Fifa World Cup 2022 : विश्व विजेताओं का कब्रगाह बना कतर, चैंपियंस की इतनी फजीहत कभी नहीं हुई।2022 की विश्वकप फुटबॉल प्रतियोगिता विश्व विजेताओं के लिए क्रबगाह साबित हो रही है। दुनिया की शीर्ष टीमों के लिए ‘ऑपरेशन कतर’ एक भयावह सपना बन गया है। यह प्रतियोगिता इस बात का भी प्रमाण है कि अब दुनिया में फुटबॉल का शक्ति संतुलन बदल रहा है।
एशियाई- अफ्रीकी देश अब यूरोप और दक्षिण अमेरिका की बादशाहत को चुनौती देने लगे हैं। जापान ने जर्मनी और स्पेन को हरा दिया। जापान के कारण चार बार की विजेता जर्मनी की इस प्रतियोगिता से विदाई हो गयी। सऊदी अरब ने अर्जेंटीना को हरा दिया। दक्षिण कोरिया ने पुर्तगाल को हरा दिया। इस प्रदर्शन के कारण पूर्व वर्ल्ड चैंपियन उरुग्वे को प्रतियोगिता से बाहर होना पड़ा। अफ्रीकी देश ट्यूनीशिया ने मौजूदा विश्वचैंपियन फ्रांस को हरा दिया। मोरक्को ने विश्व की दूसरे नम्बर की टीम बेल्जियम को हरा दिया। अब बेल्जियम भी प्रतियोगिता से बाहर हो चुका है। एक अन्य अफ्रीकी देश कैमरून ने पांच बार की विजेता ब्राजील को हरा दिया। किसी एक विश्व कप में इतनी दिगगज टीमों की पहले कभी फजीहत नहीं हुई। ऐसा इसलिए हुआ क्यों कि अब एशियाई और अफ्रीकी फुटबॉल का स्तर बहुत ऊपर उठ गया है। अब दुनिया की कोई टीम अपराजेय नहीं है।
एशिया-अफ्रीका से 2-2 देश अंतिम 16 में
एशिया से जापान और दक्षिण कोरिया तो अफ्रीका से सेनेगल और मोरक्को अंतिम 16 में पहुंचे हैं। यह विश्वकप के बदलते शक्ति संतुलन का जीता-जागता प्रमाण है। यह दूसरा मौका है जब एशिया के दो देश विश्व कप का प्री क्वार्टर फाइनल खेल रहे हैं। इसके पहले 2002 के विश्वकप फुटबॉल में जापान और दक्षिण कोरिया अंतिम 16 में पहुंचे थे। उस बार तो दक्षिण कोरिया सेमीफाइनल तक पहुंचा था। विश्वकप में ब्राजील का बड़ा भौकाल रहा है। लेकिन कैमरून ने ब्राजील के गुरूर को तोड़ दिया। फुटबॉल की दुनिया में यह एक बहुत बड़ी मनोवैज्ञानिक जीत है। इसका फायदा दक्षिण कोरिया को मिल सकता है क्यों कि प्री क्वार्टर फाइनल में उसका मुकाबला ब्राजील से होना है। यह मैच 5 दिसम्बर को खेला जाएगा। इसी दिन जापान की क्रोएशिया से भिड़ंत होनी है। यानी एशिया के लिहाज से 5 दिसम्बर एक अहम तारीख है।
पिछड़ने के बाद भी दक्षिण कोरिया ने दम दिखाया
दक्षिण कोरिया और जापान एशिया की फुटबॉल शक्ति हैं। अब उन्होंने विश्वस्तर पर अपनी छाप छोड़ी है। दक्षिण कोरिया ने पुर्तगाल पर जो जीत दर्ज की वह उत्कृष्ट खेल कौशल का प्रमाण है। पुर्तगाल ने पांचवें में मिनट में एक गोल की बढ़त बना ली थी। लेकिन कोरिया पुर्तगाल या रोनाल्डो के नाम के दबाव में नहीं आया। वह बराबरी के गोल के लिए पुर्तगाली गोल पर हमला करते रहा। हालांकि खेल पर पुर्तगाल ने पकड़ बना रखी थी फिर भी कोरिया अपने लिए मौके तलाशता रहा।
रोनाल्डो की चूक
27वें मिनट में दक्षिण कोरिया ने बाएं फ्लैंक से मूव बनाया। कोरिया के लेफ्ट विंगर ने पेनल्टी बॉक्स में एक ऊंचा पास दिया। वहां पुर्तगाल के डिफेंडर भी खड़े थे। कप्तान रोनाल्डो भी वहीं थे। लेकिन कोरिया के सूंग ग्यू ऊंचे कद के खिलाड़ी थे। उन्होंने एक ऊंची जम्प लगायी और हेडर से गेंद को गोल में रिफ्लेक्ट कर दिया। रोनाल्डो गेंद को क्लीयर करने से चूक गये। गोलकीपर ने गेंद रोक तो ली लेकिन वह छिटक कर आगे की तरफ चली गयी। किम योंग ग्वोन वहीं खड़े थे उन्होंने तेजी से गेंद को गोल में डाल दिया।
दक्षिण कोरिया के आगे रोनाल्डो भी फीके
इस गोल के समय दुनिया के सबसे नामी फुटबॉलर रोनाल्डो वहीं खड़े थे लेकिन कुछ नहीं कर पाये। यह एशियाई फुटबॉल के शक्तिशाली होने का संकेत है। 90 मिनट का खेल पूरा होने पर कोरिया और पुर्तगाल 1-1 से बराबर थे। लेकिन अभी 6 मिनट का इंजरी टाइम जोड़ा जाना बाकी था। इंजरी टाइम के बाद जैसे ही खेल शुरू हुआ कोरिया ने 90+1 मिनट में ही दूसरा गोल कर दिया। कॉर्नर किक के बाद गेंद ह्वांग ही चेन को मिली जिन्होंने डाइव लगाते हुए गोल स्कोर कर दिया। यह गोल भी दर्शनीय था। इसके बाद अगले पांच मिनट तक कोरिया ने पुर्तगाल को बांधे रखा। इस तरह उसने 2-1 से ऐतिहासिक जीत हासिल कर ली। इस जीत के बाद कोरिया के कप्तान सोन ह्वांग मिन इतने भावुक हो गये कि बीच मैदान पर ही रोने लगे। ये खुशी के आंसू थे। वर्ल्डकप में आने से पहले इस महीने के शुरू में उनकी बायीं आंख के पास एक ऑपरेशन हुआ था। वही कोरियाई आक्रमण की जान थे। इसलिए वे आंख को बचाने के लिए सुरक्षा मास्क लगा कर खेले। यह करो या मरो का मैच था। कप्तान सोन ने अपनी टीम की जीत के लिए सब कुछ झोंक दिया।
Source : “OneIndia”
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