छोटी काशी में नहीं दिखेगा अतिक्रमण।अब मंडी शहर में अतिक्रमण करने से बाज न आने वाले दुकानदारों का पहले तो सामान जब्त कर उनकी आंखों के सामने नीलाम किया जाएगा।
इसके बाद भी नहीं मानते हैं तो उनकी दुकानों को सीज कर दिया जाएगा। नगर निगम आयुक्त ने दुकानदारों को सख्त सचेत करते हुए कानूनी धाराओं के बारे में बताया कि अतिक्रमण पर कार्रवाई सिर्फ जुर्माना तक ही सीमित नहीं है। उससे आगे भी सख्त कार्रवाई अमल में लाई जा सकती है। बता दें कि नगर निगम मंडी ने शहर के लापरवाह व अपनी मनमानी करने वाले दुकानदारों के खिलाफ शिकंजा कस दिया है। निगम ने शहर के बिगड़ैल व अपनी मनमानी करने वाले दुकानदारों के खिलाफ कार्रवाई अमल में लाने के विशेष अभियान शुरू कर दिया है। इस अभियान के तहत निगम ने सार्वजनिक स्थल पर दुकानदारी करने वालों का सामान जब्त करने की शुरुआत सोमवार से ही शुरू कर दी है। अब यह अभियान दिसंबर माह में भी जारी रहेगा।
अब तक शहर में सकोडी पुल, सैरी बाजार, इंदिरा मार्केट और चौहटा बाजार में दुकानों के बाहर सामान रखने वाले दुकानदारों के खिलाफ नगर निगम ने कार्रवाई अमल में लाई। नगर निगम की अलग-अलग टीमों ने शहर के उक्त स्थलों पर फल-सब्जियां और अन्य सामान को जब्त किया। नगर निगम के अधिकारियों ने शहर की इंदिरा मार्केट का भी निरीक्षण किया। दुकानों के बाहर सामान सजाने वालों को चेतावनी भी दी गई। इस दौरान दुकानदारों में हडक़ंप मच गया। दुकानदार सामान को दुकान के अंदर समेटते नजर आए। वहीं, वहीं, नगर निगम मंडी के आयुक्त हरि सिंह राणा ने बताया कि शहर में अतिक्रमण की समस्या विकराल रूप धारण कर रही है। दुकानदारों को समय-समय पर चेतावनी दी गई है, लेकिन दुकानदार फुटपाथ व दुकान के बाहर सामान को सजा रहे हैं। इससे लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। सामान जब्त करने के बाद भी अगर दुकानदारों का यही रवैया रहा तो दुकान सील कर दी जाएगी। (एचडीएम)
अतिक्रमण से नीट एंड क्लीन होगा मंडी
वहीं, नगर निगम मंडी के आयुक्त हरि सिंह राणा ने बताया कि नगर निगम दिसंबर माह में अतिक्रमण कारियों के खिलाफ सख्त से सख्त अभियान चलाएगी और शहर को अतिक्रमण से पूरी तरह नीट एंड क्लीन करेगी। उन्होंने कहा कि निगम की टीम ने मंडी शहर के चौहाटा बाजार व आसपास की दुकान के बाहर दुकानदारी चलाने वालों का सामान जब्त कर लिया जाएगा। इस सामान की चौहाटा बाजार में अडिय़ल दुकानदारों की आंखों के सामने नीलामी की जाएगी। फिर भी दुकानदार अपनी हरकतों से बाज नहीं आए तो उनको अपनी दुकान से भी हाथ धोना पड़ जाएगा। नगर निगम ऐसे दुकानदारों पर कार्रवाई का चाबुक चलाकर इसे सील कर देगी। मंडी शहर में फुटपाथ पर दुकानदारी सजाने व बिना किसी अनुमति के सडक़ व सार्वजनिक स्थलों में कारोबार करने वालों की अब खैर नहीं रहेगी। नगर निगम ने चौहाटा समेत अन्य स्थानों पर ऐसे लोगों के खिलाफ शिकंजा कसना शुरू कर दिया है। शहर में कुछ दुकानदार अपनी दुकान के बाहर भी साजो सामान लटका रहे हैं। यहीं नहीं राहगीरों व शहर में चहल कदमी करने वालों के लिए बनाए गए फुटपाथ व पार्क में कारोबार शुरू होने से लोगों को पैदल चलने में काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
अतिक्रमण हटाओ अभियान तेजी से चलाए निगम
सिटीजन काउंसिल की एक बैठक ओपी कपूर की अध्यक्षता में हुई। जिसमें नगर निगम द्वारा बाजार व गलियों में आजकल अतिक्रमण के खिलाफ चलाए गए अभियान की सराहना की गई तथा यह निवेदन किया गया कि यह अभियान जोर शोर से चलाया जाए, ताकि हमारी सडक़ें व गालियां पैदल चलने वाले बजुर्गों, बच्चों, महिलाओं व अन्य सभी के लिए के लिए सुरक्षित हों। इस अभियान के अंतर्गत हम यह अपेक्षा करेंगे कि शहर की सडक़ों, रास्तों व गलियों में जो भी निगम की भूमि में अतिक्रमण किया गया हो उसे भी चिन्हित किया जाए व खाली करवाया जाए, क्योंकि ऐसी बहुत सी भूमि है जहां पर अवैध कब्जे हैं। सिटीजन काउंसिल भी इस कार्य में नगर निगम का सहयोग करेगी। सिटीजन काउंसिल ने यह भी मांग की है कि शहर की समस्त रास्तों, सडक़ों गलियों में खड़े किए जा रहे वाहनों की पार्किंग सही ढंग से करवाने के लिए कदम उठाए जाएं। उन्होंने कहा कि सिटीजन काऊंसिल एचएस राणा नगर निगम आयुक्त व उनकी समस्त टीम व प्रशासन की भी आभारी है। बैठक में रवि कपूर, हरीश वैद्य, अशोक अवस्थी, नीरज हांडा, अनिल गुप्ता, नरेश धीमान, सुरेंद शर्मा, खेमराज गुप्ता, रघुवीर मल्होत्रा आदि उपस्थित रहे।
एनजीओ-वरिष्ठ नागरिकों की आ रही शिकायतें
बता दें कि पिछले लंबे समय से शहर में बढ़ रहे अतिक्रमण को लेकर क्षेत्र की विभिन्न एनजीओ व वरिष्ठ नागरिकों की नगर निगम मंडी के पास शिकायतें आ रही हैं, जिसमें शहर को अतिक्रमण से मुक्त करवाने के लिए बार-बार जोर दिया जा रहा है। हालांकि नगर निगम ने कई बार दुकानदारों को सचेत किया और समझाया भी, लेकिन इसके बाद भी शहर में अतिक्रमण लगातार बढ़ रहा है, जिसके बाद नगर निगम मंडी के अधिकारियों को सख्त कार्रवाई करने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है।
Source : “Divya Himachal”
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