हिमाचल प्रदेश सरकार में खेल व आयुष मंत्री यादविंदर गोमा ने कहा है कि मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू के नेतृत्व में वर्तमान राज्य सरकार ने गारंटियाँ पूरी करने से आगे बढ़कर काम किया है। उन्होंने कहा कि विधानसभा चुनाव के समय दी गई 10 गारंटियों में से पांच गारंटियों को मात्र सवाल साल के कार्यकाल में पूरा कर दिया है। उन्होंने कहा कि पहली ही कैबिनेट में सरकारी कर्मचारियों की मांग को पूरा करते हुए वर्तमान राज्य सरकार ने पुरानी पेंशन स्कीम को बहाल किया, ताकि वह वृद्धावस्था में आत्मसम्मान के साथ जीवन जी सकें। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने महिलाओं के साथ किया वादा भी निभा दिया है और उन्हें 1500 रुपए माह सम्मान निधि प्रदान करने के लिए योजना शुरू कर दी है, जिसकी शुभारंभ मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने लाहौल-स्पीति जिला से किया है। इस योजना के शुरू होते ही भाजपा का महिला विरोध सामने आ गया और भाजपा नेता इंदिरा गांधी प्यारी बहना सुख-सम्मान निधि को रुकवाने के लिए चुनाव आयोग के दरवाज़े पर पहुँच गए। उन्होंने कहा कि प्रदेश की माताएं-बहनें भाजपा नेताओं के इस विरोध को देख रही है और चुप नहीं बैठेगी।
गोमा ने कहा कि वर्तमान राज्य सरकार ने तीसरी गारंटी को पूरा करते हुए बेरोज़गार युवाओं के लिए 680 करोड़ रुपए के राजीव गांधी स्वरोज़गार स्टार्ट-अप फंड की शुरूआत की है। जिसके तहत ई-टैक्सी की ख़रीद के लिए 50 प्रतिशत सब्सिडी प्रदान की जा रही है। इसके अलावा युवाओं को निजी जमीन पर सोलर प्लांट लगाने के लिए सरकारी मदद प्रदान की जा रही है, जिसके तहत वह 100 किलोवॉट, 200 किलोवॉट तथा 500 किलोवॉट तक के सौर संयंत्र स्थापित कर पाएंगे। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने अपने बजट में ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करने के लिए कई प्रभावी कदम उठाए हैं, जिनसे किसानों, बागवानों और पशुपालकों की समृद्धि सुनिश्चित होगी। हिमाचल प्रदेश दूध का न्यूनतम समर्थन मूल्य देने वाला देश का पहला राज्य बना है। पांचवीं गारंटी को पूरा करते हुए सरकार स्कूलों में पहली कक्षा से अंग्रेजी मीडियम की पढ़ाई इस शैक्षणिक सत्र से शुरु करने का निर्णय लिया गया है।
खेल मंत्री ने कहा कि प्रदेश की जनता यह जानती है कि ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू में प्रदेश हित में निर्णय लेने की काबिलियत है, इसीलिए उन्होंने गारंटियों से आगे बढ़कर कार्य किया है। अनाथ बच्चों के लिए मुख्यमंत्री सुखाश्रय योजना, विधवा एवं एकल नारी के बच्चों की शिक्षा का खर्च वहन करने के लिए योजना शुरू की गई है। इसके साथ ही उन्हें घर निर्मित करने के लिए 1.50 लाख रुपये की वित्तीय सहायता भी राज्य सरकार प्रदान कर रही है। मुख्यमंत्री ने बजट में मजदूरों से लेकर हर वर्ग के कल्याण का ध्यान रखा है। उन्होंने कहा कि चुनाव में वर्तमान राज्य सरकार पिछले सवा साल में किए गए कार्यों को लेकर जनता के बीच जाएगी और प्रदेश की जनता कांग्रेस सरकार की नीतियों पर मुहर लगाएगी।
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