Himachal Pradesh Assembly Elections 2022: पार्टी को पेंशन का सुझाव देकर प्रचार के लिए मैदान में उतरे प्रेम कुमार धूमल, क्या बीजेपी मानेगी सुझाव?।प्रदेश के दो बार के मुख्यमंत्री और तीन बार के सांसद प्रेम कुमार धूमल को भले ही भाजपा ने मैदान में नहीं उतारा हो, लेकिन ऐसा लगता है कि उन्होंने इसे दिल पर नहीं लिया। राजनेताओं के सेवानिवृत्त नहीं होने की उक्ति को बरकरार रखते हुए, वह रविवार को हमीरपुर जिले के अपने गृह क्षेत्र में पार्टी उम्मीदवारों के लिए प्रचार कर रहे थे।
उनका कहना है कि उन्होंने पार्टी को सुझाव दिया था कि उन्हें कम से कम चतुर्थ श्रेणी के सरकारी कर्मचारियों के लिए एक पेंशन योजना की घोषणा करनी चाहिए जो उन्हें सेवानिवृत्ति के बाद “आरामदायक जीवन” जीने में सक्षम बनाएगी। प्रचार अभियान के दौरान भाजपा के चुनावी घोषणापत्र जारी होने से कुछ देर पहले द इंडियन एक्सप्रेस से बात करते हुए प्रेम कुमार धूमल ने पुरानी पेंशन योजना (ओपीएस) पर बात की।
उन्होंने विज़न डॉक्यूमेंट पर कहा, “आज हम विजन डॉक्यूमेंट जारी कर रहे हैं। इसका कुछ समाधान हो सकता है। मुझे लगता है कि हमें चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारियों को न्यूनतम पेंशन देने का वादा करना चाहिए, जिन्हें अच्छी पेंशन नहीं मिलती है, जैसे कि 10,000 रुपये प्रति माह, ताकि वे आराम से जीवन व्यतीत कर सकें।”
यह पूछे जाने पर कि क्या उनके सुझाव को भाजपा के घोषणापत्र में शामिल किया जाएगा, प्रेम कुमार धूमल ने कहा, “मुझे नहीं पता लेकिन यह मेरी निजी राय है। मैंने कुछ कर्मचारियों के साथ भी चर्चा की है। वे इसके लिए सहमत हैं।” दूसरी ओर कांग्रेस ने ओपीएस को बहाल करने का वादा किया है।
प्रेम कुमार धूमल सुजानपुर और हमीरपुर में पार्टी उम्मीदवारों के पक्ष में प्रचार कर रहे हैं, जहां वो कम से कम 10 जनसभाओं को संबोधित करेंगे। टिकट से इनकार करने के बावजूद वह हिमाचल प्रदेश में भाजपा के सबसे बड़े शख्सियतों में से एक हैं, जहां भी वे जाते हैं, लोग उनका स्वागत करने के लिए लाइन में लग जाते हैं। 78 वर्षीय धूमल का दावा है कि उन्होंने खुद भाजपा से कहा था कि वह चुनाव नहीं लड़ना चाहते हैं।
एक स्थानीय नेता ने कहा कि प्रेम कुमार धूमल ने पार्टी के उम्मीदवार कैप्टन राणा को टिकट उपहार में दिया और लोग कैप्टन राणा का समर्थन करके 2017 की अपनी गलती को सुधार कर सकते हैं। 2017 में भाजपा का मुख्यमंत्री चेहरा रहे प्रेम कुमार धूमल उस समय राणा से हार गए थे। बीजेपी के सत्ता में आने के बाद सिराज से विधायक जय राम ठाकुर राज्य के सीएम बने। बता दें कि प्रेम कुमार धूमल को इस बार टिकट नहीं दिया गया है।
इस बारे में पूछे जाने पर प्रेम कुमार धूमल ने कहा, “मुझे कोई पछतावा नहीं है, यह पार्टी का फैसला था। मैं एक बहुत छोटे से गाँव से ताल्लुक रखता हूँ, जैसा कि आपने देखा है। मैं तीन बार लोकसभा सांसद चुना गया था, दो बार मुख्यमंत्री और विपक्ष का नेता था। मुझे लगता है कि पार्टी ने मुझे बहुत कुछ दिया है। मैं संतुष्ट हूं। जहां तक अन्य मुद्दों का सवाल है, पार्टी के मामलों से संबंधित, मैं संगठन में उन पर चर्चा करता हूं न कि मीडिया में।”
http://dhunt.in/EWQAV?s=a&uu=0x5f088b84e733753e&ss=pd Source : “जनसत्ता ”
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