Aero India 2023: एयरो शो में स्पेशल है जेटपैक सूट, 50 KMPH की रफ्तार से हवा में उड़ सकेंगे जवान

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Aero India 2023: एयरो शो में स्पेशल है जेटपैक सूट, 50 KMPH की रफ्तार से हवा में उड़ सकेंगे जवान।बेंगलुरु में 5 दिवसीय एयरो इंडिया शो चल रहा है. एयरो इंडिया 2023 में तीनों सेनाओं के लिए नई तकनीक पर ख़ास ज़ोर दिया जा रहा है. ऐसे में जेटपैक सूट आकर्षण का केंद्र बना हुआ है.

इसकी खासियत है कि यह ऐसा सूट है जिसे पहनकर इंसान जेट बन जाता है. गैस टर्बाइन इंजन से चलने वाले इस सूट को पहनकर सैनिक 10 से 15 मीटर हवा में उड़ सकेंगे. इसके साथ ही किसी भी मौसम में यह सूट काम करेगा. जेटपैक सूट के माध्यम से फौरन भारतीय जवान उड़कर दुश्मन को मुंह तोड़ जवाब दे सकेंगे.

इस सूट का वजन 40 किलोग्राम तक होगा. इसमें सिस्टम कुछ इस तरह से होता है कि जवान जब चाहे उड़ सकते हैं और लैंड कर सकते हैं. जेटपैक सूट पहनकर 50 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से जवान हवा में उड़ सकते हैं, वह भी आठ मिनट तक. किसी भी मौसम में यह सूट काम करता रहेगा. भारतीय सेना जेटपैक सूट खरीदने जा रही है. सिस्टम खरीदने की प्रक्रिया शुरू भी कर दी गई है. बेंगलुरु के राघव रेड्डी इस पर काम कर रहे हैं.

हाथों से होता है कंट्रोल

यह सूट गैस या तरल ईंधन से चलता है. इसमें बेसिकली टरबाइन इंजन लगा होता है. हाथों में ही कंट्रोल होता है इसका. इसे पहनकर जवान 10 से 15 मीटर की ऊंचाई तक हवा में उड़ सकते हैं. जेटपैक सूट के जरिए सीमाओं की निगरानी, पहाड़ों और जंगलों में सर्विलांस आसान हो जाएगा. इसे पहनकर जवान सिर्फ उड़ सकते हैं. क्योंकि इसे दोनों हाथों से कंट्रोल करना होता है. इससे उड़ते समय आप किसी तरह से हमला नहीं कर सकते. हालांकि भविष्य में इसमें बदलाव करके हमला करने लायक व्यवस्था भी की जा सकती है.

सेना ने त्रिशूल लिंक सिस्टम तैयार किया

एयरो शो में कर्नल कुमार धर्मवीर ने कहा कि युद्ध के हालात में जब सेना की ज़मीनी और हवाई एलिमेंट एक साथ काम करती हैं, तो ऐसे में तालमेल ज़रूरी होता है. इसके लिए सेना की मिलिट्री इंजीनियरिंग यूनिट ने ख़ास त्रिशूल लिंक सिस्टम तैयार किया है. जिसके ज़रिए ज़मीन पर मौजूद सैनिकों और आसमान में हेलीकॉप्टर और ड्रोन के साथ तालमेल क़ायम किया जा सकता है.

सर्विलांस सॉफ़्टवेयर अग्नि-डी भी रेडी

कैप्टन विकास त्रिपाठी ने कहा कि सरहद पर निगरानी और घुसपैठ को रोकने के लिए सेना ने सर्विलांस सॉफ़्टवेयर अग्नि-डी तैयार किया है. ये सिस्टम सरहद पर लगे कैमरे और ड्रोन के साथ काम करता है. इसे आने वाले दिनों में लद्दाख सरहद पर तैनात किया जा सकता है.

तीनों सेनाओं का नई तकनीक पर जोर

वाइस एडमिरल एस एन घोरमडे ने बताया कि एयरो इंडिया 2023 में तीनों सेनाओं के लिए नई स्वदेशी तकनीक के लिए एक ख़ास सेंटर भी बनाया गया है. नौसेना भी ड्रोन, पानी के अंदर सर्विलांस और सॉफ़्टवेयर के क्षेत्र में नई तकनीक पर काफ़ी ज़ोर दे रही है.

ये विमान ले रहे एयरो शो में हिस्सा

एयरो इंडिया में पहली बार TAPAS-BH उड़ान भरेगा. DRDO के मुताबिक, तीनों सेनाएं इसका इस्तेमाल कर सकेंगे. ये ड्रोन 28 हजार फीट की ऊंचाई तक 18 घंटे से ज्यादा लंबे समय तक उड़ान भरने में सक्षम है. इतना ही नहीं, TAPAS-BH से एक बार में 350 किलोग्राम के पेलोड भी भेजा जा सकता है. इसके अलावा DRDO के पवेलियन में लड़ाकू विमान और यूएवी, मिसाइल सिस्टम, इंजन एंड प्रपल्शन सिस्टम, एयरबोर्न सर्विलांस सिस्टम, सेंसर इलेक्ट्रॉनिक वॉरफेयर एंड कम्युनिकेशन सिस्टम जैसे 330 से ज्यादा प्रोडक्ट्स को शोकेस किया जाएगा.

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