नेपाल में ‘प्रचंड’ सरकार, शेर बहादुर देउबा की गई कुर्सी, पुष्पकमल दहल बने प्रधानमंत्री

Read Time:3 Minute, 41 Second

नेपाल में ‘प्रचंड’ सरकार, शेर बहादुर देउबा की गई कुर्सी, पुष्पकमल दहल बने प्रधानमंत्री।राष्ट्रपति बिद्या देवी भंडारी ने पुष्प कमल दहल ‘प्रचंड’ को नेपाल का नया प्रधानमंत्री नियुक्त कियारोटेशन के आधार पर सरकार का नेतृत्व करने के लिए प्रचंड और ओली के बीच एक समझौता हुआ है ओली ने अपनी मांग के अनुसार प्रचंड को पहले मौके पर प्रधानमंत्री बनाने पर सहमति जताई

काठमांडू: नेपाल शेर बहादुर देउबा की प्रधानमंत्री पद की कुर्सी चली गई है। पुष्पकमल दहल नेपाल के प्रधानमंत्री बन गए हैं। रविवार को राष्ट्रपति बिद्या देवी भंडारी ने पुष्प कमल दहल ‘प्रचंड’ को नेपाल का नया प्रधानमंत्री नियुक्त किया है। प्रचंड के अनुसार, “उन्हें पीएम पद के लिए निर्दलीय सांसदों सहित 169 सांसदों का समर्थन प्राप्त है।”

पूर्व प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली के नेतृत्व वाले विपक्षी सीपीएन-यूएमएल, सीपीएन-माओवादी सेंटर, राष्ट्रीय स्वतंत्र पार्टी (आरएसपी) और अन्य छोटे दलों की एक महत्वपूर्ण बैठक में ‘प्रचंड’ के नेतृत्व में सरकार बनाने पर सहमति बनी।

सीपीएन-एमसी देब के महासचिव गुरुंग ने कहा कि सीपीएन-यूएमएल, सीपीएन-एमसी और अन्य पार्टियां संविधान के अनुच्छेद 76 (2) के तहत 165 सांसदों के हस्ताक्षर के साथ राष्ट्रपति कार्यालय ‘शीतलनिवास’ में प्रचंड के प्रीमियर के लिए दावा करने के लिए तैयार हैं। 165 सांसदों में सीपीएन-यूएमएल के 78, सीपीएन-एमसी के 32, आरएसपी के 20, आरपीपी के 14, जेएसपी के 12, जनमत के छह और नागरिक उन्मुक्ति पार्टी के तीन सदस्य शामिल हैं।

बैठक में ओली के आवास, बालकोट में ओली, प्रचंड, आरएसपी अध्यक्ष रवि लामिछाने, राष्ट्रीय प्रजातंत्र पार्टी के प्रमुख राजेंद्र लिंगडेन, जनता समन्वयवादी पार्टी के अध्यक्ष अशोक राय सहित अन्य लोगों ने भाग लिया।

रोटेशन के आधार पर सरकार का नेतृत्व करने के लिए प्रचंड और ओली के बीच एक समझौता हुआ है और ओली ने अपनी मांग के अनुसार प्रचंड को पहले मौके पर प्रधानमंत्री बनाने पर सहमति जताई। इस फॉर्मूला के तहत प्रचंड 2025 तक प्रधानमंत्री पद पर बने रहेंगे।


दिन भर के राजनीतिक घटनाक्रमों के बीच प्रचंड ने विपक्षी सीपीएन-यूएमएल और अन्य छोटे दलों के समर्थन से नयी सरकार के गठन का दावा पेश किया था। संविधान के अनुच्छेद 76(2) के तहत गठबंधन सरकार बनाने के लिए राजनीतिक दलों को राष्ट्रपति बिद्या भंडारी द्वारा दी गई समय सीमा रविवार शाम को समाप्त हो रही थी।

Source : “Lokmat News”

Happy
Happy
0 %
Sad
Sad
0 %
Excited
Excited
0 %
Sleepy
Sleepy
0 %
Angry
Angry
0 %
Surprise
Surprise
0 %

Average Rating

5 Star
0%
4 Star
0%
3 Star
0%
2 Star
0%
1 Star
0%

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Previous post राकेश विष्ट पुत्र श्री दौलत राम विष्ट निवासी गांव बाह बाजार तह देवप्रयाग (यूके) को 12.500 किग्रा भूकी के साथ गिरफ्तार
Next post सरकारी नौकरी पाने का सुनहरा मौका, ESIC निकालेगी 6,400 वैकेंसीज
error: Content is protected !!