अटल चिकित्सा एवं अनुसंधान विश्वविद्यालय, नेरचौक, मंडी (एएमआरयू) के एक प्रवक्ता ने आज यहां बताया कि एएमआरयू द्वारा हिमाचल प्रदेश सरकार की ओर से एमबीबीएस/बीडीएस मेडिकल पाठ्यक्रमों के लिए काउंसलिंग का आयोजन किया गया था। निदेशक, चिकित्सा शिक्षा एवं अनुसंधान, शिमला की अध्यक्षता में गठित काउंसलिंग कमेटी के निर्देशानुसार यह काउंसलिंग करवाई गई थी।
उन्होंने बताया कि एक आवेदक कार्तिक शर्मा को काउंसलिंग के प्रथम चरण की काउंसलिंग के दौरान इंदिरा गांधी मेडिकल कॉलेज (आईजीएमसी), शिमला में सीट आवंटित की गई थी। विश्वविद्यालय के संज्ञान में आया है कि इस आवेदक ने काउंसलिंग के दौरान अपने दस्तावेजों से छेड़छाड़ की थी।
प्रवक्ता ने बताया कि काउंसलिंग के लिए विश्वविद्यालय (एएमआरयू) ने उपयुक्त परीक्षार्थियों से आवेदन आमंत्रित किए थे। उनके नीट रोल नंबर, नीट अंक जमा विवरण विश्वविद्यालय द्वारा सहायक महानिदेशक (एमई), स्वास्थ्य और परिवार कल्याण, निर्माण भवन, नई दिल्ली की ओर से विश्वविद्यालय को उपलब्ध करवाए गए नीट डाटा के अनुसार जांचे जाते हैं। उन्होंने बताया कि विवरणिका (प्रोस्टपेक्टस) के अनुसार प्रवेश के समय दस्तावेजों का भौतिक सत्यापन संबंधित महाविद्यालय द्वारा किया जाता है। कॉलेज स्तर पर दस्तावेजों के सत्यापन के बाद उन्हें कॉलेज द्वारा एनएमसी पोर्टल पर अपलोड किया जाता है।
इस मामले में आईजीएमसी, शिमला में प्रवेश प्रक्रिया की देखरेख करने वाले डीलिंग सहायक ने प्रोग्रामर, एएमआरयू को सूचित किया कि उक्त उम्मीदवार का विवरण पोर्टल पर अपलोड नहीं किया जा सका। यह जानकारी मिलने पर एएमआरयू के प्रोग्रामर ने नीट डाटा और नीट स्कोर कार्ड के क्यूआर कोड की जांच की और पाया कि शायद कार्तिक शर्मा द्वारा दस्तावेजों से छेड़छाड़ की गई है। इसकी सूचना आईजीएमसी के डीलिंग असिस्टेंट को दी गई और उन्हें आईजीएमसी शिमला के प्रधानाचार्य को यह तथ्य बताने को कहा गया।
उन्होंने बताया कि विश्वविद्यालय द्वारा आवेदकों/उम्मीदवारों के दस्तावेजों की प्रारंभिक छंटनी के दौरान नीट रोल नम्बर और उम्मीदवार द्वारा प्राप्त अंकों का मिलान सहायक महानिदेशक (एमई), स्वास्थ्य और परिवार कल्याण, दिल्ली द्वारा उपलब्ध करवाए गए डाटा के साथ किया गया था। इस मामले में भी उम्मीदवार द्वारा पोर्टल पर अपलोड किए गए नीट रोल नंबर और अंकों का मिलान किया गया था, इस चरण में संदिग्धता पाई नहीं गई थी।
उन्होंने कहा कि एएमआरयू के परीक्षा नियंत्रक ने इस मुद्दे के संबंध में आईजीएमसी के प्राचार्य से भी बात की और उन्हें कार्तिक के सभी दस्तावेजों की फिर से जांच करने और आगे की आवश्यक कार्रवाई के लिए पुलिस को रिपोर्ट करने के लिए कहा। उन्होंने बताया कि उम्मीदवार के खिलाफ आगे की कार्रवाई आईजीएमसी, शिमला द्वारा शुरू कर दी गई है।
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