अब जेबीटी की भर्ती में गड़बड़झाला; कई जिलों में लगा दिए अपात्र बीएड, एक को दो जगह नियुक्ति।जूनियर बेसिक टीचर के पद पर बीएड धारक अभ्यर्थी लगाने की प्रक्रिया में गड़बड़झाला हो गया है। जेबीटी अभ्यर्थियों की ओर से मामला शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर के ध्यान में लाने के बाद उन्होंने विभाग को जांच के आदेश दिए। प्रारंभिक शिक्षा निदेशालय से जांच के लिए चार लोगों की कमेटी बनाई गई। इस कमेटी को शनिवार को ही रिपोर्ट देने को कहा गया था, लेकिन अब यह रिपोर्ट सोमवार को आएगी। इसी रिपोर्ट के आधार पर प्रारंभिक शिक्षा निदेशालय अगला फैसला लेगा, लेकिन सोशल मीडिया के माध्यम से मामला बाहर आने के बाद कई जिलों के डिप्टी डायरेक्टर सिलेक्ट किए गए बीएड अभ्यर्थियों को फोन कर नियुक्ति आदेश वापस लेने की बात कह रहे हैं। दरअसल, यह मामला मंडी के एक बीएड अभ्यर्थी को शिमला और कुल्लू दोनों जिलों में जेबीटी के पद पर नियुक्ति देने से बाहर आया। इस अभ्यर्थी की ग्रेजुएशन में प्रतिशतता 40.5 फीसदी थी और काउंसिलिंग में इसे नॉट एलिजिबल बताया गया था, लेकिन फिर शिमला और कुल्लू दोनों जिलों में नियुक्ति हो गई। इसी तरह के दो-तीन केस और हैं, जहां ग्रेजुएशन के अंक 50 फीसदी या आरक्षित वर्गों की सूरत में 45 फीसदी नहीं हैं। इसके बाद प्रारंभिक शिक्षा निदेशालय ने ज्वाइट कंट्रोलर मस्तराम बैंस की अध्यक्षता में चार सदस्यों की कमेटी बनाई है। इस कमेटी को डिप्टी डायरेक्टर एलीमेंट्री एजुकेशन शिमला के कार्यालय में जांच करने को कहा गया है। दूसरी तरफ जेबीटी अभ्यर्थियों ने आरोप लगाया है कि यह कुछ मामले तो उन्होंने पकड़े हैं लेकिन यह धांधली बड़े स्तर की है। शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने कोर्ट के आदेशों की अवमानना करते हुए बीएड अभ्यर्थियों को जेबीटी के पदों पर लगाने के लिए अनावश्यक जल्दबाजी की है।
रिपोर्ट आने के बाद लेंगे अगला कदम
प्रारंभिक शिक्षा विभाग के निदेशक घनश्याम चंद ने बताया कि मामला ध्यान में आने के बाद जांच के आदेश दे दिए हैं। यह भर्ती बेशक 2018 के भर्ती नियमों के अनुसार बैचवाइज हो रही थी, लेकिन पता यह चला है कि 2021 में एनसीटीई ने पोस्ट ग्रेजुएशन में 50 फ़ीसदी अंकों की शर्त को भी ऐड कर दिया था। हो सकता है इस वजह से कोई गड़बड़ हुई हो। अब जांच रिपोर्ट आने के बाद ही विभाग अगला कदम उठाएगा।
स्कूल में सेवाएं तक दे दीं
कुल्लू के उपनिदेशक ने बंजार के बशीर स्कूल में नियुक्ति दी, वहीं उपनिदेशक अब इस अभ्यर्थी को फोन के जरिए यह नियुक्ति आदेश वापस लेने की बात कह रहे हैं। इस अभ्यर्थी ने 13 से 16 जून तक कुल्लू जिला के स्कूल में सेवाएं भी दे दी। इसी तरह के कुछ मामले और हैं। अब बड़ा सवाल यह है कि बैचवाइज भर्ती में यदि इस तरह की चूक होगी तो सरकारी सिस्टम पर भरोसा कैसे होगा?
By Divya Himachal
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