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बज गया हिमाचल में चुनाव का बिगुल

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हिमाचल में इलेक्शन 12 नवम्बर को होगा चुनाव

चुनाव आयोग के प्रमुख राजीव कुमार ने बताया कि हिमाचल प्रदेश में 12 नवंबर को मतदान होगा। आठ दिसंबर को नतीजे आएंगे। प्रदेश की 68 विधानसभा सीटों के लिए चुनाव होने हैं।

हिमाचल चुनाव की अहम तारीख ये हिमाचल चुनाव की अहम तारीख
आधिकारिक नोटिफिकेशन की तारीख- 17 अक्तूबर
नामांकन-25 अक्तूबर
नामांकन की जांच-27 अक्तूबर
नामांकन वापसी-29 अक्तूबर
चुनाव की तारीख-12 नवंबर
मतगणना-आठ दिसंबर

हिमाचल प्रदेश में 55 लाख वोटर चुनाव आयोग ने कहा है कि हिमाचल प्रदेश में 55 लाख वोटर हैं। इनमें 27 लाख 80 हजार पुरुष और 27 लाख 27 हजार महिलाएं हिस्सा लेंगी। चुनाव में शामिल सेवा कर्मियों की संख्या 67 हजार 532 होगी। इसके अलावा PWD 56,001 होगी। इसके अलावा 80 साल से ज्यादा उम्र के 1.22 लाख मतदाता हैं। इसके साथ ही 1184 मतदाता ऐसे हैं, जिनकी उम्र 100 साल से ज्यादा है।
हिमाचल प्रदेश में एक चरण में होगा चुनाव चुनाव आयोग के प्रमुख राजीव कुमार ने बताया कि हिमाचल प्रदेश में एक चरण में चुनाव होगा। उन्होंने बताया कि हर मतदान केंद्र ग्राउंड फ्लोर पर ही होगा। हिमाचल में इस बार कुल 55.07 लाख मतदाता वोट डाल सकेंगे।

चुनाव आयोग के प्रमुख राजीव कुमार ने बताया कि हिमाचल प्रदेश में 12 नवंबर को मतदान होगा। आठ दिसंबर को नतीजे आएंगे। कोविड प्रोटोकॉल के तहत होगा चुनाव चुनाव आयोग के अध्यक्ष ने कहा कि कोविड प्रोटोकॉल के तहत चुनाव होगा। नामांकन तक वोटर जुड़ सकेंगे। चुनाव के दौरान सीमाएं सील होंगी। फेक न्यूज और अफवाहों पर ध्यान न दें।

इन लोगों को घर से वोटिंग की मिलेगी सुविधा चुनाव आयोग ने कहा कि 80 साल से ज्यादा उम्र के लोग, विकलांग या कोविड संक्रमित जो वोट देना चाहते हैं और वह लोग पोलिंग बूथ तक नहीं आ सकते हैं। ऐसे मतदाताओं को आयोग घर जाकर मतदान करने की सुविधा देगा।

कुछ देर में हिमाचल प्रदेश चुनाव की तारीखों का एलान दिल्ली में चुनाव आयोग की प्रेस कॉन्फ्रेंस चल रही है। चीफ इलेक्शन कमिश्ननर ऑफ इंडिया राजीव कुमार ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि चुनाव आयोग निष्पक्ष, स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव प्रतिबद्ध है। कुछ देर में हिमाचल प्रदेश चुनाव की तारीखों का एलान होगा। बड़ा चेहरा पीएम मोदी का ही होगा यहां भाजपा अपने मौजूदा मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के चेहरे पर ही चुनाव लड़ेगी। हालांकि, बड़ा चेहरा पीएम मोदी का ही होगा। जयराम ठाकुर के अलावा भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सुरेश चंबेल सिंह कश्यप भी आगे हैं। वहीं, कांग्रेस ने पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह की पत्नी प्रतिभा सिंह की अगुआई में चुनाव लड़ने का फैसला लिया है।

में चुनाव के दौरान भाजपा 44 सीटों पर जीत हासिल की थी यहां कुल 68 विधानसभा सीटें हैं। 2017 में चुनाव के दौरान भाजपा 44 सीटों पर जीत हासिल की थी। कांग्रेस को 21, सीपीआई (एम) को एक सीट मिली थी। दो निर्दलीय प्रत्याशी भी विधायक बने थे, जिन्होंने भाजपा सरकार को समर्थन दे दिया था। बाद में कुछ सदस्यों के निधन के बाद उपचुनाव भी हुए, जिसके बाद सियासी समीकरण में थोड़ा बदलाव हुआ।
निर्वाचन आयोग ने बनाई स्क्रीनिंग कमेटीवहीं, चुनाव को देखते हुए निर्वाचन आयोग ने स्क्रीनिंग कमेटी का गठन किया है। समिति आदर्श आचार संहिता लागू होने की तारीख से अनुमति, स्पष्टीकरण के मामलों से संबंधित प्रत्येक प्रस्ताव की भारत निर्वाचन आयोग को भेजने से पहले जांच करेगी।कोई भी सरकारी विभाग अनुमति/स्पष्टीकरण के लिए मूल फाइल को सीईओ के कार्यालय में नहीं भेजेगा। इसके बजाय केवल स्क्रीनिंग कमेटी के माध्यम से ही भेजा जाएगा।

कितनी सीटें किस वर्ग के लिए आरक्षितहिमाचल प्रदेश में विधानसभा की 68 सीटें हैं। 2017 में 17 विधानसभा सीटें अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित थीं, जबकि तीन सीटें अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित थीं। राज्य में 48 विधानसभा सीटें सामान्य वर्ग के लिए थीं। पिछले विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने 44, कांग्रेस ने 21 और अन्य ने तीन सीटों पर जीत दर्ज की थी। हालांकि, वर्ष 2021 में कांग्रेस ने तीन विधानसभा सीटों के उपचुनाव में जीत दर्ज की थी। इनमें अर्की, फतेहपुर व जुब्बल-कोटखाई विस सीट शामिल है।
विस चुनाव के लिए मंडलीय आयुक्त बनाए सुगम्य पर्यवेक्षकप्रदेश के मुख्य निर्वाचन अधिकारी मनीष गर्ग ने कहा कि राज्य निर्वाचन विभाग विशेष मतदाता की श्रेणी में आने वाले दिव्यांगजनों तथा वरिष्ठ मतदाताओं की विधानसभा चुनावों में सक्रिय भागीदारी के लिए प्रभावी कदम उठा रहा है। भारत निर्वाचन आयोग के दिशा-निर्देशों के अनुसार कांगड़ा, शिमला और मंडी के मंडलायुक्तों को सुगम्य पर्यवेक्षक नियुक्त किया गया है। कहा कि सुगम्य पर्यवेक्षक विशेष श्रेणी के मतदाताओं के लिए चुनावी प्रक्रिया को सुलभ बनाने के लिए मतदान केंद्रों में उन्हें न्यूनतम सुविधाओं की उपलब्धता सुनिश्चित कराई जाएगी। यह प्रत्येक जिले के कम से कम तीन विधानसभा क्षेत्रों के न्यूनतम 10 मतदान केंद्रों का दौरा करेंगे। मतदाताओं में 2.21 फीसदी की वृद्धि, सुलह में सबसे ज्यादामतदाता सूची में 1,18,852 मतदाताओं की वृद्धि हुई है, जो 2.21 फीसदी है। मतदाता सूची को भी अंतिम रूप से प्रकाशित कर दिया गया है। अब तक राज्य में 67,532 सेवा मतदाताओं के नाम दर्ज हैं। कांगड़ा जिले के सुलह विधानसभा क्षेत्र में सबसे अधिक 1,04,486 मतदाता हैं। लाहौल और स्पीति विधानसभा क्षेत्र में सबसे कम 24,744 मतदाता हैं। सभी मतदाता सूचियां वोटर हेल्पलाइन मोबाइल एप्लीकेशन के माध्यम से सूची में पंजीकृत अपने नाम का निरीक्षण कर सकते हैं। यदि सूची में उनका नाम नहीं है या बदलाव की आवश्यकता हो तो फार्म-6 और फ ार्म-8 के माध्यम से सुधार किया जा सकता है।

प्रदेश में 1,63,925 नए मतदाता मतदाताओं का लिंग अनुपात 978 से बढ़कर 981 हो गया है। 1,63,925 नए मतदाता पंजीकृत किए गए हैं। 16 अगस्त 2022 को चुनाव विभाग ने मतदाता सूचियों के प्रारूप प्रकाशन के समय राज्य में 53,88,409 मतदाता पंजीकृत थे। फोटो मतदाता सूची के संशोधन के बाद मृत्यु, स्थानांतरण और पंजीकरण के दोहराव के कारण 45,073 मतदाताओं के नाम मतदाता सूची से हटा दिए गए हैं। आचार संहिता बहुत पहले लागू हो जानी चाहिए थी: मुकेशनेता प्रतिपक्ष मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि चुनाव आचार संहिता बहुत पहले लागू हो जानी चाहिए थी। उन्होंने आरोप लगाया कि प्रदेश सरकार की ओर से संसाधनों व सरकारी धन का दुरुपयोग हुआ है। सरकारी कोष से रैलियों के लिए खर्चा किया गया और करीब 500 करोड़ रुपये खर्च किए गए। रैलियों में सरकारी मशीनरी व एचआरटीसी बसों का जमकर दुरुपयोग हुआ। दो-दो हजार बसें रैलियों के लिए इस्तेमाल की गईं और लोगों को परेशानी झेलनी पड़ी। सत्ता में आने पर कांग्रेस इसकी समीक्षा करेगी।

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