पशुओं को चरम रोग से बचाने हेतू साफ-सफाई का रखें ध्यान – डाॅ सेन
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ऊना, 6 अगस्त: उप निदेशक पशु पालन ऊना डाॅ जय सिंह सेन ने जानकारी देते हुए बताया कि पिछले कुछ दिनों से जिला ऊना के पालतु-पशु चरम रोग की बीमारी से ग्रसित पाए गए है। उन्होंने बताया कि इस बीमारी के लक्षण लंपी स्कीन बीमारी की तरह है। जय सिंह सेन ने बताया कि इस बीमारी को मध्यनज़र रखते हुए जिला स्तर पर नोडल अधिकारी नियुक्त किए गए है और सभी अधीनस्थ अधिकारियों व कर्मचारियों को प्रतिदिन इस बीमारी से ग्रसित पशुओं की जानकारी देने बारे दिशा-निर्देश जारी कर दिऐ गये है।
डाॅ जय सिंह सेन ने बताया कि पशु पालन विभाग द्वारा गठित टीम ने गांव टटेहड़ा व धमान्दरी में बीमार पशुओं के खून व चमड़ी के नमूने एकत्रित किए गए हैं और इन्हें जांच के लिए भोपाल प्रयोगशाला में भेजा जा रहा है। इसके अलावा संक्रमित पशुआंे को स्वस्थ पशुओं से अलग रखा गया है। उन्होंने बताया कि बीमारी से पशुओं को तेज बुखार, शरीर पर बडे गुमड़ और फोडे़ आदि लक्षण देखने को मिले हैं। यह बीमारी एक वायरस जनित रोग है। मच्छर, मक्खी और चीचड़ द्वारा संक्रमित पशु को काटने के बाद स्वस्थ पशुओं में फैलता है। उन्होंने कहा कि अगर पशुओं में इस तरह के लक्षण पाए जाते है तो ईलाज के लिए स्थानीय पशु चिकित्सा संस्थान में सम्पर्क करें व बीमार पशुओं को दूसरे पशुओं से अलग रखें और साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखे।
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