गोवा में 20 नवंबर से 28 नवंबर तक आयोजित होने वाले 53वें भारतीय अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव (आईएफएफआई) की शुरुआत ऑस्ट्रियाई फिल्म ‘अल्मा एंड ऑस्कर’ से होगी। विएना समाज के ग्रैंड डेम अल्मा महलर (1879-1964) और ऑस्ट्रियाई कलाकार ऑस्कर कोकोस्चका (1886-1980) के बीच भावनात्मक और उथल-पुथल भरा रिश्ता इस बायोपिक का विषय है। डाइटर बर्नर द्वारा निर्देशित फिल्म कुल 110 मिनट की है।
चूँकि, फिल्म महोत्सव सिनेमा की कला को सम्पूर्णता के साथ मनाने का प्रयास करता है, इसलिए यह उचित है कि आईएफएफआई 53 की शुरुआत एक संगीतकार और एक कलाकार के बीच प्रेम संबंध की भावपूर्ण फिल्म से होती है। एक उभरते हुए चित्रकार, ऑस्कर कोकोस्चका की मुलाकात संगीतकार अल्मा से उस समय होती है, जब वह अपने पहले पति गुस्ताव महलर की मृत्यु के बाद, वास्तुकार वाल्टर ग्रोपियस के साथ अपना रिलेशनशिप शुरू कर चुकी होती है। अल्मा नहीं चाहती है कि वह किसी ऐसे व्यक्ति के साथ रहे, जिसकी छाया में वह अपनी कलात्मक क्षमता को हासिल न कर पाए। यह सोचते हुए अल्मा ने ओस्कर कोकोस्चका के साथ भावनाओं से ओतप्रोत संबंध शुरू किया। उनके सम्बन्ध की प्रकृति ऐसी है कि कोकोस्चका ने अपनी सबसे प्रसिद्ध रचना को इस थीम पर चित्रित किया। फिल्म उनके रिश्ते की पड़ताल करती है, जिसे ‘तूफानी’ और ‘उथल-पुथल’ भरा कहा गया है।
ब्राइड ऑफ़ द विंड – अल्मा महलेर के साथ अपने संबंधों पर आधारित ऑस्कर कोकोस्चका की पेंटिंग
निर्देशक डाइटर बर्नर एक प्रसिद्ध ऑस्ट्रियाई फिल्म व थिएटर निर्देशक, अभिनेता और पटकथा लेखक हैं। उन्हें ऑस्ट्रिया में पुरस्कार विजेता ‘अल्पेन्सगा’ की छह फिल्मों के साथ एक निर्देशक के रूप में देश भर में प्रसिद्धि मिली, जिसमें 1976-1980 तक की अवधि के दौरान एक परिवार और गाँव के इतिहास को दिखाया गया है। उन्हें श्निट्ज़लर के थिएटर-नाटक, डेर रेगेन पर आधारित उनकी फिल्म बर्लिनर रेगेन (2006) के लिए अंतर्राष्ट्रीय प्रशंसा मिली।
अल्मा और ऑस्कर रविवार, 20 नवंबर को आईनॉक्स, पणजी में प्रदर्शित की जाएगी।
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