0 0 lang="en-US"> PAK आर्मी चीफ बाजवा की सलाह-”सारी दुनिया बदली, अगर पाकिस्तान न बदला तो चुकानी पड़ेगी विनाशकारी कीमत।” - ग्रेटवे न्यूज नेटवर्क
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PAK आर्मी चीफ बाजवा की सलाह-”सारी दुनिया बदली, अगर पाकिस्तान न बदला तो चुकानी पड़ेगी विनाशकारी कीमत।”

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PAK आर्मी चीफ बाजवा की सलाह-”सारी दुनिया बदली, अगर पाकिस्तान न बदला तो चुकानी पड़ेगी विनाशकारी कीमत।’पाकिस्तान के थलसेना प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा ने शनिवार को क्षेत्रीय शांति और देशों के बीच सभी द्विपक्षीय मुद्दों के समाधान के लिए एक तंत्र विकसित करने पर जोर दिया।साथ ही, उन्होंने आगाह किया कि ”दुनिया बदल गई है, इसलिए हमें भी बदलना चाहिए, क्योंकि यथास्थिति की कीमत हम सभी के लिए विनाशकारी होगी।” जनरल बाजवा (61) नवंबर में सेवानिवृत्त होने वाले हैं और काकुल स्थित प्रतिष्ठित पाकिस्तान मिलिट्री एकेडमी में उनका यह संभवत: अंतिम संबोधन था। उन्होंने किसी देश का नाम लिए बगैर क्षेत्रीय शांति और देशों के बीच सभी द्विपक्षीय मुद्दों के समाधान के लिए एक तंत्र विकसित करने पर जोर दिया।

उन्होंने कहा, ”हमें अपने सभी द्विपक्षीय मुद्दों का शांतिपूर्ण हल करने के लिए एक तंत्र विकसित कर शांति का मार्ग प्रशस्त करना चाहिए। एक दूसरे से लड़ने के बजाय हमें भूख, गरीबी, निरक्षरता, जनसंख्या विस्फोट, जलवायु परिवर्तन और रोग से संयुक्त रूप से लड़ना चाहिए।” चीफ ऑफ आर्मी स्टाफ ने कहा, ”दुनिया बदल गई है, इसलिए हमें भी बदलना चाहिये, क्योंकि यथास्थिति की कीमत हम सभी के लिए विनाशकारी होगी।”

अपने संबोधन में जनरल बाजवा ने कहा, ”शांति के प्रयासों के तहत हमने सभी पड़ोसी और क्षेत्रीय देशों के साथ अच्छे पड़ोसी का संबंध बनाने के सारे प्रयास किए हैं…हम अपने राजनीतिक गतिरोध को दूर करने की कोशिश कर रहे हैं, जिसने दक्षिण एशिया के देशों को आगे बढ़ने से और सभी क्षेत्रीय एवं द्विपक्षीय मुद्दों को शांतिपूर्ण और गरिमामय तरीके से हल करने की दिशा में बढ़ने से रोका है।” उन्होंने कहा कि शेष विश्व की तरह दक्षिण एशिया के देश समृद्धि और जीवन जीने की बेहतर परिस्थितियों के हकदार हैं, जो केवल सतत आर्थिक वृद्धि, विकास और टिकाऊ शांति से ही संभव है।

उन्होंने कहा, ”इसलिए, हमें क्षेत्र से युद्ध की लपटों को दूर करने के लिये प्रयास करना चाहिए।” उल्लेखनीय है कि भारत और पाकिस्तान के बीच संबंध कश्मीर मुद्दा और सीमा पार से होने वाले आतंकवाद को लेकर तनावपूर्ण बने हुए हैं। बाजवा ने अपने संबोधन में यह भी चेतावनी दी कि शांति के लिए पाकिस्तान की इच्छा को कमजोरी का प्रतीक नहीं माना जाना चाहिए। उन्होंने कहा, ”किसी को भी हमारे मूल हितों और हमारी मातृभूमि की रक्षा करने के हमारे सामूहिक संकल्प के बारे में कोई गलतफहमी नहीं रखनी चाहिए।” जनरल बाजवा नवंबर 2016 में तीन वर्षों के कार्यकाल के लिए थल सेना प्रमुख नियुक्त किये गये थे। पद पर उनका कार्यकाल 2019 में और तीन साल के लिए बढ़ा दिया गया था।

http://dhunt.in/D4bL8?s=a&uu=0x5f088b84e733753e&ss=pd Source : “पंजाब केसरी”

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