डीसी बोले…जनता को सुगम सेवाएं देना है ध्येय, इसमें सूचना प्रौद्योगिकी के सदुपयोग और लोक उपयोगी ऐप्स बनाने पर फोकस

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डीसी बोले…जनता को सुगम सेवाएं देना है ध्येय, इसमें सूचना प्रौद्योगिकी के सदुपयोग और लोक उपयोगी ऐप्स बनाने पर फोकस
ई-कैच ऐप के लिए राष्ट्रपति से पुरस्कार प्राप्त करने के बाद धर्मशाला में पत्रकारों से मुखातिब थे डीसी

धर्मशाला, 27 जनवरी। जिलाधीश डॉ. निपुण जिंदल ने कहा कि जिला प्रशासन कांगड़ा जिला वासियों को सुगम सेवाएं देने के ध्येय के साथ काम में तत्पर है। इसके लिए जिले में सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) के सदुपयोग और लोक उपयोगी ऐप्स बनाने जैसी पहलों पर फोकस किया जा रहा है।
राष्ट्रीय मतदाता दिवस पर दिल्ली में राष्ट्रपति के हाथों ई-कैच ऐप के विकास के लिए राष्ट्रीय पुरस्कार प्राप्त कर धर्मशाला लौटे डॉ. निपुण जिंदल शुक्रवार को पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे। इस दौरान पुलिस अधीक्षक डॉ. खुशाल शर्मा, सेटलमेंट अधिकारी गंधर्वा राठौड़, अतिरिक्त जिला दंडाधिकारी रोहित राठौर, जिला सूचना अधिकारी भूपेंद्र पाठक और सहायक जिला सूचना प्रौद्योगिकी अधिकारी अक्षय मेहता उनके साथ रहे।
आईटी क्षेत्र में भारत में सर्वश्रेष्ठ चुनावी पहल
बता दें, जिलाधीश एवं जिला निर्वाचन अधिकारी डॉ. निपुण जिंदल को हिमाचल विधानसभा निर्वाचन 2022 में सूचना प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में अभिनव पहल और बेहतरीन उपयोग के लिए राष्ट्रीय पुरस्कार से नवाजा गया है। उन्हें कांगड़ा जिले में चुनाव व्यय निगरानी के डिजिटलीकरण के लिए एप्लिकेशन ई-कैच विकसित करने और उसका बेहतरीन उपयोग तय बनाने के लिए यह सम्मान दिया गया। इस पहल की नवीनता और दक्षता के कारण इसे आईटी क्षेत्र में पूरे भारत में सर्वश्रेष्ठ चुनावी पहल घोषित किया गया है।
डॉ. निपुण जिंदल ने इसे लेकर भारत चुनाव आयोग का आभार जताया और कांगड़ा जिले की समस्त जनता और चुनाव प्रक्रिया में सहयोगी रहे सभी अधिकारियों और कर्मचारियों का धन्यवाद करते हुए बधाई दी है।
ई-सेवाओं से जिला वासियों को अधिकतम सहूलियत प्रदान करने पर जोर
डॉ. निपुण जिंदल ने कहा कि जनता को अधिकतम सहूलियत प्रदान करने में सूचना प्रौद्योगिकी के उपयोग पर जोर दिया जा रहा है। जिला प्रशासन की कोशिश है कि इस दिशा में नई पहलें कर लोक सुविधा और सेवा में सुगमता तय बनाई जाए। इसके अलावा प्रशासन ने विभागीय प्रणाली को बेहतर बनाने के लिए कई आईटी इंटरवेंशन की हैं। जन उपयोग की सेवाओं के लिए भी आईटी की मदद से प्रयास किए गए हैं। पहले भी अपना कांगड़ा ऐप सहित अन्य उपयोगी ऐप्स विकसित की गई हैं। आगे इस दिशा में और बल दिया जाएगा।
दो और जन उपयोगी उपयोगी ई-मॉड्यूल तैयार
जिलाधीश ने कहा कि कांगड़ा जिला प्रशासन ने दो और जन उपयोगी ई-मॉड्यूल तैयार किए हैं। एक में जहां कांगड़ा जिले के प्रसिद्ध मंदिरों में ऑनलाइन दर्शन के साथ साथ पूजा विधि कराने का मॉड्यूल तैयार किया गया है। इससे दूर बैठे श्रद्धालुओं को मंदिर में पूजा कराने की सुविधा मिलेगी। इसके अलावा लोगों के लिए पैराग्लाइडिंग मॉड्यूल भी तैयार किया जा रहा है। बहुत जल्द इन्हें जनता को सौंपा जाएगा।
उन्होंने कहा कि लोक सेवा में नई ऊंचाइयां हासिल करने के लिए सभी के सहयोग से आगे भी पूरी तत्परता से काम किया जाएगा।
बिना किसी खर्चे के बनी है ई-कैच ऐप, पूरे देश में की जा सकती है उपयोग
उल्लेखनीय है कि कांगड़ा जिले में चुनावों के बेहतर प्रबंधन के लिए जिला प्रशासन ने एक अभिनव पहल करते हुए ई-कैच ऐप (कांगड़ा एप्लीकेशन फॉर ट्रैकिंग चुनाव) तैयार की थी। चुनाव व्यय निगरानी के लिए ऐप विकसित करने का यह आइडिया डीसी डॉ. निपुण जिंदल का था। इसे तैयार करने में कांगड़ा जिला एनआईसी के इंजीनियर्स ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। सहायक जिला सूचना प्रौद्योगिकी अधिकारी अक्षय मेहता ने ये ऐप डिजाइन करने में सराहनीय योगदान दिया।
जिलाधीश ने कहा कि ई-कैच ऐप बिना किसी खर्चे के तैयार की गई है। इसमें चुनावों में व्यापक स्तर पर इस्तेमाल की जाने की क्षमता है। संभव है इसे आगे चुनावों में प्रदेश और देश के अन्य जिलों में भी उपयोग में लाया जाए।
विकसित हुआ रियल टाइम रिपोर्टिंग का तंत्र
डॉ. निपुण जिंदल ने बताया कि यह ऐप फील्ड में तैनात विभिन्न निगरानी दलों के कामकाज को आसान और अधिक प्रभावी बनाने में कारगर रही। ई-कैच ऐप के माध्यम से व्यय निगरानी से जुड़ी सभी टीमों को प्रतिदिन की रिपोर्ट ऑनलाइन भेजने की सुविधा मिली, इससे पहले व्यय निगरानी टीमों को रिपोर्ट रिटर्निंग अधिकारी कार्यालय में स्वयं जाकर जमा करवानी पड़ती थीं। इससे जिले में चुनावों को लेकर कार्यों में लगी करीब 200 निगरानी टीमों के मध्य एक समन्वय बनाने के साथ रियल टाइम रिपोर्टिंग का तंत्र विकसित हुआ।
ई-कैच ऐप के माध्यम से व्यय निगरानी दलों को मौके से ही वाहनों की चेकिंग इत्यादि की डिटेल और जब्त सामान की रिपोर्ट प्रेषित करने की सुविधा हुई। इससे डैटा का डिजिटल संग्रह तैयार हुआ, वहीं इस ऐप के माध्यम से व्यय निगरानी टीमों के कार्य की प्रगति के आकलन में आसानी रही।
उन्होंने बताया कि इस ऐप के माध्यम से प्रतिदिन की रिपोर्ट केंद्रीय चुनाव पर्यवेक्षकों, जिला निर्वाचन अधिकारी तथा अकाउंटिंग टीम को उपलब्ध होने से चुनावों के सुचारू निष्पादन में सहूलियत हुई। ऐप पर 270 लॉग इन आईडी थीं, जिनमें हिमाचल के मुख्य निर्वाचन अधिकारी समेत केंद्रीय पर्यवेक्षक और अन्य चुनावी अधिकारी भी शामिल थे। ताकि वे किसी भी समय व्यय निगरानी टीमों की गतिविधियों की जानकारी पा सकें और जरूरी लगने पर संज्ञान ले सकें।
वहीं, ये पहल लोगों में चुनावी प्रक्रिया को लेकर विश्वास बढ़ाने में मददगार रहने के साथ साथ राजनीतिक दलों तथा उम्मीदवारों के लिए चुनावी व्यय में किसी प्रकार की अनियमितता बरतने में एक अवरोध की तरह काम करने में कारगर रही।
उन्होंने बताया कि इस बार जिले में चूनावों के दौरान 3 करोड़ रुपये कैश और 3 लाख लीटर शराब जब्त की गई। ये पिछली बार के चुनावों के मुकाबले करीब 6 से 7 गुणा अधिक है।
कार्यक्षमता में हुआ इजाफा – डॉ. खुशाल शर्मा
पुलिस अधीक्षक डॉ. खुशाल शर्मा ने कहा कि चुनावों में ई-कैच ऐप से निगरानी टीमों का जिले का सारा डैटा एक क्लिक पर उपलब्ध होने से बड़ी सहूलियत रही। पुलिस की 90 निगरानी टीमों के अलावा 19 नाके और 21 थानों पर तैनात टीमें ई-कैच ऐप पर रिपोर्ट भेजने की सुविधा रही। इससे टीमों को रिपोर्ट के लिए माथापच्ची से निजात मिली, वहीं उनकी कार्यक्षमता में भी इजाफा हुआ।

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