प्रधानमंत्री ने सिलवासा में नमो चिकित्सा शिक्षा एवं अनुसंधान संस्थान का भी दौरा किया, जहां उनके साथ केंद्रशासित प्रदेश दादरा और नगर हवेली और दमन और दीव और लक्षद्वीप के प्रशासक श्री प्रफुल्ल पटेल भी थे। उन्होंने संस्थान का उद्घाटन किया और भगवान धन्वंतरि की प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित की। प्रधानमंत्री ने कॉलेज परिसर के मॉडल का निरीक्षण किया और अकादमिक ब्लॉक में एनाटॉमी संग्रहालय और डिसेक्शन कक्ष का अवलोकन किया। प्रधानमंत्री ने सेंट्रल लाइब्रेरी का भी दौरा किया और आगंतुक पुस्तिका पर हस्ताक्षर किए। वे एम्फीथिएटर की ओर भी गए, जहां उन्होंने निर्माण कार्य में लगे मजदूरों के साथ बातचीत की। प्रधानमंत्री ने इस तथ्य पर ध्यान आकर्षित किया कि स्वतंत्रता के दशकों के बाद भी, दमन, दीव और दादरा और नगर हवेली के क्षेत्रों में एक भी मेडिकल कॉलेज नहीं था और युवाओं को डॉक्टर बनने के लिए देश के अन्य क्षेत्रों की ओर जाना पड़ता था। उन्होंने कहा कि ऐसे अवसर पाने वाले आदिवासी समुदाय के युवाओं की संख्या लगभग शून्य थी, क्योंकि दशकों तक देश पर शासन करने वालों ने इस क्षेत्र के लोगों की इच्छाओं और आकांक्षाओं पर कोई ध्यान नहीं दिया। प्रधानमंत्री ने इस बात पर प्रकाश डाला कि दमन, दीव, दादरा और नगर हवेली को अपना पहला राष्ट्रीय शैक्षणिक चिकित्सा संगठन या नमो मेडिकल कॉलेज केवल वर्तमान सरकार के सेवा-उन्मुख दृष्टिकोण और समर्पण के कारण मिला, जो 2014 के बाद सत्ता में आई थी। प्रधानमंत्री ने कहा, “अब हर साल, क्षेत्र के लगभग 150 युवाओं को चिकित्सा का अध्ययन करने का मौका मिलेगा।” उन्होंने बताया कि निकट भविष्य में इस क्षेत्र से लगभग 1000 डॉक्टर तैयार किए जाएंगे। प्रधानमंत्री ने एक लड़की की एक समाचार रिपोर्ट के बारे में भी चर्चा की, जो अपने पहले वर्ष में चिकित्सा का अध्ययन कर रही थी, जिसने कहा था कि वह न केवल अपने परिवार में बल्कि पूरे गांव में ऐसा करने वाली पहली महिला है। प्रधानमंत्री ने कहा कि सेवाभावना यहां के लोगों की पहचान है और कोरोना के समय में यहां के मेडिकल स्टूडेंट्स ने आगे बढ़कर लोगों की मदद की थी। प्रधानमंत्री ने कहा कि स्थानीय छात्रों ने जो विलेज एडॉप्शन प्रोग्राम चलाया था, उसका जिक्र उन्होंने ‘मन की बात’ में भी किया था। प्रधानमंत्री ने कहा कि मेडिकल कॉलेज से स्थानीय चिकित्सा सुविधाओं पर दबाव कम होगा। उन्होंने कहा, “300 बिस्तरों वाला एक नया अस्पताल निर्माणाधीन है और एक नए आयुर्वेदिक अस्पताल के लिए अनुमति प्रदान की गई है।”
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