आजकल आप को आये दिन जगा जगा पे हिमाचल की सड़कों पे आवारा पशु खून से लथपथ अपनी मृत्यु का इंतज़ार करते हुए मिल जाएँगे ।
आप अपने गंतव्य की तरफ़ दौड़ मैं होते हैं और कुछ करने की स्तिथि में नहीं होते परंतु फोटो खींचना नहीं भूलते और सोशल मीडिया में सरकार को और उनके कर्मचारीयों को यह एहसास दिलाने की कोई कसर नहीं छोड़ते कि वह कितने कामचोर और निकम्मे हैं। परंतु पशुपालन विभाग में कार्यरत कर्मचारी मजबूर हैं और मजबूरियों की सूची लंबी है।
पर सवाल यह है की यह आवारा जानवर आये कहाँ से? उतर हम सब को पता है पर क्या करें इंसान जो हैं। यह जो खून से लथपथ जानवर अपने ज़ख़्मों को चाट कर भरने में भी असमर्थ हैं और अपनी पीड़ा को अपनी आवाज़ से एहसास दिलाने मैं भी , आख़िर इनको हुआ क्या है?
इस सवाल का जवाब भी हमे पता है की लम्पी नाम की बीमारी हुई है। पर अगला सवाल यह खड़ा होता है कि है क्या यह लम्पी? बहुत सारे लोगों को इस का पता भी होगा और बहुत सारे अनभिग भी होंगे। तो जिनको पता नहीं है उनके ज्ञान के लिए हम बता दें की यह एक बीमारी है जो की वायरस से फैलती है। अगला सवाल यह है की यह वायरस आया कहाँ से? यह वायरस कोई नया नहीं है पहले से ही पशुओं में पाया जाता है परन्तु वायरस अपने रूप को जलद बदल लेते हैं और जब भी ऐसा होता है तो शरीर की रोगों से लड़ने की क्षमता को भेद के यह अपना जलवा दिखाते हैं। एक से दूसरे और दूसरे से तीसरे तक जाने में समय नहीं लगता क्योंकि हम ने इनके रहने के लिए ना अलग अलग कमरे का 2बी एच के ना 3 बी एच के फ्लैट बनाये हैं और ना ही मच्छर मक्खी आदी को भगाने के लिए ना जाने कौन कौन से छाप की अगरबत्तियाँ और आल आउट लगाये हैं तो यही आप को आजकल जानवरों मैं देखने को मिल रहा है और इंसानों ने अभी अभी कोविड के रूप में खुद एहसास किया ।
विपक्ष ने भी सवाल उठाए थे और पशुपालन मंत्री जी ने जवाब भी दिया था की कंट्रोल मैं है। यह तो आप हमारे से बेहतर जानते हैं की आप के आस पास क्या हालत हैं।
सवाल वहीं का वहीं खड़ा है की किया क्या जा सकता है ? डॉक्टरों की माने तो वायरसेस का कोई इलाज नहीं होता और जो सिंपटम्स जैसे की बुख़ार, ज़खम बेगेरा का जो हम रूटीन में इलाज करवाते हैं वो ही है जैसे की कोविड में हम इंसानों ने देखा और किया है।
परंतु कोविड मैं इंसानों की ज़िंदगी दाओ पे थी और सरकारों ने भी कोई कसर नहीं छोड़ी पायदान पे खड़े अंतिम व्यक्ति को यह एहसास दिलाने में कि आप हमारे लिए महतबपूर्ण हैं , पर जानवर बेचारा क्या करे क्योंकि आये दिन वो यह नहीं जता पा रहा कि वह भी एक फूड चेन का महत्त्वपूर्ण पायदान है और इसी कारण वह आज अपनी मौत के आग़ोश में लीन होने को पल दर पल इंतज़ार में है।
चित्र का स्रोत फेसबुक