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Putin की जाल में बुरा फंसा अमेरिका, आगे कुआं तो पीछे खाई- पूरे यूरोप को झटका!

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Putin की जाल में बुरा फंसा अमेरिका, आगे कुआं तो पीछे खाई- पूरे यूरोप को झटका! यूक्रेन जंग को लेकर अमेरिका पश्चिमी देशों संग मिलकर रूस को जमकर तोड़ने की कोशिश कर रहा है। रूस के खिलाफ कई सारे प्रतिबंध लगा दिया गया है।लेकिन, इन सबके बाद भी रूस के बजाय पश्चिमी देशों को ही इसका फर्क पड़ रहा है। अब रूस ने ऐसा जाल फेंका है जिसमें अमेरिका (OPEC Countries Cut Oil Production) बुरी तरह फंस गया है। दरअसल, रूस ने ये जाल तेल उत्पादक देश ओपेक (US Trapped in Putin-Saudi oil Game) के साथ मिलकर फेंका है। ओपेक+ नाम से प्रसिद्ध इस संगठन ने तेल उत्पादन में कटौती (OPEC Countries Cut Oil Production) का ऐलान किया है। ऐसे में पहले से ही कम उत्पादन के कारण चरम पर पहुंचे तेल की कीमतों में और आग लगने का अनुमान है। सबसे बड़ी बात की अमेरिका संग पश्चिमी देश पहले से ही ओपेक देशों से तेल के उत्पादन को बढ़ाने का अनुरोध करते रहे हैं। लेकिन, अब उत्पादन में कटौती के ऐलान के बाद इसका असर सीधा पश्चिमी देशों पर पड़ेगा।

सऊदी ने कहा रूस का कोई हाथ नहीं
उधर अमेरिकी राष्ट्रपति बाइडेन (Joe Biden) ने इसके लिए सऊदी अरब की यात्री भी की थी। सऊदी क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान को लेकर बाइडेन शुरू से ही तल्ख तेवर दिखाते रहे हैं, लेकिन जब मजबूरी आई तो उन्होंने रियाद में उन्हीं के साथ द्विपक्षीय बैठक भी की। हालांकि, बाइडेन का यह दौरा बिलकुल भी काम नहीं आया और सऊदी ने तेल उत्पादन बढ़ाने से साफ इनकार कर दिया। तेल उत्पादन कटौती के बाद सऊदी अरब ने सफाई भी दी है कि, उत्पादन में 20 लाख बैरल प्रति दिन की कटौती पश्चिम में बढ़ती ब्याज दरों और कमजोर वैश्विक अर्थव्यवस्था का जवाब देने के लिए आवश्यक थी। यह कटौती वैश्विक आपूर्ति के 2 फीसदी के बराबर है। सऊदी ने तेल की कीमतों को बढ़ाने के लिए ओपेक+ समूह में शामिल रूस के साथ मिलीभगत की आलोचना को खारिज कर दिया है। सऊदी ने कहा कि पश्चिम देश ओपेक+ समूह की आलोचना धन के अहंकार में करते हैं। सऊदी अरब भले ही ये कह रहा हो लेकिन, असल में ये खेल तो व्लादिमीर पुतिन का ही है। पुतिन के इस झटके से पश्चिमी देशों को भारी संकट का सामना करना पड़ सकता है।

बौखला उठा अमेरिका
सऊदी अरब के इस फैसले से अमेरिका बैखला उठा है और व्हाइट हाउस ने ओपेक+ देशों के इस फैसले की आलोचना की है। व्हाइट हाउस ने कहा कि राष्ट्रपति जो बाइडेन यह फैसला लेंगे कि क्या कीमतों को कम करने के लिए और अधिक मात्रा में स्ट्रैटजिक ऑयल स्टॉक को बाजार में जारी किया जाएगा या नहीं। व्हाइट हाउस ने कहा कि राष्ट्रपति ओपेक + के उत्पादन कोटा में कटौती के अदूरदर्शी फैसले से निराश हैं, जबकि वैश्विक अर्थव्यवस्था (रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर) पुतिन के यूक्रेन पर आक्रमण के निरंतर नकारात्मक प्रभाव से निपट रही है।

रूस और सऊदी अमेरिका के खिलाए आए साथ
दरअसल, ये सारा जो बाइडन के चलते ही हो रहा है। उनके राष्ट्रपति बनने के बाद अमेरिका और सऊदी के रिश्ते तनावपूर्ण हो गए हैं। अमेरिका ने हूती विद्रोहियों के हमले का सामना कर रहे सऊदी का साथ नहीं दिया उसे बीच मंझधार में ही छोड़ दिया। ऐसे में सऊदी अरब ने रूस के साथ नजदीकियां बढ़ाई। सऊदी अरब ने यूक्रेन में रूस की कार्रवाई की निंदा नहीं की है, इसके उलट दोनों देश तेल को लेकर और ज्यादा करीब आए हैं। ऐसे में अब ये खेल पश्चिमी देशों के लिए बड़ा संकट खड़ा कर सकता है।

http://dhunt.in/CRZXa?s=a&uu=0x5f088b84e733753e&ss=pd Source : “इंडिया नैरेटिव ”

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