राज्य के 1.36 लाख कर्मचारियों की एनपीएस शेयर कटौती बंद हो गई है। ऐसे में अब कर्मचारियों के जीपीएफ खातों के खुलने की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी।
ऐसा माना जा रहा है कि नगर निगम चुनाव के बाद पुरानी पैंशन बहाली का लेकर अंतिम अधिसूचना जारी हो जाएगी।
राज्य के 1.36 लाख कर्मचारियों की एनपीएस शेयर कटौती बंद हो गई है। ऐसे में अब कर्मचारियों के जीपीएफ खातों के खुलने की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी। ऐसा माना जा रहा है कि नगर निगम चुनाव के बाद पुरानी पैंशन बहाली का लेकर अंतिम अधिसूचना जारी हो जाएगी। राज्य में वर्ष 2003 के बाद लगे कर्मचारियों से एनपीएस शेयर को कट रहा था। उल्लेखनीय है कि करीब 2 सप्ताह पहले मंत्रिमंडल बैठक में कर्मचारियों के एनपीएस शेयर की कटौती बंद करने संबंधी निर्णय लिया गया था। कर्मचारियों के वेतन से हर माह 10 फीसदी वेतन कट रहा था, जो केंद्र सरकार के पैंशन फंड रैगुलेटरी एंड डिवैल्पमैंट अथॉरिटी (पीएफआरडीए) के पास जमा हो रहा था। इसके अलावा राज्य सरकार भी अपने हिस्से का 14 फीसदी अंशदान दे रही थी। इस तरह कुल मिलाकर 24 फीसदी अंशदान केंद्र सरकार की पीएफआरडीए के पास जमा हो रहा था।
अब केंद्र सरकार के साथ 8 हजार करोड़ की लड़ाई
20 साल के अंतराल के बाद राज्य के कर्मचारियों की पुरानी पैंशन बहाल होने की प्रक्रिया पूरी होने के बाद अब केंद्र सरकार के साथ 8 हजार करोड़ रुपए का प्राप्त करने के लिए राज्य सरकार प्रयास करेगी। यह राशि एनपीएस कर्मचारियों का वह शेयर है, जिसको लौटाने के लिए केंद्र सरकार ने नियमों का हवाला देकर इंकार किया है। केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण व युवा सेवाएं एवं खेल मंत्री अनुराग ठाकुर ने गत दिन केंद्र सरकार की तरफ से इस राशि को लौटाने में असमर्थता जताई थी। उनका कहना था कि यह राशि सरकार को नहीं बल्कि कर्मचारियों को नियमों के तहत उचित समय पर ही मिलेगी।
अब कर्मचारियों को ओपीएस की अधिसूचना का इंतजार
हिमाचल प्रदेश एनपीएस कर्मचारी संघ के महासचिव भरत शर्मा ने कर्मचारियों के एनपीएस शेयर कटौती को बंद किए जाने की पुष्टि की है। उन्होंने कहा कि अब कर्मचारियों को ओपीएस की अधिसूचना का इंतजार है।
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