ज़ोनल अस्पताल मंडी में चरमराती स्वास्थ्य सेवाएँ

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ज़ोनल हॉस्पिटल मंडी में स्वास्थ्य सेवाओं का स्तर दिन प्रतिदिन गिरता जा रहा है। आज कल ज़ोनल हॉस्पिटल मंडी में कोई भी रेडियोलॉजिस्ट नहीं है जिस के कारण जिनको भी यहाँ अल्ट्रासाउंड करवाने के लिए कहा जाता है उनको मजबूरन बाहर करवाना पड़ता है।इसी सिलसिले में मंडी सदर के विधायक अनिल शर्मा जी ने कांग्रेस की नेत्री श्रीमती चंपा ठाकुर पे आरोप लगायें हैं। उन्होंने अपनी फ़ेसबुक के ज़रिए यह कहा कि

क्षेत्रीय अस्पताल मण्डी में स्थाई रेडियोलॉजिस्ट की तैनाती करने के लिए प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री सुखविंदर सिंह सुक्खू जी को पत्र लिखा गया है। मुझे लोगों की ओर से जानकारी मिली है कि यहां क्षेत्रीय अस्पताल में तैनात डॉक्टर ने इस्तीफा देकर किसी निजी अल्ट्रासाउंड सैंटर में ज्वॉइन किया है जिससे अब जिला मुख्यालय स्थित क्षेत्रीय अस्पताल में कोई भी अल्ट्रासाउंड नहीं हो रहे हैं और लोगों को बहुत परेशानी हो रही है। रोज ऐसी शिकायतें आ रही है कि अस्पताल में अल्ट्रासाउंड का डॉक्टर नहीं है और जो गर्भवती माताएं-बहनें यहां डॉक्टर आने का इंतजार करने बैठी होती हैं तो उनको यहां से दलाल निजी क्लिनिक जबरन ले जा रहे हैं। ऐसा किसके इशारे पर हो रहा है और क्यों हो रहा है उसकी जांच होनी चाहिए। ऐसी भी जानकारी मिली है कि यहां किसी नए रेडियोलॉजिस्ट को भी ज्वॉइन नहीं करने दिया जा रहा है। ऐसा कौन लोग कर रहे हैं इसका भी जल्द खुलासा किया जाएगा लेकिन मेरी प्राथमिकता अभी यही है कि क्षेत्रीय अस्पताल में रेडियोलॉजिस्ट आ जाए ताकि जनता को परेशान न होना पड़े। मुझे जानकारी मिली है कि पूर्व स्वास्थ्य मंत्री की बेटी ने भी दो माह पहले अपने घर में नया अल्ट्रासाउंड सेंटर अस्पताल के पास खोला है। जो क्षेत्रीय अस्पताल में रेडियोलॉजिस्ट तैनात था उसने इस्तीफा देकर अब इस सेंटर में ज्वाइन किया है। अब सवाल उठता है कि जब सरकारी अस्पताल में लोगों के मुफ्त में अल्ट्रासाउंड हो सकते हैं तो क्यों अंदर से अल्ट्रासाउंड के लिए बाहर निजी केंद्रों में भेजा जा रहा है। मुझे बताया गया कि रोजाना क्षेत्रीय अस्पताल से 100 से 200 महिलाओं के अल्ट्रासाउंड लिखे जाते हैं। क्षेत्रीय अस्पताल में करोड़ों रुपए की मशीनें स्थापित हैं ताकि गरीब और लाचार लोगों को मुफ़्त में सेवाएं दी जा सके लेकिन अब देखा जा रहा है कि सरकारी मशीनरी को ही बंद करके निजी क्लिनिक खोलकर मजबूर लोगों के खून पसीने की कमाई से अपने घर भरे जा रहे हैं। ऐसा क्यों हो रहा है कि सरकारी डॉक्टर यहां नहीं भेजा जा रहा है और जो तैनात था उससे इस्तीफा देकर अपने निजी क्लिनिक में बैठाया गया है। ये जो लोग है जो निजी क्लिनिक खोलकर बैठे हैं और क्षेत्रीय अस्पताल में नया डॉक्टर नहीं आने दे रहे हैं इस मामले की जांच की मांग की जाती है। मैं खुद इस मामले को मुख्यमंत्री के समक्ष उठाने जा रहा हूं ताकि लोगों को क्षेत्रीय अस्पताल में ही मुफ़्त में अल्ट्रासाउंड की सेवा मिल सके।अनिल शर्मा विधायक सदर एवम् पूर्व मंत्री

माजरा जो भी हो झेलना जनता को पड़ रहा है । लोगों को अपनी जेब से खर्चा कर बाहर महँगे अल्ट्रासाउंड पे निर्भर होना पड़ रहा है।

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