खाद्य सुरक्षा मानकों की अनुपालना पर दिया जाए विशेष बल : एडीसी

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धर्मशाला, 16 मार्च। भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण ने मंदिरों में बनने वाले प्रसाद की स्वच्छता और गुणवत्ता को सुनिश्चित करने के उद्देश्य से प्रोजेक्ट ‘भोग’ की शुरुआत की है। जिला कांगड़ा में इसके तहत श्री बगलामुखी मंदिर, श्री चामुंडा देवी मंदिर, श्री ब्रजेश्वरी मंदिर और श्री कुणाल पाथरी मंदिर को भोग परियोजना के तहत पंजीकृत किया गया है। खाद्य वस्तुओं में खाद्य सुरक्षा मानकों के कार्यान्वयन को लेकर जिला स्तरीय सलाहकार समिति की बैठक की अध्यक्षता करते हुए अतिरिक्त उपायुक्त कांगड़ा सौरभ जस्सल ने यह बात कही।
डीसी ऑफिस धर्मशाला में आज वीरवार को आयोजित इस बैठक में जिले में खाद्य पदार्थों में स्वच्छता और सुरक्षा मानकों की अनुपालना को लेकर विस्तार से चर्चा की गई। बैठक में खाद्य सुरक्षा और मानक अधिनियम 2006 के तहत खाद्य वस्तुओं को परखने और उनकी गुण्वत्ता सुनिश्चित करने पर बल दिया। अतिरिक्त उपायुक्त ने कहा कि सुरक्षित और पौष्टिक भोजन की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए उनके निर्माण, भंडारण, वितरण और बिक्री को खाद्य सुरक्षा मानकों के तहत रेगुलेट किया जाना जरूरी है।
खाद्य पदार्थों का व्यवसाय करने वाले हों पंजीकृत
अतिरिक्त उपायुक्त ने जिले में खाद्य वस्तुओं के व्यवसाय से जुड़े लोगों को भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण के अन्तर्गत पंजीकृत करने और लाइसेंस प्राप्त करने पर बल दिया। उन्होंने कहा कि भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण ने पंजीकरण और लाइसेंस के लिए आवेदन करने की ऑनलाइन सुविधा प्रदान की है। उन्होंने कहा कि खाद्य वस्तुओं की बिक्री से जुड़े व्यवसायी एफओएससीओएस डॉट एफएसएसएआई डॉट जीओवी डॉट आईएन पर जाकर इसके लिए ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं।
उन्होंने बताया कि जिला कांगड़ा में वर्तमान में 17091 सक्रिय पंजीकरण और 1154 लाइसेंस हैं। उन्होंने जिले में खाद्य वस्तुओं की बिक्री और निर्माण के कारोबार में जुड़े व्यक्तियों को पंजीकृत करने की बात कही।
सुरक्षा मानकों को लेकर हो निरंतर जांच
अतिरिक्त उपायुक्त ने कहा कि खाद्य सुरक्षा एवं मानक अधिनियम के अनुपालन को सुनिश्चित करवाने के लिए विभाग समय-समय पर इसके निर्माण और बिक्री केंद्रों का निरीक्षण कर सैंपलों की जांच करे। उन्होंने बताया कि गत वर्ष विभाग द्वारा 623 खाद्य परिसरों का निरीक्षण किया गया। उन्होंने बताया कि इस दौरान खाद्य उत्पादों की गुणवत्ता की जांच के लिए जिला कांगड़ा में विभिन्न खाद्य व्यवसाय संचालकों से 390 सैंपल लिए गए तथा 367 नमूनों का परीक्षण किया गया।
कुकिंग ऑयल का न हो दोबरा उपयोग
उन्होंने कहा कि खाना पकाने के लिए उपयोग में आने वाले तेल के दोबारा उपयोग से बचना चाहिए। उन्होंने कहा कि बहुत दफा ऐसा देखने में आता है कि दुकानदार एक बार उपयोग किए गए तेल का पुनरुपयोग करते है। उन्होंने कहा कि खाना पकाने के तेल को दोबारा उपयोग में लाने से यह स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव डालता है, इसलिए इससे परहेज करना चाहिए। उन्होंने विभाग को इस दिशा में कार्य करने के निर्देश दिए।
उन्होंने कहा कि आमजन मानस के स्वास्थ्य की चिंता करते हुए खाद्य उत्पादों के व्यवसाय से जुड़े लोगों को इसमें पूरी पारदर्शिता बरतनी चाहिए। उन्होंने विभाग को निर्देश दिए कि खाद्य पदार्थों की गुणवत्ता सुश्नश्चित करने के लिए किसी प्रकार की ढील का बरती जाए।
यह रहे उपस्थित
इस अवसर पर सीएमओ कांगड़ा डॉ. सुशील शर्मा, जिला स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. विक्रम कटोच, खाद्य सुरक्षा अधिकारी डॉ. अभिषेक ठाकुर, खाद्य निरीक्षक भूपिंद्र सिंह, उपनिदेशक उच्च शिक्षा सुधाीर भाटिया, अशोक कुमार शर्मा, मंजीत सिंह, नेहा चौहान, कार्तिक गुलेरी और नरिंद्र सिंह जम्वाल उपस्थित रहे।

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