हिमाचल की पहली ‘बाल मुख्यमंत्री’ होंगी सुंदरनगर की 10वीं की छात्रा जान्हवी, जानें-पूरा मामला

Read Time:7 Minute, 41 Second

हिमाचल की पहली ‘बाल मुख्यमंत्री’ होंगी सुंदरनगर की 10वीं की छात्रा जान्हवी, जानें-पूरा मामला । राजस्थान के बाद बाल विधानसभा सत्र आयोजित करने वाला हिमाचल देश का दूसरा राज्य बन जाएगा. 12 जून को होने वाले बाल सत्र के लिए 68 विधायकों का चयन कर लिया गया है और इनमें से मुख्यमंत्री का चुन लिया गया है.

मंडी जिले के सुंदरनगर की रहने वाली दसवीं कक्षा की छात्रा जान्हवी प्रदेश की पहली बाल मुख्यमंत्री चुनी गई. 68 बाल विधायक चुने जाने के लिए अप्रैल माह से लेकर 25 मई तक चयन प्रकिया पूरी की गई, जिसमें देशभर के 25 हजार से ज्यादा छात्रों ने हिस्सा लिया. इसमें से 63 छात्र हिमाचल के हैं और 5 छात्र बाहरी राज्यो के हैं.

इस बाल सत्र को लेकर शनिवार को राजधानी शिमला में विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया ने एक प्रेस वार्ता कर कहा कि बाल श्रम निषेध दिवस पर बाल विधानसभा का आयोजन होगा. ये 68 छात्र विधानसभा का एक दिन का सत्र चलाएंगे. प्रोटेम स्पीकर चुन लिया गया है और मुख्यमंत्री के तौर पर जान्हवी चुनी गई हैं. रविवार को मंत्रिपरिषद का एलान होगा. साथ ही स्पीकर, डिप्टी सीएम और नेता प्रतिपक्ष का भी चुनाव होगा.

जान्हवी ने विधानसभा अध्यक्ष से मिलकर सदन की कार्यवाही को समझा. बाल सत्र में शामिल होने वाले बाल विधायक भी इस मौके पर विधानसभा भवन पहुंचे. स्पीकर ने बताया कि कुल 1108 बच्चों ने बाल विधायक बनने के लिये रजिस्ट्रेशन करवाया था. जिन बच्चों ने अपनी बात को प्रभावशाली तरीके से रखा उन 68 का चयन किया गया. हिमाचल प्रदेश विधानसभा में इस समय 68 सीट हैं.

न्यूज18 से क्या बोली जान्हवी

इस मौके पर जान्हवी ने कहा कि स्वास्थ्य और शिक्षा का क्षेत्र उनकी प्राथमिकताओं में शामिल हैं. जान्हवी चाहती हैं कि सभी विभागों में एक समन्वय स्थापित होना चाहिए. मंत्रियों का चुनाव उनकी योग्यता और अनुभव के आधार पर होना चाहिए. विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया ने कहा कि बाल विचारों को नीति निर्माण में स्थान प्रदान कराना इसका मकसद है. बच्चों के मुददों और विषयों को उनके द्वारा प्रस्तुत किये जाने से मौलिकता और नवीनता को जगह मिलती है. दुनिया के कुछ देशों में बच्चे राजनीतिक प्रतिनिधित्व हासिल कर चुके हैं, हमारे देश में भी नयी पीढ़ी में राजनीतिक जागरुकता बढ़ाने के लिये यह ‘सत्र’ विधानसभा भवन में आयोजित किया जा रहा है. हमारे देश में ‘युवा संसद’ के ज़रिये बच्चों को सुनने का अवसर पहले भी मिलता रहा है लेकिन विधानसभा भवन में इसका आयोजन बच्चों के विचारों को गंभीरता से लेने की प्रतिबद्धता बताता है.


”बच्चों की सरकार कैसी हो” ये सवाल बच्चों से पूछा गया और बच्चों ने ही इसका जवाब दिया. 12 जून को ‘विधानसभा बाल सत्र’ में जो विषय रखे जायेंगे, वो सब बच्चों द्वारा ही उठाये गये विषय होंगे. बच्चे जो अपने आस-पास की परिस्थितियों को देखने के बाद महसूस करते हैं उन विषयों को नीति निर्माण में शामिल करने का प्रयास है ऐसे बाल सत्र. इसमें शामिल होने वाले 68 बच्चे 68 स्कूल का प्रतिनिधित्व करते हैं. हिमाचल प्रदेश की 43 विधानसभा क्षेत्रों के 63 बच्चे चुने गये हैं, वहीं 5 राज्यों से पांच बच्चों का चयन हुआ है. इसमें 40 लड़कियां और 28 लड़के बाल विधायक के रुप में शामिल हो रहे हैं. उत्तर प्रदेश, बिहार, उत्तराखंड, राजस्थान सहित केंद्र शासित प्रदेश जम्मू कश्मीर से एक-एक बच्चे का चयन हुआ है. पंजाब और दिल्ली आसाम और गुजरात के बच्चों ने भी रजिस्ट्रेशन किया था लेकिन वहां के बच्चों का चुनाव नहीं हुआ है.

विचारों के आधार पर हुआ चयन

विधानसभा बाल सत्र में राज्य और समाज के सभी बच्चों को भाग लेने का अवसर मिले इसका प्रारुप इसी तरह से तैयार किया गया है. सभी वर्गों के बच्चों का प्रतिनिधित्व हो इसी मकसद से अभियान को आगे बढ़ाया गया है. सरकारी, निजि और स्कूली शिक्षा से वंचित रहने वाले सभी बच्चों को ये अवसर समान रुप से प्रदान किया जाता है. हिमाचल प्रदेश विधानसभा सत्र में कुल 68 बाल विधायक शामिल होंगे, जिनका चयन उनके विचारों के आधार पर किया गया है. बच्चों ने अपने विचार दो माह चले अभियान के दौरान वीडियो बनाकर डिजिटल बाल मेला की वेबसाइट और मोबाइल नंबर पर भेजे. हिमाचल प्रदेश के विभिन्न सांसदों, मंत्रियों, विधायकों, ब्यूरोक्रेट्स, साहित्यकारों और समाज के वरिष्ठ जनों से इन बच्चों ने संवाद स्थापित किया.

बता दें कि हिमाचल प्रदेश विधानसभा के तत्वाधान में डिजिटल बाल मेला द्वारा संचालित विधानसभा बाल सत्र बच्चों की आवाज़ मुखर करने का एक प्रयास है. ‘डिजिटल बाल मेला’ कोरोना के मुश्किल काल में जयपुर के सवाई मानसिंह विद्यालय में पढ़ने वाली जान्हवी शर्मा द्वारा शुरु किया गया एक नवाचार है जिसका संचालन फ्यूचर सोसायटी कर रही है. फ्यूचर सोसायटी पिछले 16 सालों से बच्चों, युवाओँ और महिलाओं की समान भागीदारी के छोटे छोटे प्रयास कर रही है. इसी क्रम में राजस्थान विधानसभा में 14 नवंबर 2021 को राष्ट्रमंडल संसदीय संघ के तत्वाधान में विधानसभा बाल सत्र का आयोजन किया गया था, जिसके मुख्य अतिथि लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला थे.

By News18

Happy
Happy
0 %
Sad
Sad
0 %
Excited
Excited
0 %
Sleepy
Sleepy
0 %
Angry
Angry
0 %
Surprise
Surprise
0 %

Average Rating

5 Star
0%
4 Star
0%
3 Star
0%
2 Star
0%
1 Star
0%

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Previous post US संसद में पहली बार होगा हिन्दू अमेरिकी शिखर सम्मेलन का आयोजन, राजनीति में बढ़ेगा हिन्दुओं का दबदबा
Next post शिमला ग्रामीण हिमाचल का नंबर वन विस क्षेत्र बनने की ओर अग्रसर – विक्रमादित्य सिंह
error: Content is protected !!