नोटा भी बिगाड़ सकता है प्रत्याशियों का खेल

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Kullu मे नोटा भी बिगाड़ सकता है प्रत्याशियों का खेल।
नोटा बटन इस बार विधानसभा चुनाव में दबा तो यह प्रत्याशियों का खेल बिगाड़ सकता है।यदि पिछले चुनाव में नोटा दबाने वाले मतदाताओं ने इस बार प्रत्याशियों के हक में वोट किया तो, उसका भाग्य भी चमक सकता है। क्योंकि इस बार जिस तरह से विधानसभा चुनाव में पार्टियों में खिचड़ी पक गई है, इसमें किसी की भी लॉटरी लग सकती है। पिछले नोटा के वोट इस बार प्रत्याशियों के हक में आए तो वे ही जीत-हार करेंगे। पिछले चुनावों में नोटा का बटन दबाने वाले नोटा को वोट न कर प्रत्याशियों को अपना मत देते हैं, तो वे ही जीत दर्ज कर सकते हैं। हालांकि नोटा दबाने वाले प्रत्याशियों का आंकड़ा कम रहता है, लेकिन इस बार की चुनावी खिचड़ी में यह संख्या जीत दर्ज करने के लिए मायने रखेगी। क्योंकि पार्टियों से बगावत कर जितने भी प्रत्याशी मैदान में उतरे हैं, उनसे पार्टियों के प्रत्याशियों को खतरा तो पैदा हुआ है। वहीं, उनकी अच्छी खासी पैठ भी जनता के बीच मानी जाती है।

वहीं, इनके बीच जिन लोगों ने पिछले चुनाव में नोटा का बटन दबाया था, उन्होंने जिस भी प्रत्याशी के हक में अपना मतदान किया तो उसकी बल्ले-बल्ले होगी। बता दें कि वर्ष 2013 में पहली बार नोटा शुरू हुआ है और हिमाचल में 2014 के लोकसभा चुनाव में लोगों ने इसका इस्तेमाल भी किया। वहीं, पसंदीदा प्रत्याशी न मिलने पर नोटा का बटन मतदाताओं ने दबाया और पसंदीदा प्रत्याशी न मिलने पर हजारों मतदाता नोटा यानी नन ऑफ द एबव बटन दबाकर अपनी नाराजगी जाहिर की गई है। इसके बाद विधानसभा या लोकसभा चुनाव, लोकसभा उपचुनाव की बात करें तो हिमाचल प्रदेश में हजारों मतदाताओं ने नोटा का बटन दबाया था। इस बार यदि नोटा का खाता न खोलते हुए मतदाताओं ने प्रत्याशियों को मत डाला तो, यह मत जीत और हार को सुनिश्चित जरूर करेंगे। यहां हम बात करते हैं विधानसभा चुनाव 2017 की।

हिमाचल प्रदेश के कुल्लू जिला के चारों विधानसभा क्षेत्रों की बात करें तो यहां पर भी 2017 में कई लोगों ने नोटा का बटन दबाकर प्रत्याशियों को पसंदीदा नहीं बताया। जिला के चारों विधानसभा की बात करें तो 2208 मतदाताओं ने नोटा को अपना वोट दिया था। कुल्लू सदर सीट में 407 लोगों ने नोटा का बटन दबाया था। जबकि आनी की बात करें तो यहां पर जिला की अन्य विधानसभा सीटों के मुकाबले सबसे ज्यादा मतदाताओं ने नोटा दबाया। आनी में 943 लोगों ने नोटा को वोट किए थे। बंजार विधानसभा क्षेत्र की बात करें तो 2017 के विधानसभा चुनाव में 684 लोगों ने नोटा को अपना मतदान किया था। इसके अलावा मनाली विधानसभा क्षेत्र पर नजर डालें तो पिछले विधानसभा चुनाव में 323 लोगों ने नोटा का बटन दबाया था। इस बार आनी में भाजपा-कांग्रेस से बगावात कर किशोरी लाल सागर और परस राम चुनावी जंग में हैं। यहां पर पार्टी प्रत्याशियों को नुकसान हो सकता है। यहां पर यदि पिछले चुनाव में नोटा दबाने वाले मतदाताओं ने प्रत्याशियों के हक में मतदान किया तो, उसकी लॉटरी लग सकती है। वहीं, कुल्लू, बंजार की बात करें तो यहां भी चुनावी खिचड़ी पक गई है। यहां पर भी नोटा दबाने वालों ने इस बार जिस भी प्रत्याशी को वोट किया तो, उसका भाग्य चमक सकता है।

http://dhunt.in/EkfCy?s=a&uu=0x5f088b84e733753e&ss=pd Source : “Divya Himachal”

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