीं मिलती और दूसरे राज्यों की तरह उच्च सिक्षा का कोई फाइनेंसियल फायदा नहीं मिलता।
उनका कहना है कि हम आम जनता कि सेवा में दिन रात लगे रहते हैं और ना अपने लिए और ना ही अपने परिवार के लिए समय बचता है और ऊपर से काम करने की परिस्थितियाँ अनुकूल नहीं होती हैं। ऐसे मैं सुविधाओं के अभाव से कई डॉक्टर नौकरी छोड़ के प्राइवेट काम करते हैं।
सभी चिकत्सकों की गुज़ारिश है कि उनकी सिफारिशों को जलद से जल्द निपटारा करें, परंतु आज सरकार मोदी जी के आगमन में लगी हुई है और कल फिर दशहरा की छुटी है।
उधर प्राइमरी हेल्थ सेंटर , सीएचसी , सिविल हॉस्पिटल , डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल के डॉक्टर भी काले बिल्ले लगा के विरोध जता रहे हैं। वह भी सरकार के पिछले कई महीनों से कई ब्लॉक्स में वेतन की विसंगतियों से दुखी हैं। पोस्ट्स ख़ाली होने के बाब्जूद सरकार सही समय पे प्रमोशन नहीं करती है।
अगर कुल मिला के देखा जाये तो हेल्थ सिस्टम जो की हर इंसान की ज़रूरत है वो आज पटरी पे चल नहीं पा रहा है।