स्कूली बच्चों के लिए ज्ञानवर्धक सिद्ध होगी डॉ सीवी रमन इन्नोवेटिव लैब

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ऊना – वर्तमान में सार्थक शिक्षा के लिए विद्यार्थियों को प्रतिदिन के पाठयक्रम में वैज्ञानिक दृष्टिकोण को शामिल करना आवश्यक है ताकि विद्यार्थी वैज्ञानिक दृष्टिकोण से किसी भी समस्या को समझने और उन पर विचार कर निर्णय लेने में सक्षम बन सके। इसी के दृष्टिगत जिला ऊना के स्कूलों में जिला प्रशासन तथा शिक्षा विभाग के माध्यम से विभिन्न वैज्ञानिक गतिविधियों से संबंधित विद्यार्थियों में विज्ञान के प्रति रूचि पैदा करने के उद्देश्य से 12 राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशालाओं में अत्याधुनिक उपकरणों से सुसज्जित विज्ञान प्रयोगशालाएं स्थापित की गई हैं। इन सभी प्रयोगशालाओं को भारतीय वैज्ञानिक डाॅ सीवी रमन इन्नोवेटिव लैब का नाम दिया गया है। अत्याधुनिक उपकरणों से लैंस इन लैबों में विद्यार्थियों को नए-नए आईडियास को हल करने में मदद मिलेगी। 

छात्रों में वैज्ञानिक दृष्टिकोण की भावना विकसित करेंगी इन्नोवेटिव लैब

विद्यार्थियों में वैज्ञानिक दृष्टिकोण की भावना विकसित करने के लिए जिला प्रशासन तथा शिक्षा विभाग के द्वारा जिला के स्कूलों में अत्याधुनिक प्रयोगशालाएं स्थापित करने के लिए योजना तैयार की गई ताकि विद्यार्थियों को लैब में सभी बुनियादी सुविधाए मिल सकें। इसी योजना को सफल बनाने के लिए जिला परियोजना अधिकारी(डाईट) द्वारा जिला में इन्नोंवेटिव प्रयोगशालाएं बनाने का प्लान तैयार किया गया। इस योजना को अमलीजामा पहनाने के लिए इंडियन एसोसिएशन आॅफ फिजिक्स अध्यापकों के सहयोग से जिला ऊना में प्रथम डाॅ सीवी रमन इन्नोवेटिव लैब 27 फरवरी, 2022 को राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय थानाकलां में बनाई गई। जोकि विद्यार्थियों के लिए बेहद लाभकारी सिद्ध हुई। इसी के अंतर्गत जिला प्रशासन ने इसी तर्ज़ पर अन्यों स्कूलों में भी इस प्रकार की नई प्रयोगशालाओं को स्थापित करने का निर्णय लिया, जिसके लिए उन्होंने डाईट ऊना को 11 स्कूलों को चिन्हित करने का जिम्मा सौंपा ताकि साथ लगते अन्य स्कूली बच्चें भी स्थापित होने वाली अत्याधुनिक उपकरणों से लैंस लैबों का लाभ उठा सके। 

                                      जिला के 12 स्कूलों में बनाई गई है डाॅ सीवी रमन इन्नोवेटिव लैब

 वर्तमान में जिला के 12 राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक स्कूलों में ये डाॅ सीवी रमन इन्नोवेटिव लैबों को स्थापित किया गया है जिसमें रावमापा अंब, बसाल, बसदेहड़ा, चड़तगढ़, धुंधला, थानाकलां, कांगड़, मुबारिकपुर, सलोह, समूरकलां, टकोली व पूबोवाल शामिल हैं। 

                                      इन्नोवेटिव लैबों में विद्यार्थी आसानी से समझ सकेंगे वैज्ञानिक सिंद्धातों को

 आधुनिक विज्ञान के गहन सिद्धांतों को बेहद आसानी से समझने के उद्देश्य से स्थापित की गई। इन प्रयोगशालाओं में रोबोटिक्स, विज्ञान किट, थ्री डी प्रिंटर, इलैक्ट्राॅनिक हार्डवेयर, ध्वनि प्रकाश तथा विद्युत से संबंधित विषयों में नए-नए तरीकों से सोचने और समस्याओं को हल करने की क्षमता स्कूली छात्र-छात्राओं में विकसित हो होगी तथा छात्रों में भौतिक विज्ञान विषय में ज्ञानवर्धन के साथ-साथ रुचि भी बढ़ेगी।

                                      जिला प्रशासन ने इन्नोवेटिव लैबों की स्थापना हेतू आबंटित किए 34 लाख रूपये

 जिला प्रशासन ने स्कूलों की सभी प्रयोगशालाओं में विद्युतीकरण, रंग-रोगन, फर्नीचर तथा उपकरण स्थापित करने के लिए डाईट ऊना को 34 लाख रूपये का बजट आबंटित किया जिसमें बिजली और रंग-रोगन के लिए 2 लाख 12 हज़ार 118 और 6 लाख 95 हज़ार 520 रूपये फर्नीचर के लिए तथा दो लाख रूपये प्रति स्कूल की दर से 24 लाख रूपये उपकरणों को स्थापित करने के लिए आबंटित किए गए।

                                   नए शैक्षणिक सत्र से शुरू होंगी इन्नोवेटिव लैब

 सभी 12 नवीन प्रयोगशालाएं 31 मार्च, 2023 तक बनकर तैयार हो चुकी हैं तथा नए सत्र से विद्यार्थी इन इन्नोवेटिव लैबों का प्रयोग कर सकेंगे। 

राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला अंब के फिजिक्स के अध्यापक बनवारी लाल भोगल बताते हैं कि स्कूल में डाॅ सीवी रमन इन्नोवेटिव लैब खुलने से बच्चों में विज्ञान के प्रति रूचि बढे़गी। उन्होंने बताया कि पहले स्कूलों में हिमाचल प्रदेश बोर्ड आॅफ स्कूल एजुकेशन के सलेबस के अनुसार ही प्रैक्टिकल करवाते थे। लेकिन वर्तमान में विद्यार्थियों के दिमाग में जो भी नए आईडिया आते हैं उन्हें तुरंत इन्नोवेटिव लैब में ले जाकर उन आईडियास को हल करने की सुविधा मिल रही है। बनवारी लाल का कहना है कि डाॅ सीवी रमन इन्नोवेटिव लैब के बनने से साईंस स्ट्रीम के छात्रों में भी बढ़ौत्तरी हुई है।

थानाकलां स्कूल की जमा दो की छात्रा कुमारी आरुषि ठाकुर का कहना है कि इन्नोवेशन लैब एक हब है यहां हम कई प्रकार के वैज्ञानिक विचारों को प्रैक्टिल करके हल कर पा रहे हैं। उन्हांेने बताया कि थ्यूरी के माध्यम से इतने ज्यादा कन्सैप्ट क्लीयर नहीं हो पाते थे लेकिन जब से इन्नोवेटिव लैब स्कूल में संचालित हुई है तब से कन्सैप्ट को सोल्व करने में आसानी हो रही है।

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