हिमाचल में 1 जनवरी से स्कूलों और कॉलेजों में विंटर वेकेशन, शेड्यूल जारी। हिमाचल प्रदेश के स्कूलों और कॉलेजों में 1 जनवरी से सर्दियों की छुट्टियां हो रही हैं. विंटर वेकेशन स्कूलों में यह छुट्टियां 1 जनवरी से 12 फरवरी तक होंगी, जबकि समर वेकेशन स्कूलों में लोहड़ी के आसपास यह छुट्टियां की जाएंगी, जो छह दिन की होंगी।
.हिमाचल प्रदेश में सर्दियां शुरू हो गई हैं. ऐसे में यहां पर शीतकालीन स्कूलों का छुट्टियों का शेड्यूल भी जारी हो गया है. सर्दियों में बंद होने वाले स्कूलों की वार्षिक परीक्षा दिसंबर के दूसरे सप्ताह से शुरु होने वाली हैं. प्रदेश के स्कूलों और कॉलेजों में 1 जनवरी से सर्दियों की छुट्टियां हो रही हैं. विंटर वेकेशन स्कूलों में यह छुट्टियां 1 जनवरी से 12 फरवरी तक होंगी, जबकि समर वेकेशन स्कूलों में लोहड़ी के आसपास यह छुट्टियां की जाएंगी, जो छह दिन की होंगी. इस बार शिक्षा विभाग यह छुट्टियां 11 से 16 जनवरी तक करने जा रहा है. हालांकि कॉलेजों में पूर्व शेड्यूल के मुताबिक ही सर्दियों की छुुट्टियां की जाएंगी, जो 1 जनवरी से 5 फरवरी तक होंगी.
प्रदेश के सभी डिग्री कॉलेज 6 फरवरी को खुलेंगे. जानकारी के मुताबिक प्रदेश के 5322 से अधिक विंटर वेकेशन स्कूलों में 31 दिसंबर को स्कूल शिक्षा संवाद का आयोजन किया जाएगा. इस मौके पर विद्यार्थियों के परीक्षा परिणाम भी घोषित किए जाएंगे. स्कूलों में जन सहभागिता से शिक्षा का वातावरण बेहतर हो, इस उद्देश्य की पूर्ति के लिए इस दिन आम सभा का भी आयोजन करने के निर्देश दिए गए हैं. समग्र शिक्षा की ओर से स्कूल प्रशासन को यह निर्देश दिए गए हैं.
इस दौरान विद्यार्थियों के रिपोर्ट कार्ड को अभिभावकों के साथ सांझा किया जाएगा. शिक्षा संवाद के दौरान पहली से आठवीं कक्षा के विद्यार्थियों के रिपोर्ट कार्ड जारी किए जाएंगे. माता-पिता को बच्चों की उपलब्धियों के बारे में अवगत करवाया जाएगा और अगले सत्र के लिए शिक्षा की गुणवत्ता में और अधिक सुधार के लिए माता-पिता से सुझाव भी मांगे जाएंगे. शिक्षा विभाग ने इस बार समर वेकेशन स्कूलों में सर्दियों में होने वाली छुट्टियां के शेड्यूल मे बदलाव किया है. पिछले साल इन स्कूलोंं में 25 से 31 दिसंबर तक सर्दियों की छुट्टियां की गई थी, लेकिन इस बार विभाग ने लोहड़ी के दौरान यह छुट्टियां करने का फैसला लिया है. शिक्षक संगठन के पदाधिकारियों का कहना है कि विभाग ने अपने स्तर पर यह फैसला लिया है. इसमें शिक्षक संगठनों की राय नहीं ली गई है.
Source : “ETV Bharat हिंदी”
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