ऊना, 7 जनवरी – प्रमुख धार्मिक स्थल छिन्मस्तिका धाम चिंतपूर्णी मंदिर में देश के विभिन्न स्थानों से आने वाले धार्मिक श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए हिमाचल प्रदेश सरकार प्रयासरत है। मंदिर में देश-विदेश से आने वाले श्रद्धालुओं को विश्व स्तरीय सुविधाएं उपलब्ध करवाने के प्रयास किए जा रहे हैं। प्रदेश में नवनिर्वाचित सरकार के सत्ता संभालते ही इस दिशा में कई सकारात्मक कदम उठाए गए हैं। हिमाचल प्रदेश के उपमुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री जिनके पास जल शक्ति, परिवहन के अतिरिक्त भाषा कला एवं संस्कृति विभाग का कार्यभार भी है। उन्होंने अपने ऊना जिला के प्रथम दौरे के दौरान ही इस विषय में भाषा कला एवं संस्कृति विभाग के उच्च अधिकारियों, चिंतपूर्णी मंदिर न्यास, प्रशासनिक अधिकारियों तथा प्रदेश सरकार के अन्य विभागों के अधिकारियों से महत्वपूर्ण बैठक कर धार्मिक पर्यटक स्थल चिंतपूर्णी में श्रद्धालुओं के लिए विश्व स्तरीय सुविधाएं विकसित करने के लिए शीघ्र ही इस दिशा में आवश्यक पग उठाने के निर्देश दिए थे। संबंधित अधिकारियों ने अगले ही दिन चिंतपूर्णी मंदिर स्थल सहित आसपास के क्षेत्रों का भी दौरा किया तथा श्रद्धालुओं की आवाजाही की सुविधा के लिए रोपवे निर्माण, एस्केलेटर निर्माण तथा ई-वाहन संचालन सहित भविष्य की आवश्यकताओं व अनेक अन्य परियोजनाओं बारे गहन विचार विमर्श किया गया।
मंदिर आयुक्त एवं उपायुक्त राघव शर्मा ने बताया कि मंदिर में आने वाले श्रद्धालुओं को माईदास मंदिर सदन से चिंतपूर्णी मंदिर स्थल तक जाने के लिए किसी प्रकार की असुविधा का सामना न करना पड़े उसके लिए ई-वाहन का शनिवार को ट्रायल किया गया। उन्होंने बताया कि 8 सवारियों की क्षमता वाले ई-वाहन का ट्रायल सफल रहा। इसके पहले 4 सवारियों की क्षमता वाले ई-रिक्शा का भी सफल ट्रायल किया जा चुका है। उन्होंने बताया कि ई-वाहन और ई-रिक्शा के संचालन से चिंतपूर्णी मंदिर के लिए भविष्य में न केवल श्रद्धालुओं को मंदिर में आने जाने के लिए भरपूर सुविधा मिलेगी बल्कि इससे वातावरण में भी सकारात्मक सुधार होगा।
उन्होंने बताया कि बाबा श्री माई दास सदन तथा शंभू बैरियर से मंदिर की लिफ्ट तक श्रद्धालुओं के सुगम आवागमन के लिए चिंतपूर्णी मंदिर न्यास द्वारा भविष्य में वाहनों का संचालन किया जाएगा। इसके अलावा रोपवे तथा एस्केलेटर निर्माण परियोजनाओं के कार्यों को भी शीघ्र अमलीजामा पहनाने का प्रयास किया जा रहा है। उपायुक्त ने जानकारी दी कि छिन्मस्तिका धाम चिंतपूर्णी से जुड़े इतिहास व इससे संबंधित अन्य जानकारियों के बारे में श्रद्धालुओं को अवगत करवाने के लिए मंदिर में 11 करोड 20 लाख रुपए की लागत से एक संग्रहालय का निर्माण किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि चिंतपूर्णी क्षेत्र में श्रद्धालुओं की सुविधा के उद्देश्य से पुराना बस अड्डा चिंतपूर्णी स्थल पर 1 करोड़ 38 लाख रुपए की लागत से एक प्रतीक्षालय, बड़ा हाल, जूता घर, पीने के पानी की व्यवस्था तथा शौचालय ब्लाॅक का निर्माण किया जा रहा है। माधो का टीला नामक स्थान पर 1 करोड 24 लाख रुपए की लागत से एक समुदायिक भवन, खुला मैदान तथा शौचालय ब्लॉक का निर्माण किया जा रहा है। मंदिर परिसर के समीप माता की बावड़ी वाली पौड़ियों के सौंदर्यीकरण कार्य पर 61 लाख रुपए खर्च किए जा रहे हैं। इसके अलावा चिंतपूर्णी मंदिर से अम्लैहड़ होते हुए चिंतपूर्णी रेलवे स्टेशन (कुनेरन) तक सड़क निर्माण कार्य पर 6 करोड़ रुपए तथा बाबा माई दास सदन में आधुनिक सुविधा युक्त पुस्तकालय पर 20 लाख रुपए खर्च किए जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि सभी विकास कार्य प्रगति पर है तथा कार्य पूर्ण होने पर माता चिंतपूर्णी मंदिर में आने वाले श्रद्धालुओं की सुविधाओं में इजाफा होगा।
इस अवसर पर उपमंडलाधिकारी (ना) अंब डॉक्टर मदन कुमार, मंदिर अधिकारी चिंतपूर्णी बलवंत पटियाल, चिंतपूर्णी मंदिर न्यास के सहायक नियंत्रक (वित्त) शम्मी राज भारद्वाज, चिंतपूर्णी मंदिर न्यास के सहायक अभियंता राजकुमार जसवाल, ई वाहन निर्माता कंपनी सतलुज गोल्फ कार्ट के प्रतिनिधि इंदरजीत सिंह, प्रिंट व इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के संवादाता गण तथा अनेक गणमान्य लोग उपस्थित थे।
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