धर्मशाला, 13 मार्च। उपायुक्त डॉ. निपुण जिंदल ने गर्मियों के मौसम के दृष्टिगत जिले में सूखे की स्थिति से निपटने के लिए जिला अधिकारियों के साथ बैठक कर तैयारियों का जायजा लिया। उन्होंने जिले के पानी की कमी या सूखा प्रवण क्षेत्रों की पहचान करके ऐसे क्षेत्रों के लिए आपातकालीन प्रतिक्रिया योजना तैयार करने को कहा।
इस अवसर पर उन्होंने कृषि और बागवानी विभाग के अधिकारियों को फसलों के नुकसान का आकलन और रिपोर्टिंग के साथ प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के संबंध में बीमा कंपनियों के साथ समन्वय के निर्देश दिए।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत किसान बहुत कम प्रीमियम देकर अपनी फसल का बीमा करवा सकते हैं। इसे लेकर प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना पोर्टल पर 15 जुलाई तक आवेदन किए जा सकते हैं। योजना के तहत खरीफ सीजन के लिए मक्की व धान की फसलों पर 24 रुपये प्रति कनाल प्रीमियम देने पर 1200 रुपये बीमा कवर का प्रावधान है । किसान नकदी फसलों जैसे टमाटर एवं आलू का बीमा भी करवा सकते हैं । किसान बुआई से लेकर फसल कटाई तक के जितने भी रिस्क हैं इसमें कवर होते हैं ।
उन्होंने किसानों के लाभ के लिए मलचिंग और अन्य सूखा शमन उपायों जैसे जल संरक्षण के लिए जागरूकता कार्यक्रम भी आयोजित करने को कहा।
डॉ. निपुण जिंदल अधिकारियों को खाद्य पदार्थों के थोक विक्रेताओं और निजी खुदरा विक्रेताओं का एक डेटाबेस तैयार करने के निर्देश दिए। ताकि आपातकालीन स्थिति में बिना समय गंवाए खाद्यान्न की व्यवस्था की जा सके।
उन्होंने वन विभाग के अधिकारियों को जंगल में आग लगने की घटनाओं की रोकथाम के लिए पूर्व तैयारी रखने और घटनाओं पर पैनी नजर रखने को कहा। उन्होंने निर्देश दिए कि आपातकालीन स्थिति में वनों में आग पर नियंत्रण के लिए जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण, कांगड़ा, अग्निशमन विभाग और स्थानीय समुदाय जैसे सभी हितधारकों के साथ समन्वय करें।
उपायुक्त ने सुरक्षित और पीने योग्य पानी उपलब्ध कराने के लिए पर्याप्त व्यवस्था करने तथा ब्लीचिंग पाउडर, पानी कीटाणुशोधन गोलियों का पर्याप्त भंडारण करने को कहा।
इस अवसर पर एडीएम रोहित राठौर, एसडीएम शिल्पी बेक्टा, अधीक्षण अभियंता जल शक्ति दीपक गर्ग, एक्सईएन पीडब्ल्यूडी जगतार ठाकुर , डीआरडीए के परियोजना अधिकारी सोनू गोयल सहित सभी विभागों के अधिकारी व कर्मचारी उपस्थित रहे ।
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