प्रतिदिन उत्पन्न होने वाले ठोस कचरे की मात्रा का करें आकलन ताकि हो सके सही निष्पादन – उपायुक्त

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उपायुक्त किन्नौर तोरुल एस रवीश ने अधिकारियों को प्रतिदिन उत्पन्न होने वाले ठोस कचरे की मात्रा का आकलन करने के निर्देश दिए ताकि उसके सही निष्पादन के लिए आवश्यक कदम उठाये जा सकें।
उपायुक्त आज यहाँ प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा आयोजित जिला पर्यावरण कार्ययोजना व ठोस कचरा प्रबंधन की 8वीं बैठक की अध्यक्षता कर रही थी।
बैठक में बताया गया कि विशेष क्षेत्र विकास प्राधिकरण (साडा) द्वारा शहरी क्षेत्र में हर घर से कचरा उठाया जा रहा है परन्तु ग्रामीण क्षेत्रों में ऐसी सुविधा उपलब्ध नहीं है। उपायुक्त ने कचरा उठाने वालों की पहचान कर उन्हें इस कार्य के लिए पंजीकृत करने की दिशा में कार्य करने को कहा ताकि पंचायतों में भी हर घर से कचरा उठाया जा सके।
उन्होंने अधिकारियों को लोगों को जागरूक करने के निर्देश दिए ताकि खतरनाक अपशिष्ट अन्य कचरा के साथ इकट्ठा न हो। उन्होंने खतरनाक अपशिष्ट को एकत्रित कर रखने के लिए एक स्थान चिन्हित करने के भी निर्देश दिए। इसके अतिरिक्त उन्होंने अधिकारियों को निर्माण और विध्वंस मलबा के सही निष्पादन के लिए स्थान चिन्हित करने के निर्देश दिए।
बैठक में बताया गया कि जिला में एलोपैथी, आयुर्वेद व पशुपालन विभाग के 181 स्वास्थ्य संस्थान हैं जिनके बायोमेडिकल वेस्ट का निष्पादन गहरे गड्ढों के माध्यम से किया जा रहा है। उन्होंने प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को समय-समय पर इन स्वास्थ्य संस्थानों में बायो मेडिकल वेस्ट के सही निष्पादन की जांच करने के निर्देश दिए। बैठक में इ-वेस्ट बारे चर्चा करते हुए उपायुक्त ने प्रदुषण नियंत्रण बोर्ड को निर्देश देते हुए कहा की वह सभी विभागों को पत्राचार के माध्यम से इ-वेस्ट प्रबंधन करना सुनिश्चित करने को कहें।
उपायुक्त ने जल शक्ति विभाग को सभी पानी के स्तोत्रों की नियमित जाँच करने के निर्देश दिए ताकि पानी की गुणवत्ता सुनिश्चित हो सके। इसके अतिरिक्त बैठक में बताया गया कि रिकांगपिओ में एक एमएलडी क्षमता का सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट क्रियाशील है और इसकी क्षमता को बढ़ाने के लिए कार्य चल रहा है। इसके अतिरिक्त जिला में तीन और सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट कल्पा, पंगी और छितकुल में बनाये जाने प्रस्तावित हैं।
उपायुक्त ने वन विभाग से वायु प्रदूषण की रोकथाम के लिए जंगलों में लगने वाली आग की घटनाओं पर अंकुश लगाने का आग्रह किया। इसके अतिरिक्त उन्होंने कृषि तथा उद्यान विभागों को किसानों और बागवानों को फसल अवशेषों को न जलाने के लिए प्रेरित करने को कहा ताकि वायु प्रदूषण को फैलने से रोका जा सके। उन्होंने खनन विभाग को पुलिस विभाग की मदद से खनन गतिविधियों पर नज़र रखने के निर्देश दिए। उन्होंने ध्वनि प्रदूषण को रोकने के लिए आवश्यकता अनुसार जरूरी स्थानों पर साइन बोर्ड लगाने को कहा।
बैठक में बताया गया कि जिला में एकल प्रयोग प्लास्टिक पूरी तरह प्रतिबंधित है और इसकी जांच समय-समय पर की जाती है और पाए जाने पर अधिनियम के प्रावधानों के अनुसार चालान भी किया जाता है। उपायुक्त ने चालान के लिए अधिकृत अधिकारियों को समय-समय पर इसकी जांच कर चालान करने तथा इसकी मासिक रिपोर्ट देने के निर्देश दिए।
बैठक में पुलिस अधीक्षक विवेक चहल, उपमंडल दण्डाधिकारी कल्पा डॉ मेजर शशांक गुप्ता, उपमंडल दण्डाधिकारी निचार बिमला वर्मा, प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अधिकारी तथा विभिन्न विभागों के अधिकारी व कर्मचारी उपस्थित रहे।

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