देश के मुखिया की ऐसी सादगी, न VVIPs, न शोबाजी. नंगे पैर दी मां को अंतिम विदाई

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देश के मुखिया की ऐसी सादगी, न VVIPs, न शोबाजी. नंगे पैर दी मां को अंतिम विदाई। भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मां हीराबा का निधन हो गया है. प्रधानमंत्री की मां का निधन होना न सिर्फ पीएम मोदी के लिए बल्कि पूरे देश के लिए बहुत दुखद था.

जो लोग प्रधानमंत्री मोदी से परिचित हैं वह निश्चित तौर पर उनकी मां को भी जानते थे. उनका निधन 100 साल की उम्र में हुआ है. जैसे ही उनके निधन की खबर पूरे देश में फैली सभी सोचने लगे कि प्रधानमंत्री की मां का निधन हुआ है तो राजकीय सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा और सलामी दी जाएगी.

इन कयासों के बीच पीएम मोदी अहमदाबाद पहुंचे और मां के अंतिम दर्शन किए. उनका इलाज गुजरात के एक हॉस्पिटल में हो रहा था. जब उनकी अंतिम यात्रा निकाली गई तो उसमें तो पूरा देश ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया देखती रह गई. एक प्रधानमंत्री की मां का शव एक सरकारी शव वाहिनी से ले जाया गया. खुद पीएम मोदी भी उसमें बैठकर श्मशान घाट तक पहुंचे. इस दौरान अंतिम यात्रा में किसी तरह का कोई तामझाम नहीं दिखा. एक सामान्य परिवार की तरह ही उनकी मां की शवयात्रा निकाली गई.

वीवीआईपी कल्चर से कोसों दूर

न्यूज चैनलों के सीधे प्रसारण से पूरी दुनिया यह सब देख रही थी. पीएम मोदी ने अपनी मां के पार्थिव शरीर को कंधा दिया और अंतिम यात्रा में एक बेटे का कर्तव्य निभाया. हाल ही में हमने ब्रिटेन की क्वीन के निधन की खबरें देखीं थीं. उनके अंतिम संस्कार से पहले अपनी क्वीन को देखने के लिए लाखों लोग अंतिम दर्शन के लिए पहुंचे थे. इसके लिए कई दिनों तक उनका पार्थिव शरीर रखा गया था. यहां पर भी देखा जाए तो यह सब संभव था. बीजेपी के कई दिग्गज नेता वहां पहुंच सकते थे. लेकिन ऐसा कुछ देखने को नहीं मिला.

सामान्य परिजनों के साथ किया अंतिम संस्कार

अंतिम यात्रा के दौरान न तो कोई भीड़-भाड़ दिखाई दी, न ही किसी तरह का वीवीआईपी कल्चर. इस अंतिम यात्रा के दौरान कोई राजसी भौकाल या वीआईपी विजिट भी नहीं हुई. यह पूरा दृश्य ऐसा था जैसे किसी साधारण परिवार में होता है. यहां देश के मुखिया जैसी कोई भी बात नजर नहीं आई. अंतिम यात्रा में सिर्फ आसपास के लोग और उनके करीबी ही दिखाई दिए. करीब 1 घंटे में मां की अंतिम संस्कार की प्रक्रिया को पूरा करने के बाद पीएम मोदी अपने शेड्यूल के अन्य कार्यक्रमों में शामिल होने के लिए रवाना हो गए.

पीएम मोदी की इस सादगी ने न सिर्फ देश बल्कि पूरी दुनिया के दिलों को जीत लिया है. वीवीआईपी कल्चर से कोसो दूर एक सामान्य परिवार की तरह यह सब किया गया. मीडिया कर्मियों की मदद से यह पूरे देश देख पाया और इसका साक्षी बन पाया. उन्होंने एक मिसाल पेश की है जिसमें उन्होंने दिखाया है कि वह पूरी तरह से जमीन से जुड़े नेता हैं और सादा जीवन में विश्वास रखते हैं.

Source : “TV9 Bharatvarsh”

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