महिलाओं के लिए आत्मसम्मान एवं स्वास्थ्य का मुद्दा है मासिक धर्म एवं स्वच्छता – एम सुधा देवी
विश्व मासिक धर्म एवं स्वच्छता दिवस के अवसर पर राजकीय वरिष्ठ उत्कृष्ट माध्यमिक पाठशाला छोटा शिमला के सभागार में कार्यक्रम आयोजित किया गया जिसमें सचिव महिला एवं बाल विकास विभाग एम सुधा देवी ने बतौर मुख्य अतिथि शिरकत की।
उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि महिलाओं एवं किशोरियों को सामाजिक स्तर पर इस विषय पर चर्चा करनी चाहिए और प्रबुद्ध जनता को शिक्षा के माध्यम से जागरूकता फैलानी चाहिए। उन्होंने कहा कि मासिक धर्म एवं स्वच्छता महिलाओं के लिए आत्मसम्मान एवं स्वास्थ्य का मुद्दा है और स्वस्थ समाज के निर्माण में इसकी भूमिका अनिवार्य है।
एम सुधा देवी ने अपने संबोधन में राज्य में नशाखोरी की बढ़ती समस्या पर विस्तृत चर्चा की। उन्होंने अभिभावकों से आह्वान किया कि वह अपने बच्चों की रुचि का ध्यान रखें और उन पर मानसिक दबाव ना पाए।
इससे पूर्व अतिरिक्त निदेशक महिला एवं बाल विकास विभाग एकता कप्टा ने मुख्य अतिथि का स्वागत किया और उन्हें विभाग द्वारा चलाई जा रही जनकल्याणकारी एवं समावेशी योजनाओं की जानकारी प्रदान की।
इस कार्यक्रम के दौरान शिमला शहर के विभिन्न स्कूलों ने पोस्टर एवं नारा लेखन एवं स्किट के माध्यम से सांस्कृतिक प्रस्तुति दी और मासिक धर्म के संबंध में लोगों को जागरूक किया।
आईजीएमसी के डॉक्टर अमित सचदेवा ने मासिक धर्म विषय पर जानकारी प्रदान की और लोगों को इस विषय पर सकारात्मक दृष्टिकोण अपनाने की सलाह दी।
कार्यक्रम में जिला की महिला स्वयं सहायता समूह द्वारा अपने उत्पादों की प्रदर्शनी भी लगाई गई जिसका मुख्य अतिथि ने उद्घाटन करने के उपरांत अवलोकन भी किया।
इस अवसर पर उपदेशक महिला एवं बाल विकास विभाग इरा तंवर, जिला कार्यक्रम अधिकारी ममता पॉल, प्राचार्य मीरा शर्मा, अन्य अधिकारीगण एवं कर्मचारी उपस्थित रहे।
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