मंडी, 18 मई। उपायुक्त अरिंदम चौधरी ने कहा कि स्वयं सहायता समूहों द्वारा पोषण युक्त मोटे अनाज तथा प्रकृतिक खेती से तैयार उत्पादों की बेहतर मार्केटिंग के लिए कृषि विभाग को कारगर कदम उठाने के निर्देश दिए गए हैं ताकि ग्रामीण महिलाओं की आर्थिक स्थिति बेहतर हो सके। वीरवार को उपायुक्त कार्यालय में पोषण युक्त मोटे अनाज की खेती को लेकर कार्य योजना तैयार करने के लिए आयोजित बैठक की अध्यक्षता करते हुए उपायुक्त अरिंदम चौधरी ने कहा कि खाद्य प्रसंस्करण इकाइयां स्थापित करने के लिए वितीय सहायता उपलब्ध करवाने के हर पहलु पर विस्तार से योजना तैयार की जाए ताकि खाद्य प्रसंस्करण इकाइयों में पोषण युक्त मोटे अनाज की खपत हो सके इससे किसानों को भी आर्थिक लाभ होगा।
स्वयं सहायता समूहों की छह हजार महिलाएं मोटे अनाज की खेती को तैयार
उपायुक्त अरिंदम चौधरी ने बताया कि राष्ट्रीय ग्रामीण अजीविका मिशन के तहत मंडी जिला में छह हजार के करीब महिला किसानों की पहचान की गई है जिन्हें पोषणयुक्त मोटे अनाज की खेती के साथ जोड़ा जाएगा ताकि महिला किसानों की आर्थिक स्थिति सुदृढ़ हो सके। उन्होंने कहा कि मंडी जिला की जलवायु के अनुकूल पोषक अनाजों के प्रति महिला किसानों को जागरूक किया गया है ताकि पोषक अनाजों के संवर्धन की दिशा में आगे बढ़ा जा सके। इसके साथ ही राष्ट्रीय ग्रामीण अजीविका मिशन के तहत एग्री न्यूट्री गार्डन विकसित करने के लिए भी कारगर कदम उठाए जा रहे हैं इस के लिए स्वयं सहायता समूहों को प्रोत्साहित भी किया जा रहा है।
स्वयं सहायता समूहों के प्रतिनिधियों को मोटे अनाज के बारे में जानकारी:
कृषि विभाग स्वयं सहायता समूहों के लगभग 40 प्रतिनिधियों को मोटे अनाज की खेती के बारे में विस्तार से जानकारी प्रदान की गई। भारतीय स्टेट बैंक की ओर से दिनेश, उद्यान विभाग से डा पूजा गौतम, जतिन बैहल, प्रबंधक पीएमएफएमई ने कृषि कल्याण के लिए सरकार द्वारा चलाई गई योजनाओं एवं कार्यक्रमों की विस्तार से जानकारी प्रदान की। अतिरिक्त निदेशक, कृषि विभाग डा जीत सिंह ने बताया कि मोटे अनाज की खेती के लिए एक करोड़ पचास हजार रूपये की कार्ययोजना तैयार की गई है।
भोजन श्रृंखला को पौष्टिक बनाने के लिए श्री अन्न बीजों को अपने खेतों में प्राथमिकता के तौर पर उपयोग करने का आह्वान भी किया। कार्यशाला जिला कृषि अधिकारी, उपपरियोजना निदेशक आत्मा तथा कृषि विकास अधिकारियों ने मोटे अनाज की खेती के फायदों के बारे में विस्तार से जानकारी प्रदान की।
ये रहे मौजूद:
भारत सरकार कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय की ओर से डा विक्रांत सिंह संयुक्त निदेशक, रौतेला परियोजना सलाहाकार स्वाती रौतेला सहित अतिरिक्त उपायुक्त निवेदिता उपस्थित रहीं।
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