मैराथन मंथन के बाद आखिरकार कांग्रेस ने कर्नाटक सीएम को लेकर फैसला कर लिया है. राज्य में मुख्यमंत्री का पद सिद्धारमैया (Siddaramaiah) के पास गया है जबकि डीके शिवकुमार (DK Shivakumar) को डिप्टी सीएम का पद दिया गया है.
हालांकि, डीके शिवकुमार को मनाने में कांग्रेस को काफी मशक्कत करनी पड़ी. सूत्रों के मुताबिक डीके शिवकुमार डिप्टी सीएम पद लेने का तैयार नहीं थे लेकिन भारी मन के साथ उन्होंने इस ऑफर को स्वीकार कर लिया. डीके को मनाने में सोनिया गांधी का सबसे बड़ा योगदान रहा.
शिवकुमार को दिया गया ये ऑफर
सूत्रों के अनुसार, सीएम की कुर्सी के लिए अड़े डीके को महत्वपूर्ण मंत्रालय के साथ डिप्टी सीएम का ऑफर दिया गया ताकि सरकार पर उनकी भी छाप रहे. बात नहीं बनी तो आधे कार्यकाल के बाद मुख्यमंत्री बनाने का भरोसा भी दिया गया.
इसके बाद भी डीके तैयार नहीं हो रहे थे लेकिन सोनिया गांधी के हस्तक्षेप के बाद उन्हें राजी होना पड़ा. करीबी सूत्रों का कहना है कि डीके ने कहा कि उन्होंने गांधी परिवार और पार्टी के लिए त्याग किया है.
नहीं मान रहे थे डीके
पार्टी सूत्रों के मुताबिक, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने सोनिया गांधी और राहुल गांधी से चर्चा के बाद सिद्धारमैया को मुख्यमंत्री के लिए और डीके शिवकुमार का नाम डिप्टी सीएम के तय किया था. कांग्रेस में इस डील पर सहमति बन चुकी थी लेकिन डीके शिवकुमार के अड़ जाने के बाद मामला लटकता चला गया.
सोनिया ने संभाला मोर्चा
कांग्रेस ने बार-बार डीके शिवकुमार को इस डील के लिए मनाने की कोशिश कर रही थी लेकिन वह तैयार नहीं हो रहे थे. उधर फैसले में हो रही देरी को लेकर बीजेपी ने कांग्रेस नेतृत्व पर निशाना साधना शुरू कर दिया और इसे कमजोर बता डाला.
आखिरकार सोनिया गांधी को बीच में उतरना पड़ा और उन्होंने बुधवार (17 मई) की शाम में डीके शिवकुमार से बात की. सोनिया गांधी से बात करने के बाद डीके शिवकुमार उप मुख्यमंत्री का पद लेने को तैयार हो गए.
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